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Varanasi News: गौरी केदारेश्वर मंदिर को नगर निगम ने थमाया नोटिस, शुरु हुई सियासत
धर्म नगरी काशी में शिवभक्त गुस्से में हैं। इसकी वजह है नगर निगम की एक कार्यवाही। दरअसल वाराणसी नगर निगम ने काशी के प्रसिद्ध गौरी केदारेश्वर मंदिर को गृहकर और जलकल का नोटिस थमा दिया है।
वाराणसी: धर्म नगरी काशी में शिवभक्त गुस्से में हैं। इसकी वजह है नगर निगम की एक कार्यवाही। दरअसल वाराणसी (Varanasi) नगर निगम ने काशी के प्रसिद्ध गौरी केदारेश्वर मंदिर (Gauri Kedareshwar temple) को गृहकर और जलकल का नोटिस थमा दिया है। अब ये मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। समाजवादी पार्टी ने अब इस मसले को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल सावन के महीने में काशी का प्रसिद्ध गौरी केदारेश्वर मंदिर राजनीति का अखाड़ा बन गया है। मंदिर में दर्शन पूजन के साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है। वजह है नगर निगम की ओर से भेजी गई ये नोटिस। वाराणसी नगर निगम (Varanasi Municipal Corporation) ने मंदिर को चालीस हजार साथ सौ छियासी रूपये का गृहकर नोटिस भेज दिया है। अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा के अनुसार नोटिस मंदिर को नहीं बल्कि मंदिर के बाहर दुकानों को दिया है। हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद नगर निगम जाँच की बात कह रहा है।
अब ये नगर निगम की लापरवाही है या मानवीय भूल। जो भी हो लेकिन लेकिन इसे लेकर विवाद शुरु जो गया है। समाजवादी पार्टी ने नगर निगम की इस कार्यवाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता शालिनी यादव ने इस फैसले को आस्था पर कुठराघात बताया है। इस बीच मंदिर प्रशासन ने नगर निगम के नोटिस की बात दबे जुबान से स्वीकार तो की है, लेकिन वो नगर निगम की मुखालफत करने से हिचक रहा है।
गौरी केदारेश्वर मंदिर को द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रतिक के तौर पर देखा जाता है। सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर की अलग महत्ता है। बावजूद इसके नगर निगम ने इस मदिर को भवन दिखाते हुए नोटिस जारी कर दिया है। जबकि नियमों के मुताबिक धार्मिक स्थल हाउस टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं और शायद यही बात काशी के शिवभक्तों को नागवार गुजर रही है।