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UP Election 2022: क्या प्रत्याशियों की घोषणा में देरी सपा के लिए बन सकती है आत्मघाती ?

सियासी चक्रव्यूह के समय पक्ष और विपक्ष के बीच छिड़ी जंग में समय की महत्ता महत्वपूर्ण होती है।

Amit Pandey
Report Amit PandeyPublished By Divyanshu Rao
Published on: 4 Feb 2022 10:35 PM IST
UP Election 2022
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सपा पार्टी के झंडे की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

UP Election 2022: संतकबीरनगर जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर सत्ताधारी भाजपा गठबंधन ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करके फिलहाल खुद को चुनाव की ड्राइवरिंग सीट पर स्थापित कर लिया है। इसके विपरीत मुख्य विपक्षी दल सपा में प्रत्याशी चयन को लेकर चल रही कशमकश पार्टी के लिए आत्मघाती कदम साबित हो सकता है।

सियासी चक्रव्यूह के समय पक्ष और विपक्ष के बीच छिड़ी जंग में समय की महत्ता महत्वपूर्ण होती है। भाजपा गठबंधन ने मेहदावल से जहां अनिल त्रिपाठी, खलीलाबाद से अंकुर राज त्रिपाठी और धनघटा से गणेश चौहान को अपना प्रत्याशी घोषित करके खुद को मुकाबले के शीर्ष पर स्थापित करने का प्रयास किया।

समाजवादी पार्टी के झंडे की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

वहीं विपक्षी सपा गठबंधन में प्रत्याशियों के नाम को लेकर चल रही ऊहापोह विपक्षी गठबंधन के लिए घातक साबित हो सकती है। मेंहदावल में जहां पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद, जयराम पांडेय और पूर्व विधायक अब्दुल कलाम के बीच फंसा है, वहीं खलीलाबाद में सपा को पंचायत चुनाव में भाजपा ने रह कर ताकत देने वाले सदर विधायक दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे और बसपा के पूर्व विधानसभा प्रभारी सुबोध यादव के बीच जबरदस्त रस्साकसी देखी जा रही है।

धनघटा में सपा सुभासपा गठबंधन से अलगू चौहान, अंकिता बॉबी निगम, लालजी प्रसाद के बीच चल रही जंग ने पार्टी को उलझन में डाल दिया है। लगातार इंतजार में जुटे सपा कार्यकर्ताओं को भी अपने कंडीडेट के इंतजार में मायूस होना पड़ रहा है। अगर आने वाले चंद घंटों में सपा गठबंधन से प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ तो पार्टी को आने वाले दिनों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

Divyanshu Rao

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