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UP Election 2022: मोदी के गढ़ में दस्तक देंगी ममता, जनसभा व रोड शो की तैयारी, बंगाली मतदाताओं में लगाएंगी सेंध

UP Election 2022: 3 मार्च को ममता बनर्जी काशी में रोड शो और सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ संयुक्त सभा करेंगी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 21 Feb 2022 12:15 PM IST
UP Election 2022: मोदी के गढ़ में दस्तक देंगी ममता, जनसभा व रोड शो की तैयारी, बंगाली मतदाताओं में लगाएंगी सेंध
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ममता बनर्जी-अखिलेश यादव (फोटो- न्यूजट्रैक) 

UP Election 2022: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं चूकतीं। ममता की पार्टी टीएमसी (TMC) उत्तर प्रदेश में विधानसभा (UP Vidhan Sabha Chunav) का चुनाव नहीं लड़ रही है, मगर फिर भी ममता सियासी नजरिए से महत्वपूर्ण इस सूबे में भाजपा (BJP) को हराने की कोशिश में जुटी हुई है।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ममता ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का खुलकर साथ दिया है। पिछले दिनों लखनऊ (Lucknow) में उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके भाजपा पर हमला बोला था। अब उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र काशी (Varanasi) में उतरकर भाजपा को सियासी नुकसान पहुंचाने की तैयारी है।

पूर्वांचल में आखिरी चरण का मतदान (Purvanchal Election Date) 7 मार्च को होना है, मगर उससे पहले 3 मार्च को ममता बनर्जी काशी में रोड शो (Mamata Banerjee Road Show In Varanasi) और सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ संयुक्त सभा करेंगी। समाजवादी पार्टी की ओर से ममता के इस कार्यक्रम की जोरदार तैयारियां की जा रही हैं ताकि मोदी के गढ़ में भाजपा को झटका दिया जा सके।

ममता बनर्जी (फाइल फोटो- न्यूजट्रैक)

पुराना हिसाब चुकाने की तैयारी

पिछले साल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ममता के गढ़ में उन्हें ललकारने के लिए उतरे थे। पीएम मोदी ने बंगाल में कई जनसभाएं करके ममता सरकार पर बड़ा हमला बोला था। हालांकि पीएम मोदी समेत भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं की तमाम कोशिशों के बावजूद टीएमसी पश्चिम बंगाल में एक बार फिर बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही।

अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhan Sabha Chunav) के मौके पर ममता मोदी के गढ़ में पहुंचकर उन्हें चुनौती देने की कोशिश में जुटी हुई हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव में ममता ने अभी तक एक भी जनसभा नहीं की है मगर मोदी के गढ़ में वे जनसभा के साथ रोड शो भी करेंगी। इसके जरिए ममता की पीएम मोदी और भाजपा से पुराना हिसाब चुकता करने की तैयारी है।

योगी सरकार पर बोला था हमला

सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी ममता ने योगी सरकार और भाजपा पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने मोदी के गढ़ काशी में जाकर प्रधानमंत्री को घेरने की भी घोषणा की थी। अब अपनी उसी घोषणा पर ममता अमल करने जा रही हैं और माना जा रहा है कि ममता की इस यात्रा के दौरान मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Dham Corridor) भी उनके निशाने पर होगा। माना जा रहा है कि वे काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) भी जाएंगी और बाबा का आशीर्वाद लेकर बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश करेंगी।

बंगाली मतदाताओं को साधने की तैयारी

वाराणसी दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। श्यामदेव राय चौधरी के बाद अब इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व योगी सरकार के मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी कर रहे हैं। चौधरी ने 7 बार इस सीट से चुनाव जीता था। भाजपा ने एक बार फिर डॉक्टर नीलकंठ तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है और माना जा रहा है कि ममता वाराणसी दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश करेंगी।

वाराणसी दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में काफी संख्या में बंगाली मतदाता भी हैं। श्यामदेव राय चौधरी का संबंध भी बंगाली कम्युनिटी से था और भाजपा को बंगाली मतदाताओं का इस चुनाव क्षेत्र में समर्थन मिलता रहा है। अब यह देखने वाली बात होगी कि ममता बंगाली मतदाताओं में सेंध लगाने में कहां तक कामयाब हो पाती हैं। अगर विशेष हमारी में कामयाब रहीं तो भाजपा के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा।


निशाने पर काशी विश्वनाथ वाला इलाका

काशी विश्वनाथ मंदिर का इलाका भी वाराणसी दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में ही आता है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। हालांकि इस प्रोजेक्ट को लेकर विपक्ष की ओर से तमाम सवाल भी खड़े किए जाते रहे हैं। गत दिसंबर महीने में पीएम मोदी ने इस कॉरिडोर का लोकार्पण किया था और भाजपा ने इस कार्यक्रम को बिग शो बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण से काफी संख्या में लोगों को विस्थापित भी होना पड़ा है और सपा की ओर से यह मुद्दा लगातार उठाया जाता रहा है। माना जा रहा है कि ममता अपने कार्यक्रम के जरिए लोगों के इस दर्द को उजागर करने की कोशिश करेंगी और इस बहाने भाजपा पर निशाना साधेंगी।

पूरी ताकत लगाने की तैयारी में सपा

पिछली बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वाराणसी की सभी सीटों पर एक लाख से ज्यादा मत हासिल किए थे मगर सिर्फ वाराणसी दक्षिणी सीट पर पार्टी को 92,560 मत मिले थे। पिछले चुनाव में भाजपा की लहर होने के बावजूद समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर काफी मजबूती से चुनाव लड़ा था। इस बार सपा ने महामृत्युंजय मंदिर के महंत परिवार से जुड़े किशन दीक्षित को चुनाव मैदान में उतारकर भाजपा को घेरने का प्रयास किया है।

सपा ने खास रणनीति के तहत यह कदम उठाया है और सपा नेताओं का मानना है कि पूरी मजबूती से काम करने पर इस सीट को भाजपा से छीना जा सकता है। इसी कारण पार्टी पूरी ताकत लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कड़ी में ममता और अखिलेश के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि इस चुनाव क्षेत्र में भाजपा को पटखनी देकर बड़ा सियासी संदेश दिया जा सके।

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Shreya

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