International Women's Day 2022: महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है अध्यापिका अनीता सिंह

International Women Day 2022: संत कबीर नगर जिले में अनीता सिंह ने ही सबसे पहले ऑनलाइन क्लास की शुरुआत करते हुए छात्र छात्राओं को शिक्षा देने का काम किया था, जो सबके लिए प्रेरणा का काम था।

Amit Pandey
Report Amit PandeyPublished By Ragini Sinha
Updated on: 8 March 2022 8:52 AM GMT
Sant kabir nagar
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सहायक अध्यापिका अनीता सिंह 

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International Women Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम एक ऐसी महिला की कहानी सुनाएंगे, जो आपको प्रेरित करेगी। संत कबीर नगर जिले में रहने वाली एक ऐसी महिला है, जिसने अब तक समाज के लिए ऐसा काम किया है जो पूरे संत कबीर नगर जिले में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में एक नजीर है।

हम बात कर रहे हैं खलीलाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मंझरिया में तैनात सहायक अध्यापिका अनीता सिंह की जिन्होंने खुद के बल पर बेहतर काम करते हुए एक मुकाम हासिल करने का काम किया।


छात्र-छात्राओं के लिए घर पर लाइब्रेरी का निर्माण कराया

अब हम आपको सहायक अध्यापिका अनीता सिंह के हर उस कार्य की चर्चा करेंगे, जो समाज के लिए किसी नजीर से कम नहीं। अनीता सिंह ने अपने सरकारी विद्यालय को ट्रेन की शक्ल में उतारा है। यह विद्यालय प्रदेश का सबसे पहला विद्यालय था, जिसको इन्होंने ट्रेन की शक्ल में उतारा था।


इसके लिए इन को सम्मानित भी किया गया था। वही, अनीता सिंह ने गरीब छात्र-छात्राओं के लिए अपने घर पर खुद लाइब्रेरी का निर्माण कराया है। लाइब्रेरी में लगभग 500 प्रकार की किताबें रखी गई है। जहां पर बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग भी पहुंचकर किताबों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करते हैं।


सबसे पहले ऑनलाइन क्लास की शुरुआत

सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने कोरोना काल में भी बेहतर काम किया था। संत कबीर नगर जिले में अनीता सिंह ने ही सबसे पहले ऑनलाइन क्लास की शुरुआत करते हुए छात्र छात्राओं को शिक्षा देने का काम किया था। वही, गांव में शिक्षा से वंचित छात्र छात्राओं और बुजुर्गों के लिए गांव गांव लाइब्रेरी का निर्माण भी अनीता सिंह ने कराया है। आज भी कई गांवों में अनीता सिंह की लाइब्रेरी लोगों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक नजीर साबित हो रही है।


महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं

वही, अनीता सिंह हर विश्व बुजुर्ग दिवस पर पहुंचकर वृद्धा आश्रम में बुजुर्गों के साथ खुशियां मनाते हैं और उनके दुख को साझा करती है। न्यूज़ ट्रैक से बातचीत में अध्यापिका अनीता सिंह ने बताया कि उन्हें ऐसा कार्य करने से एक आत्म संतुष्टि मिलती है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अन्य लोगों से भी अपील की है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। हौसले के बल पर कोई भी कार्य किया जा सकता है।

Ragini Sinha

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