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Varanashi News: पीएम मोदी जल्द दे सकते हैं रोपवे की सौगात, DPR को शासन से जल्द मंजूरी की उम्मीद, अगले महीने हो सकता है एलान
Pm Modi Dengey Ropeway Ki Saugaat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pradhan mantri Narendera Modi) दिसंबर में काशी के लोगों को रोपवे (Ropeway ki Saugaat) की सौगात दे सकते हैं।
Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pradhan mantri Narendera Modi) दिसंबर में अपने संसदीय क्षेत्र काशी के लोगों को रोपवे (Ropeway ki Saugaat) की सौगात दे सकते हैं। माना जा रहा है कि रोपवे के जरिए दुनिया भर से आने वाले सैलानियों और श्रद्धालुओं को आकाश मार्ग से काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple)और मां गंगा तक पहुंचाने की योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा। शासन स्तर पर रोपवे (Ropeway ki Saugaat) के डीपीआर (DPR) की मंजूरी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जानकारों के मुताबिक 30 नवंबर तक इस पर अंतिम फैसला कर लिया जाएगा।
रोपवे से लोगों की दिक्कत दूर हो सकेगी
काशी (Kashi) की सड़कों पर भीड़भाड़ और जाम के कारण बाहर से आने वाले पर्यटकों (Travel news) और स्थानीय लोगों को काशी विश्वनाथ मंदिर ( Kashi Vishwanath Temple) और मां गंगा के तट तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रोपवे का निर्माण हो जाने पर लोगों की यह दिक्कत दूर हो सकेगी। इस कारण इस योजना के डीपीआर (DPR) को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारों का कहना है कि कैंट स्टेशन से गिरजाघर चौराहे तक प्रस्तावित इस रोपवे की सौगात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) अगले महीने अपने संसदीय क्षेत्र को दे सकते हैं।
424 करोड़ रुपए की है परियोजना
इस परियोजना पर 424 करोड रुपए का खर्च आने की संभावना है। इस परियोजना पर 80 फ़ीसदी खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी जबकि 20 फ़ीसदी खर्च राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा। लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने और पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए इस परियोजना पर गंभीरता से मंथन चल रहा है। जीलाधिकारी कौशल राज शर्मा ( District Magistrate Kaushal Raj Sharma) का कहना है कि रोपवे के डीपीआर पर शासन स्तर पर गंभीरता से मंथन हो रहा है। शासन की सहमति मिलने के बाद इसके टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से ट्रेन व बस से बनारस आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा होगी। उनके लिए बाबा विश्वनाथ के मंदिर और गंगा तट तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा।
देश का पहला शहर होगा वाराणसी
रोपवे परियोजना पूरी होने के बाद वाराणसी देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल किया जाएगा। दुनिया के स्तर पर देखा जाए तो भारत यह सुविधा मुहैया कराने वाला तीसरा देश होगा। अभी तक बोलिविया के लोपाज और मैक्सिको में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल किया जा रहा है। रोपवे के लिए तैयार परियोजना के मुताबिक वाराणसी कैंट स्टेशन से गिरजाघर चौराहे तक चार स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इनमें कैंट रेलवे स्टेशन, साजन तिराहा, रथयात्रा और गिरजाघर चौराहे पर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है।
15 मिनट में पूरा होगा सफर
कैंट स्टेशन से गिरजाघर चौराहे की दूरी 4.2 किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने में रोपवे को करीब 15 मिनट का समय लगेगा। इस परियोजना के तहत 45 मीटर की ऊंचाई पर ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकेंगे और परियोजना में 220 ट्रॉलियों का इस्तेमाल किया जाएगा। हर 1:30 से 2:00 मिनट पर यात्रियों को ट्राली उपलब्ध रहेगी। रोपवे की सुविधा रात में भी उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक बार में 4000 लोग यात्रा कर सकेंगे। इस तरह एक बार में 8000 लोग दोनों दिशा से आने-जाने की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इस परियोजना पर काफी दिनों से विचार किया जा रहा था मगर अब शासन स्तर पर इस परियोजना को जल्द मूर्त रूप देने के लिए गंभीरता से मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री जल्द ही अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को रोपवे परियोजना की बड़ी सौगात दे सकते हैं। इस परियोजना के जरिए लोगों को आवागमन में काफी सुविधा हो जाएगी।
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