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Waseem Rizvi conversion: वसीम रिजवी पर देशद्रोह का मुकदमा और लीगल एक्शन की उठाई गई मांग, मामला हाई कोर्ट पहुंचा

Waseem Rizvi conversion: हजरत ख्वाजा गरीब नवाज एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी आज प्रयागराज पहुंचकर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वसीम रिजवी के खिलाफ याचिका दाखिल की।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Shraddha
Published on: 8 Dec 2021 7:11 PM IST (Updated on: 8 Dec 2021 7:57 PM IST)
वसीम रिजवी पर देशद्रोह का मुकदमा
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वसीम रिजवी पर देशद्रोह का मुकदमा (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Waseem Rizvi conversion News: शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Former Chairman Wasim Rizvi) द्वारा हिंदू धर्म अपनाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) पहुंच गया है । ख्वाजा गरीब नवाज एसोसिएशन (Khwaja Garib Nawaz Association) की तरफ से इस मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है जिसमें वसीम के ऊपर रासुका लगाने की मांग की गई है।

याचिका कर्ता का कहना है कि वसीम रिजवी अपने बयानों और अपनी लिखी पुस्तक मोहम्मद के जरिए इस्लाम की छवि खराब कर रहा है जिसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है लिहाजा वसीम रिजवी पर देश द्रोह का मुकदमा चलाते हुए उन पर लीगल एक्शन लिया जाए और वसीम रिजवी के सोशल मीडिया के कंटेंट को डिलीट किया जाय।

हजरत ख्वाजा गरीब नवाज एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी (Secretary Mohammad Yusuf Umar Ansari) आज प्रयागराज पहुंचे जहां उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल की। याचिकाकर्ता का कहना है कि किसी भी राजनीति में हमारे पैगंबर मोहम्मद और पवित्र ग्रंथ कुरान को घसीटना उचित नहीं है।

इसी वजह से उन्होंने वसीम रिजवी के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की है उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी लगातार विवादित बयान देते हुए आ रहे हैं जिसकी वजह से पूरे विश्व में माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने याचिका में मांग की है कि वसीम रिज़वी के ऊपर रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। साथ ही साथ विवादित बयानों को प्रतिबंधित किया जाए और सोशल मीडिया से डिलीट करवाया जाए।

याचिकाकर्ता मोहम्मद यूसुफ उमर ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब कि दुनिया भर में इबादत की जाती है और पवित्र ग्रंथ कुरान भी 58 इस्लामिक देशों में माना व पढ़ा जाता है इसमें कोई भी संशोधन नहीं किया जा सकता है। पूरे विश्व में एक ही किताब पब्लिश होती है उसमें टिप्पणी करना या संशोधन की बात करना सिर्फ विश्वस्तरीय माहौल बिगाड़ने से ज्यादा और कुछ नहीं। वसीम रिजवी भारत की संस्कृति सभ्यता एकता अखंडता को तोड़ने का काम कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी ने कहा कि वसीम रिजवी का एक बड़ा अपराधिक इतिहास है तकरीबन 27 मुकदमे उनके खिलाफ दर्ज है । जिसमें 1 दर्जन से अधिक 120 बी के मुकदमा 302 से लेकर के एक लंबी चौड़ी फेरिस्ट है। ऐसे में जिसका इतना लंबा चौड़ा अपराधिक इतिहास है वो लेखक नहीं हो सकता है। एक क्रिमिनल नेचर और आपराधिक छवि वाले व्यक्ति द्वारा लिखी गई किताब एक क्रिमिनल किताब है । पूरी की पूरी किताब क्रिमनल तथ्यों पर आधारित हैं जिसका वह विरोध कर रहे हैं और इस किताब पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं।

याचिकाकर्ता की वकील सहर नकवी का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर वसीम रिज़वी के खिलाफ इलाहाबाद हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। उम्मीद है इस मामले पर हाईकोर्ट सुनवाई करके जल्द फैसला सुनाएगा। याचिका में वसीम रिजवी की किताब को प्रतिबंधित करना साथ ही साथ जितने भी उनके बयान है उनको सोशल साइट से डिलीट कराने की मांग की गई है।

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