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Mahashivratri 2022: अज्ञात शख्स ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दान किया 60 किलो सोना, सुनहरा दिखेगा गर्भगृह
60 किलो सोना दान किया है। भगवान भोलेनाथ के दरबार में इस भारी मात्रा में सोना दान करने वाले शख्स ने अपना नाम उजागर नहीं किया है
Mahashivratri 2022: मंगलवार 1 मार्च को महाशिवरात्रि के अवसर पर वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर से एक बेहद ही चौकाने वाली खबर सामने आ रही है। इस खबर के अनुसार एक अज्ञात शख्स ने काशी विश्वनाथ मंदिर को
60 किलो सोना दान किया है। भगवान भोलेनाथ के दरबार में इस भारी मात्रा में सोना दान करने वाले शख्स ने अपना नाम उजागर नहीं किया है
अज्ञात दानी शख्स द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर को दान दिए गए कुल 60 किलो सोने में से कुल 37 किलो सोने का उपयोग काशी विश्वनाथ गर्भगृह के अंदर की दीवारों को सजाने में किया जाएगा।
मंदिर के भीतर दर्शन हेतु प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को इस भारी मात्रा में सोने की झलक देखने को मिली थी, लेकिन वास्तविक रूप से इस विषय में लोगों को तब ज्ञात हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की तस्वीरें बाहर आईं।
मंदिर को दान में मिले सोने के विषय में संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल का कहना है कि-"मंदिर को एक अज्ञात शख्स द्वारा 60 किलो सोना प्राप्त हुआ है, जिसमें से 37 किलो सोने का उपयोग मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को सजाने के लिए किया जाएगा तथा शेष बचे 23 किलो सोने का उपयोग मंदिर की मुख्य संरचना के रूप में स्थित गुंबद के निचले हिस्से को ढकने के लिए किया जाएगा।"
18वीं शताब्दी के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के किसी भी हिस्से पर सोने की परत चढ़ाने का यह दूसरा सबसे बड़ा कार्य होने जा रहा है।
इसी के अनुरूप यदि काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास की बात करें तो वर्ष में 1777 में इंदौर की रानी महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के पुनर्निर्माण के पश्चात पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर को लगभग एक टन सोना दान किया था। इस सोने का उपयोग काशी विश्वनाथ मंदिर के दो गुंबदों को सोने से ढंकने के लिए किया गया था।