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santkabirnagar news: जनता पूछ रही सवाल, कब दुरुस्त होंगी गांव की ये बदहाल सड़कें
सत्ता में आते ही योगी सरकार ने सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त का एलान किया था, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है।
Santkabirnagar News: सत्ता में आते ही योगी सरकार ने सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त का एलान किया था, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है। जिले की अधिकतर सड़कें ऐसी हैं जिनपर न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की नजर पड़ रही है और न ही जिले के अधिकारियों की। बदहाल सड़कों के कारण लोगों को जलभराव व कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है, सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से आए दिन वाहन चालकों व राहगीरों को अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है। बरसात ने लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली की पोल खोल कर रख दी है।
विभाग द्वारा सड़कों का उचित रख रखाव न कर पाने के कारण बरसात का सारा पानी सड़कों पर भर जाता है, जिस कारण सड़कें जहां तालाब का रूप ले ली हैं यह समझ पान मुश्किल हो जाता है कि सड़क में गड्ढे हैं यहा फिर गड्ढों में सड़क है। बता दें कि पूरा मामला संतकबीरनगर जनपद के सबसे बड़े विकास खंड सेमरियावां क्षेत्र के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान मोहम्मद अहमद के नेतृत्व में नौवाडीह ग्राम सभा से एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी दिव्या मित्तल को शिकायती पत्र देकर सड़क और नाली निर्माण करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा कि 5000 आबादी वाले ग्राम पंचायत नावाडीह द्वितीय मार्ग 15 वर्षों से बदहाल पड़ा हुआ है, स्थिति यह है कि जल निकासी की व्यवस्था न होने से साल में 6 माह तक गांव में जलभराव की स्थिति बनी रहती है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा तथा आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते क्षेत्र के दर्जनों गांवों के आवागमन के मुख्य मार्ग पर जलभराव होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी कठिनाई बच्चों के लिए है जो पढ़ने के लिए नहीं जा पा रहे हैं, समस्या का समाधान न होने पर ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे। वहीं ग्रामीण मोहम्मद अरमान ने कहा कि चुनाव के वक्त लोगों द्वारा विकास का मुद्दा उठाया जाता है, लेकिन जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद क्षेत्र में कभी दिखाई नहीं देते, जिससे विकास का दावा क्षेत्र के लिए अभी तक सिर्फ छलावा ही साबित हुआ है। जबकि उजियार क्षेत्र सांसद और विधायक का भविष्य तय करता है, फिर भी छला जाता है।