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Varanasi Serial Blast Case: 2006 धमाके पर फैसला आया, मास्टरमाइंड आतंकी वल्लीउल्लाह को फांसी की सजा

Varanasi Serial Blast Case: वाराणसी ब्लास्ट केस में सोमवार को सजा का ऐलान हो गया। कोर्ट ने बम धमाके के मास्टरमाइंड और आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है।

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Written By aman
Published on: 6 Jun 2022 11:07 AM GMT (Updated on: 6 Jun 2022 11:36 AM GMT)
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Varanasi Blast Case: वाराणसी में 16 साल पहले 2006 में हुए सीरियल बम धमाकों (Serial Bomb Blasts) के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई है। गाजियाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने वाराणसी के संकटमोचन मंदिर (Sankat Mochan Temple) और रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर हुए धमाकों में वलीउल्लाह को पहले ही दोषी ठहराया था। वलीउल्लाह 16 साल से इस मामले में जेल में बंद है और अब अदालत ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। सीरियल बम धमाकों के पीड़ितों का कहना था कि उन्हें बेगुनाहों की हत्याएं करने वाले वलीउल्लाह को फांसी की सजा से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। इन बम धमाकों में 18 लोगों की मौत हो गई थी।

बता दें कि, वाराणसी में साल 2006 में सिलसिलेवार बम धमाका हुआ था। उन धमाकों में 18 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 50 अन्य घायल हो गए थे। इसी मामले में गाजियाबाद की सेशन कोर्ट ने आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की कोर्ट में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई। सजा के प्रश्न पर दोनों पक्ष के वकीलों में जिरह हुई। दोनों तरफ के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें भी रखी। आख़िरकार, सजा का ऐलान हुआ। इस चर्चित मामले में पीड़ित के परिजनों को अदालत के फैसले का वर्षों से इंतजार था।

अदालत परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस

गाजियाबाद अदालत परिसर में सोमवार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कोर्ट परिसर जाने वाले तीन रास्तों को बंद कर दिया गया था। सिर्फ एक रास्ता ही खुला रखा गया था। इस रास्ते से चेकिंग के बाद ही अदालत परिसर में प्रवेश दिया जा रहा था। सुरक्षा के लिहाज से चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई थी। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड को भी मौके पर मौजूद रखा गया था।

क्या है मामला?

7 मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाका हुआ था। पहला बम धमाका शाम सवा 6 बजे शहर के लंका थाना क्षेत्र में संकट मोचन मंदिर में हुआ था। इन बम धमाकों में 7 लोग मारे गए थे, जबकि 26 घायल हुए थे। बता दें कि, उस दिन 15 मिनट के भीतर यानी 6:15 बजे से 6:30 बजे के बीच कई धमाके हुए थे। दशाश्वमेध घाट थाना क्षेत्र में, जम्मू रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। पुलिस की मुस्तैदी के चलते यहां विस्फोट होने से बचा गया था।

वाराणसी में वकीलों ने पैरवी से किया था इंकार

मालूम हो, कि वाराणसी जिले में वकीलों ने आतंकी वलीउल्लाह की इस केस में पैरवी करने से मना कर दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद 24 दिसंबर 2006 को इस मामले को सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। धमाकों का मास्टर माइंड और आतंकी वलीउल्लाह प्रयागराज की फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का रहने वाला है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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