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Priyanka Gandhi पर कांग्रेसियों ने बोला हमला, क्या है फिरोज गांधी की कब्र पर धरना-प्रदर्शन करने का कारण
गांधी परिवार ने महान स्वतंत्रता सेनानी पूर्व सांसद फिरोज गांधी (firoz gandhi) के कब्र की कभी सुध नहीं ली। जिसके चलते यहां की हालत बेहद ख़राब है।
Prayagraj News: गांधी परिवार (gandhi parivar) पर स्वतंत्रता सेनानी पूर्व सांसद फिरोज गांधी (firoz gandhi) की समाधि स्थल की अनदेखी का आरोप लगाते हुए प्रयागराज में नाराज कांग्रेस नेता कब्रिस्तान में धरने पर बैठ गए हैं। नाराज कांग्रेसियों का कहना है कि वर्षों से गांधी परिवार ने महान स्वतंत्रता सेनानी पूर्व सांसद फिरोज गांधी (firoz gandhi) के कब्र की कभी सुध नहीं ली। जिसके चलते यहां की हालत बेहद ख़राब है। कब्रिस्तान में छुट्टा जानवरों के साथ झाड़ फूस ने यहां पर डेरा जमा लिया है।
धरने पर बैठे कांग्रेसियों का कहना है कि देश की पूर्व प्रधनमंत्री इंदिरा गांधी के पति पूर्व सांसद फिरोज गांधी के समाधि स्थल की बदहाली गांधी परिवार की अनदेखी की वजह से हुई है। कांग्रेसियों का कहना है की जब तक प्रियंका गांधी प्रयागराज में आकर अपने दादा की कब्र की बदहाली दूर करने का कोई सार्थक प्रयास नहीं करती हैं, तब तक यह धरना जारी रहेगा। कांग्रेसियों के मुताबिक वर्षों पहले राहुल गांधी यहां पर आए थे। लेकिन यहां की बदहाली को दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया। स्थानीय कांग्रेसियों ने बहुत पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखकर यहां की दुर्दशा से अवगत कराया था। इसके चलते यहां पर बाउण्ड्रीवाल हो गई थी। लेकिन देखरेख के अभाव के चलते यहां पर झाड़ फूस उग गए हैं। यहां गंदगी का अंबार लगा रहता है।
कोई भी यहां की बदहाली दूर करने के लिए आगे नहीं आता। कांग्रेसियों की नाराजगी गांधी परिवार से भी है। प्रदर्शन कर रहे लाल बाबू साहू ने कहा कि फिरोज गांधी की समाधि स्थल की दुर्दशा नहीं देखी जाती है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मांग है कि वह अपने पूर्वजों का भी ध्यान रखें। कांग्रेस सेवा दल से जुड़े लाल बाबू के मुताबिक यहां की दुर्दशा की वजह गांधी परिवार का यहां पर नहीं आना है। धरने पर बैठे कांग्रेस नेता इरशाद उल्ला ने कहा कि अगर प्रियंका गांधी यहां आतीं हैं तभी फिरोज गांधी के समाधि स्थल की हालत सुधरेगी। प्रयागराज के मम्फोर्डगंज इलाके में स्थित इस कब्रिस्तान में जन्मतिथि और पुण्यतिथि पर गिने चुने कांग्रेसी ही फुल चढ़ाने के लिए आते हैं। लेकिन गांधी परिवार का कोई सदस्य वर्षों से यहां पर नहीं आया है।