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Varanasi News: वाराणसी में चल रहा था नकली वैक्सीन का धंधा, दिल्ली और केरल में थी सप्लाई
Varanasi News: आरोपी शहर की पॉश कॉलोनी में रहते थे और कोरोना की वैक्सीन और जांच किट बनाकर दूसरे राज्यों में भेजते थे।
Varanasi News: वाराणसी (Varanasi) से बड़ी खबर आ रही है, जहां जालसाजों द्वारा जान से खिलवाड़ करने की नकली वैक्सीन (Fake corona vaccine) तैयार की जा रही थी। इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार (5 arrested) किया है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला है कि यह लोग करीब से छह महीने से वाराणसी में रह रहे थे और नकली कोरोना (Fake corona vaccine) वैक्सीन तैयार कर रहे थे।
जानकारी में आया है कि यह लोग शहर की पॉश कॉलोनी में रहते थे और कोरोना की वैक्सीन और जांच किट (testing kit) बनाकर दूसरे राज्यों (other states) में भेजते थे। स्पेशल टास्क फोर्स और इंटेलिजेंस ब्यूरो की संयुक्त कार्रवाई में इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। इनके द्वारा अड्डे के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे मकान से कोविशील्ड के लेवल लगे 720 वायल और 1000 वायल बिना लेबल के मिले हैं। इन टीकों से करीब 17 हजार लोगों को डोज दी जा सकती थी।
आपको बता दें कि छापेमारी में एंटीजन टेस्ट किट के 432 बॉक्स भी मिले हैं। हर बॉक्स में 25 किट हैं। इनसे करीब 11000 लोगों की जांच की जा सकती थी। आपको पता है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिस समय इंजेक्शन रेमेडिसीवर की मारा मारी थी। उस समय बड़ी तादाद में इसके नकली इंजेक्शन भी मिले थे। इस छापेमारी में रेमेडीसीवर के इंजेक्शन का जखीरा भी मिला है।
साथ ही कैडिला की लेवल लगे 822 वायल भी मिले हैं। अभी अपने देश में कैडिला की वैक्सीन को अनुमति नहीं मिली अभी इस वैक्सीन का सिर्फ ट्रायल चल रहा है और अपराधियों ने इसके नकली वायल बनाने भी शुरू कर दिए हैं। जांच टीम को मौके से वैक्सीन पैकिंग मशीन, भारी मात्रा में खाली वायल, ढक्कन व उपकरण भी बरामद हुए हैं।
गिरफ्तार हुए आरोपी
बताया गया है कि गिरफ्तार आरोपियों में सिद्धगिरीबाग में रहने वाले राकेश भवानी चौक इलाके के संदीप शर्मा तथा लहरतारा के बलिया निवासी रमेश विश्वकर्मा, बलिया के रसड़ा निवासी शमशेर और नई दिल्ली के मालवीय नगर का लक्ष्य जावा है।
राकेश और संदीप इस गिरोह के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं। पकड़े जाने पर राकेश ने खुलासा किया कि लक्ष्य अपने नेटवर्क के जरिए नकली वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट कंपनियों के माध्यम से दिल्ली और केरल भेजता था।
दूसरी लहर के दौरान इस धंधे को शुरू किया गया
आरोपितों ने दूसरी लहर के दौरान इस धंधे को शुरू किया था और वह बार-बार अपना ठिकाना बदलते रहते थे। नकली रेमेडिसिवर इंजेक्शन व वैक्सीन बनाने के लिए यह लोग ग्लूकोज पाउडर मिनरल वाटर का इस्तेमाल करते थे। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है की आरोपितों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। साथ ही व्हाट्सएप चैट की भी रिकवरी की जा रही है।