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Varanasi News : वाराणसी के रमना में कचरे से बिजली बनाने का प्लांट होगा तैयार, जानें यह वजह
Varanasi News : वाराणसी में कचरे से ऊर्जा प्लांट बनाने की नई पहल शुरू हो गई है। इस प्लांट में सवा साल का समय लगेगा।
Varanasi News : वाराणसी में कचरे (Garbage) से ऊर्जा प्लांट (Power Plant) बनाने की नई पहल शुरू हो गई है। कचरे से बिजली (Lightning) बनाने वाले प्लांट में सवा साल का समय लगेगा। एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (NTPC Vidyut Vyapar Nigam) ने रमना (Ramna) में कचरे से बिजली बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि ईपीसी पैकेज (EPC Package) के लिए दो चरण के आधार पर ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की है। यह प्रक्रिया 22 जून को शुरू हुई थी और 27 जुलाई को समाप्त होगी। इस निविदा प्रक्रिया के क्रम में शुक्रवार को एनटीपीसी (NTPC) ने आमंत्रित कंपनियों की कार्य क्षमता का परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि कचरे से बिजली बनने की प्रक्रिया में 600 टन प्रतिदिन कचरे (Garbage) की जरुरत होगी।
बताया जा रहा है कि नगर निगम (Municipal Corporation) के विभिन्न इलाकों में 10 छोटे प्लांटों को स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार हुआ है। सीएसआर फंड ( CSR Fund) से इन प्लांटों की स्थापना होनी थी। यह प्लांट रसोई घर से बिजली बनाने का था। लेकिन अभी 10 छोटे प्लांटों में से 3 प्लांट स्थापित हुए हैं। इसमें से पहला प्लांट पहड़िया मंडी दूसरा भवनिया पोखरी और तीसरा प्लांट आइडीएच कालोनी है। यहां पर प्लांट तो स्थापित है लेकिन अभी संचालन नहीं हुआ है।
एनटीपीसी ने दादरी चरण 1 (Dadri Phase 1) में एक डेमो व पायलट टारफेक्शन प्लांट (Pilot Tarfaction Plant) स्थापित किया है। वाराणसी के रमना में अभी नगर निगम की जमीन पर कचरा डंप किया जाता जा रहा है। लेकिन वर्तमान में ग्रामीणों के विरोध से कचरा नहीं फेका जा रहा है। इस प्लांट के निर्माण में 300 करोड़ रुपये का आकलन किया जा रहा है। कचरे से बिजली बनाने वाले प्लांट में लगभग 30 सितम्बर 2022 तक का समय लगेगा।