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Kashi Vishwanath Temple: मंदिर में अब नंगे पांव नहीं करनी होगी ड्यूटी, PM मोदी की पहल पर बांटे गए जूट के विशेष जूते
Kashi Vishwanath Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों, सेवादारों और सफाई कर्मियों को विश्वनाथ मंदिर में नंगे पांव ड्यूटी नहीं करनी होगी।
Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बाबा के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। कोरोना के जबर्दस्त संक्रमण के बीच भक्तों की भीड़ से परेशान प्रशासन ने अब गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा। भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन और जलाभिषेक करना होगा। जलाभिषेक के लिए मंदिर परिसर में विशेष पात्र लगाए जा रहे हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों (security personnel) , सेवादारों (Servants) और सफाई कर्मियों (sweepers) की एक बड़ी परेशानी दूर कर दी है। अब इन सभी को विश्वनाथ मंदिर में नंगे पांव ड्यूटी नहीं करनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर इन सभी के लिए दिल्ली से जूट के बने विशेष जूते (jute shoes) भेजे गए हैं। एनवायरमेंट फ्रेंडली (environment friendly) इन जूतों को पहनकर ठंड के इस मौसम में ड्यूटी देना आसान होगा। मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वालों को रविवार को इन जूतों का वितरण किया गया।
ठंड में होती थी काफी दिक्कत
काशी विश्वनाथ धाम में ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों और सफाई कर्मियों को लंबे समय से एक विशेष दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। मंदिर परिसर में जूते और चप्पल पहनने पर रोक होने के कारण ठंड के मौसम में भी उन्हें नंगे पांव ड्यूटी देनी पड़ती थी। प्रधानमंत्री मोदी को भी इस बाबत जानकारी मिली थी कि ठंड में सीआरपीएफ, पुलिस, अर्चक, सेवादार और सफाईकर्मी नंगे पांव ड्यूटी करने पर मजबूर हैं। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर दिल्ली से जूट के बने सौ विशेष जूते इन कर्मचारियों के लिए भेजे गए हैं। मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वाले इन सभी लोगों को रविवार को जूतों का वितरण किया गया।
जूते पहनने में काफी आरामदायक
मंडलायुक्त ने बताया कि अभी दिल्ली से और भी जूट के विशेष जूते आने वाले हैं और ड्यूटी करने वाले सभी कर्मियों को ये जूते बांटे जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन जूतों की वजह से मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वाले लोगों को काफी सुविधा हो गई है। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर रजित सिंह ने बताया कि ये जूते पहनने में काफी आरामदायक हैं और बाकी कर्मियों को भी जल्द ही जूतों का वितरण कर दिया जाएगा। पहले इन कर्मियों को खड़ाऊ पहनकर ड्यूटी करनी पड़ती थी मगर उसमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी
इस बीच कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि दूसरे शहरों से काफी संख्या में भक्त बाबा का दर्शन-पूजन करने के लिए रोज काशी विश्वनाथ धाम पहुंच रहे हैं। भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए ही प्रशासन की ओर से यह फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था को भी दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है।
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद ही बाबा के दरबार में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ रही है। भक्तों की भीड़ को संभालने में प्रशासन के भी पसीने छूट जा रहे हैं। इसी कारण भक्तों को अब बाहर से झांकी दर्शन कराने की व्यवस्था की गई है। जलाभिषेक के लिए भी विशेष पात्रों की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्य सचिव और डीजीपी ने किया दौरा
प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने भी रविवार को काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। दोनों अफसरों ने दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं को भीड़ से बचाने के लिए क्राउड मैनेजमेंट प्लान बनाने का भी निर्देश दिया।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने दोनों अधिकारियों को नक्शे के माध्यम से मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर की गई व्यवस्था का पूरा विवरण दिया। दोनों अधिकारियों ने मंदिर परिसर मैं भक्तों को मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया।