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UP Election 2022: वाराणसी उत्तरी सीट पर हैट्रिक लगाने की कोशिश में रविंद्र जायसवाल,सपा से मिल रही कांटे की टक्कर

Up election 2022 : यूपी चुनाव में इस बार के बीजेपी प्रत्याशी रविंद्र जायसवाल के खिलाफ सपा ने अशफाक अहमद को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने गुलेराना तबस्सुम को उतारकर अपनी चुनावी संभावनाएं मजबूत बनाने की कोशिश की है।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariPublished By Ragini Sinha
Published on: 5 March 2022 11:56 AM IST
Up election 2022
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बीजेपी प्रत्याशी रविंद्र जायसवाल  (Social media)

Up Election 2022 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendera Modi) के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली वाराणसी उत्तरी विधानसभा सीट (Varanasi North Assembly seat) पर योगी सरकार (Yogi adityanath government) के मंत्री रविंद्र जायसवाल (Bjp candidate Ravindra Jaiswal) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। दो बार इस सीट पर जीत हासिल करने वाले रविंद्र जायसवाल इस बार है।

ट्रिक लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जबकि विपक्षी दलों ने उन्हें मजबूती से घेर रखा है। सपा और कांग्रेस की ओर से मुस्लिम प्रत्याशी उतारे जाने के बाद ध्रुवीकरण का खेल खेलने की कोशिश भी की जा रही है।

अपने घर को बचाए रखने के लिए रविंद्र जायसवाल कड़ी मेहनत कर रहे हैं जबकि सपा इस सीट पर जीत हासिल करके बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश में जुटी हुई है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विधानसभा क्षेत्र में भी रोड शो किया है और माना जा रहा है कि सातवें चरण के मतदान के दौरान इसका असर दिखाई पड़ सकता है।

सपा-भाजपा में होती रही है भिड़ंत

वाराणसी उत्तरी सीट को 1985 तक कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। 1989 के चुनाव में भाजपा के अमरनाथ यादव ने कांग्रेस के इस किले को ध्वस्त करते हुए कमल खिलाने में कामयाबी हासिल की थी। 1993 तक लगातार तीन चुनावों में अमरनाथ यादव इस सीट पर विजयी होते रहे।

1996 में समाजवादी पार्टी ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की। 2002 और 2007 के चुनाव में भी इस सीट पर सपा का कब्जा बरकरार रहा। 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रविंद्र जायसवाल इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर इस सीट पर कामयाबी हासिल की। अब वे लगातार तीसरी बार इस सीट पर जीत हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

2017 में भाजपा को मिली थी बड़ी जीत

2017 के विधानसभा चुनाव में रविंद्र जायसवाल ने वाराणसी उत्तरी विधानसभा सीट पर बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी अब्दुल समद अंसारी को 45 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर खिसक गया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं उतरी थी क्योंकि सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था और गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के कोटे में चली गई थी। पिछले चुनाव में रविंद्र जायसवाल की जीत में ध्रुवीकरण को भी बड़ा कारण माना गया था।

इस बार क्षेत्र में कांटे का मुकाबला

इस बार के विधानसभा चुनाव में रविंद्र जायसवाल के खिलाफ सपा ने अशफाक अहमद को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने गुलेराना तबस्सुम को उतार कर अपनी चुनावी संभावनाएं मजबूत बनाने की कोशिश की है। बसपा के श्याम प्रकाश भी दूसरे प्रत्याशियों को चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

यह सीट भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर के लिए जानी जाती रही है। इस बार भी इन्हीं दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है। दोनों दलों ने मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। अशफाक अहमद पहले भी इस सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें एक बार फिर उतारकर सपा ने मुस्लिम मतदाताओं को गोलबंद करने की कोशिश की है।

शहर उत्तरी का जातीय समीकरण

शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण को देखा जाए तो यहां वैश्य मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख मानी जाती है। मुस्लिम मतदाता भी यहां चुनावी नतीजे तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। 70,000 मुस्लिम मतदाता बड़ी ताकत माने जाते हैं। इन दोनों के अलावा क्षत्रिय और ब्राह्मण मतदाता भी प्रत्याशियों की जीत-हार में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 7000 और क्षत्रिय मतदाता करीब 40,000 हैं।

भाजपा और सपा दोनों ने झोंकी ताकत

वाराणसी शहर में शुक्रवार का दिन सियासी नजरिए से काफी गहमागहमी भरा रहा क्योंकि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा मुखिया अखिलेश यादव दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को चुनावी स्थिति मजबूत बनाने के लिए रोड शो किया है।

दोनों नेताओं के रोड शो में काफी भीड़ उमड़ी थी और माना जा रहा है कि वाराणसी जिले की सीटों पर इसका भी असर दिखेगा। विपक्षी दलों की ओर से की जा रही कड़ी घेराबंदी के बीच अब यह देखने वाली बात होगी कि रविंद्र जायसवाल इस सीट पर हैट्रिक लगाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।



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Ragini Sinha

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