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Prayagraj Magh Mela: माघ मेले में साधु-संतों का आना शुरू, 14 जनवरी से है शुरुआत, 47 दिनों के लिए बस रहा तंबुओं का शहर
Prayagraj Magh Mela : 47 दिनों तक दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला (47 days ka magh mela) का आयोजन हो रहा है
Prayagraj Magh Mela : देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले (dharmik Magh mela) के लिए साधु संतों का मेला क्षेत्र में आना शुरू हो गया है आपको बता दें 14 जनवरी से संगम तट पर 47 दिनों तक दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला (47 days ka magh mela) का आयोजन हो रहा है ,जिसमें हजारों की संख्या में साधु संत मेला क्षेत्र आते हैं। इसी कड़ी में मेला शुरू होने के 17 दिन पहले से ही साधु संत मेला (Sant mela) क्षेत्र पहुंच रहे हैं और माघ मेले (Magh Mela) की तैयारियों में जुट गए हैं । यह सभी साधु संत (sadhu sant) देश के अलग-अलग कोने से आये हुए हैं और मेले के सभी स्नान पर्व पर हिस्सा लेते हैं।
मेला कार्य की तैयारियों में थोड़ी कमी
साधु संत प्रशासन (Sadhu sant prashsan) द्वारा दी गई जमीनों पर अपनी पूजा साधना और कलप वासियों के लिए अच्छी सुविधा देने के लिए अभी से ही व्यवस्था करने में जुट गए हैं । पूरे 47 दिनों तक पूरे संगम क्षेत्र में धार्मिक गानों (dharmik gana) की गूंज रहती है और भारी संख्या में देश दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम तट (Shradhlu sangam) पर आते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं । समय से पहले आए साधु-संतों का कहना है कि इस बार दोनों नदियों में आई बाढ़ की वजह से मेला कार्य की तैयारियों में थोड़ी कमी रह गई है और इसी को ध्यान में रखते हुए वह पहले से ही संगम तट पर आ गए हैं। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि 14 जनवरी से पहले सभी निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे, लेकिन बेतहाशा ठंड की वजह से कार्य की गति में तेजी नहीं देखी जा रही है। संगम क्षेत्र में साधु संतों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है कोई महाराष्ट्र से तो कोई मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से तो कोई राजस्थान (Rajasthan) से साधु संत आए हुए हैं और माघ मेले की तैयारियों में जुट गए हैं।
22 दिसंबर से मेला प्रशासन ने जमीनों के आवंटन की शुरुआत कर
गौरतलब है कि संगम तट पर हर साल लगने वाले माघ मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने तो आते ही हैं साथ ही साथ हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से साधु संत भी संगम की रेती पर कल्पवास करने के लिए हर साल आते हैं।मान्यता है कि जो भी साधु संत या श्रद्धालु संगम की रेती पर 1 महीने तक कल्पवास करता हैै, तो उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ उसके जीवन काल में हर परेशानियां भी दूर होती हैं । हालांकि साधु संत अभी से ही संगम तट आकर के अपने पंडाल को बनाने और सजाने के कार्य में जुट गए हैं ।आपको बता दें 22 दिसंबर से ही मेला प्रशासन ने जमीनों के आवंटन की शुरुआत कर दी थी । जिसके बाद साधु संतों और अन्य संस्थानों को जमीन आवंटित का कार्य तेजी से चल रहा है।
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