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Pm Modi visit: काशी विश्वनाथ धाम के जरिए हिंदुत्व को धार देने की तैयारी, लोकार्पण समारोह को बिग शो बनाने में जुटी सरकार
PM Modi Visit : पीएम मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम (13 December ko Kashi Vishwanath Dham main pm modi) के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे।
Pm Modi visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi visit) का आगामी 13 दिसंबर को प्रस्तावित काशी दौरा (Kashi doura) सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम (13 December ko Kashi Vishwanath Dham main pm modi) के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। वैसे मां गंगा से काशी विश्वनाथ धाम को जोड़ने के लिए घाट निर्माण और कुछ अन्य काम दूसरे चरण में पूरे होंगे। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Up Election 2022) को देखते हुए प्रदेश सरकार और भाजपा (BJP) काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण समारोह को बिग शो बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। दरअसल, अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम (Bhagwan Ram) के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद अब काशी विश्वनाथ धाम के जरिए हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की तैयारी है। भाजपा (BJP) के साथ केंद्र और राज्य सरकारें भी इस कार्यक्रम को वैश्विक पटल पर प्रसारित करने की तैयारी में जुटी हुई हैं। भाजपा व प्रदेश सरकार (BJP government) की इन कोशिशों से साफ हो गया है कि काशी आने वाले दिनों में चुनावी रणनीति का बड़ा केंद्र बनेगी। धार्मिक महत्ता के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pradhanmantri Narendera Modi) का संसदीय क्षेत्र होने के कारण काशी पहले से ही भाजपा के टॉप एजेंडे में रही है। अब काशी के जरिए पूरे देश के धर्मावलंबियों को बड़ा संदेश देने की तैयारी है।
पहले चरण का लोकार्पण करेंगे पीएम मोदी
काशी विश्वनाथ धाम की परियोजना (Kashi Vishwanath dham pariyojna) को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। पीएमओ (PMO) की ओर से पहले चरण के लोकार्पण के लिए 13 दिसंबर की तारीख की मंजूरी मिल चुकी है। पूरा प्रशासनिक अमला पहले चरण का काम पूरा कराने की तैयारियों में जुटा हुआ है। पीएम मोदी पहले चरण में 50,000 वर्ग मीटर में 434 करोड़ रुपए की परियोजना को बाबा के भक्तों को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को इस परियोजना का शिलान्यास किया था। अब करीब 700 करोड़ रुपए की यह परियोजना साकार हो रही है। पहले चरण में काशी विश्वनाथ का दर्शन (kashi vishwanath ke Darshan) करने के लिए आने वाले देश भर के पर्यटकों के लिए काफी सुविधाएं बढ़ाई गई है। लोकार्पण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और जग्गी वासुदेव भी मौजूद रहेंगे। इन दोनों के अलावा देश के कई प्रमुख धर्माचार्य भी 13 दिसंबर को आयोजित होने वाले लोकार्पण समारोह में हिस्सा लेंगे।
पूरे देश के धर्मावलंबियों को जोड़ने की कोशिश
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही धाम में एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू होगी। इसके जरिए पूरे देश के धर्मावलंबियों को मिशन काशी पूरा होने का संदेश देने की कोशिश है। काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे पहुंच रहे हैं। जानकारों के मुताबिक वे काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण कार्यों के साथ ही पीएम के हाथों लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही वे एक महीने तक चलने वाले महाअभियान की रूपरेखा भी तय करेंगे। काशी विश्वनाथ धाम की महत्वाकांक्षी परियोजना पूरी होने के बाद अब प्रदेश सरकार इस बाबत पूरी दुनिया को बड़ा संदेश देना चाहती है। इसके साथ ही भाजपा और प्रदेश सरकार की कोशिश हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की भी है। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।
देशभर से श्रद्धालु पहुंचेंगे विश्वनाथ धाम
एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन में देशभर के उद्योगपतियों, राजनीतिक हस्तियों, जनप्रतिनिधियों, साधु-संतों और समाज के हर वर्ग से जुड़े लोगों को जोड़ने की योजना है। माना जा रहा है कि इस दौरान देशभर से श्रद्धालु बाबा के धाम की झलक देखने के लिए काशी पहुंचेंगे। इसके लिए रेलवे की ओर से विशेष ट्रेन चलाने के साथ ही विशेष विमान और स्पेशल बसों का संचालन भी किया जाएगा। सियासी जानकारों का कहना है कि प्रदेश सरकार एक सोची-समझी रणनीति के तहत इस पूरे आयोजन को बड़ा रूप देने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार की मदद में जुटा हुआ है और आने वाले दिनों में इसका असर दिखने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े इस प्रोजेक्ट पर पूरी निगाह रखे हुए हैं क्योंकि उन्हें पता है कि इसके जरिए देश के हिंदुओं को बढ़ा संदेश दिया जा सकता है।
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