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Prayagraj: देश- विदेश से आये लोग एक ही शिविर में कर रहे कल्पवास और क्रिया योग का अभ्यास
Prayagraj News : प्रयागराज के माघ मेले में हर रोज क्रिया योगा आश्रम के शिविर में अनूठी पाठशाला चलती रहती है। इस पाठशाला में करीब 100 विदेशी सैलानी उस योग विद्या का प्रदर्शन करते हैं।
Prayagraj Magh Mela: प्रयागराज के संगम तट पर इन दिनों आस्था का जनसैलाब देखने को मिल रहा है। 47 दिनों तक चलने वाले धार्मिक माघ मेले में देश-विदेश से लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम तट पहुंच रहे हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु कल्पवास भी करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में संगम की रेत पर बसा क्रिया योगा आश्रम का शिविर आकर्षण (Camp Attraction of Kriya Yoga Ashram) का केंद्र बना हुआ है।
क्रिया योगा आश्रम के शिविर में लोगों का तांता
इस शिविर में हिंदू ,मुस्लिम, सिख , इसाई के साथ साथ सभी धर्मों के लोग और विदेशों की एक टोली भी कल्पवास करती हुई नजर आ रही है। सभी लोग क्रिया योग करते हुए नजर आते हैं। हर रोज शाम 4:30 बजे क्रिया योगा आश्रम के शिविर में सैकड़ों की संख्या में लोग क्रिया योग का अभ्यास करते हैं और धार्मिक महत्व को समझ रहे हैं। क्रिया योग आश्रम के संस्थापक योगी सत्यम महाराज की बात माने तो उनका कहना है कि वह बीते 40 सालों से क्रिया योग का अभ्यास लोगों को करवा रहे हैं।
दूर दूर से आते हैं श्रद्धालू
हर साल सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु देश और विदेश से उनके शिविर में आते हैं। 1 महीने तक कल्पवास करते हैं, और हर रोज क्रियायोग का ध्यान करते हैं। इस बार भी देश के अलग-अलग राज्यों से लोग आए हुए हैं। अगर विदेशियों की बात करें तो साउथ अफ्रीका ,यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका से लोग आए हुए हैं ।
प्रयागराज के माघ मेले में हर रोज क्रिया योगा आश्रम के शिविर में अनूठी पाठशाला चलती रहती है। इस पाठशाला में करीब 100 विदेशी सैलानी उस योग विद्या का प्रदर्शन करते हैं, जिसे अपनाकर हमारे ऋषि- मुनि और पूर्वज न सिर्फ खुद को चुस्त- दुरुस्त रखते थे, बल्कि अपने जीवन को खुशहाल भी बनाते थे। मौजूदा दौर में हम अपनी इस विरासत को भूल से गए हैं, तो ऐसे वक्त में सात समंदर पार से आए विदेशी सैलानी हमें बेहतर ज़िंदगी बिताने के लिए योग के नायब नुस्खे को अपनाने की नसीहत दे रहे हैं।
डेढ़ घंटे तक योग साधना का प्रदर्शन
खास बात यह है कि एक ही शिविर में देश के कोने-कोने से आए लोगों का और विदेश से अलग अलग देशों से आए लोग का संगम देखने को मिलता है। ये सैलानी इस पाठशाला के ज़रिये यह बताते हैं कि योग विद्या से जुड़ने के बाद उनकी ज़िंदगी में किस तरह का बदलाव आया और उन्हें इसका कितना फायदा हुआ है। सैलानियों की यह टोली करीब डेढ़ घंटे तक अपनी योग साधना का प्रदर्शन करती है। योग की पाठशाला में अपनी कला का प्रदर्शन करने और मेले में आए लोगों को सन्देश देने के बाद यह विदेशी सैलानी रोज़ाना गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं।
गंगा का आचमन करते हैं और स्नान कर अपने पापों से मुक्त होने की कामना करते हैं। इन विदेशियों का कहना है कि मेले में आने के बाद वह अपना हर दुःख- दर्द भूल गए हैं। आश्रम के महंत योगी सत्यम का कहना है कि क्रिया योग के महत्व को विदेश के कोने कोने से आये लोग समझ रहे है और देेश के अलग अलग राज्यो से आये लोगो के साथ क्रिया योग कर रहे है।
14 जनवरी से शुरू हुआ था माघ मेला
आपको बता दें 14 जनवरी से शुरू हुए माघ मेले का समापन 1 मार्च 2022 को हो रहा है ।1 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व है ,जिसके बाद माघ मेला की समाप्ति हो जाएगी। हालांकि 16 फरवरी को माघ मेले का पांचवा स्नान पर्व माघी पूर्णिमा का है । इस दिन 1 महीने तक चलने वाले कल्पवास का भी समापन हो जाता है हालांकि कुछ कल्पवासी त्रिजटा स्नान के बाद कल्पवास पूरा करते हैं।