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Varanasi News: कृष्ण जन्माष्टमी पर चढ़ा ओलम्पिक का रंग, बंशी की जगह भाला और हॉकी लेकर नजर आये कान्हा

महादेव की नगरी में कृष्ण के जन्मोत्सव पर्व की धूम है। कृष्ण जन्माष्टमी पर ओलम्पिक का रंग चढ़ा नजर आ रहा है।

Ashutosh Singh
Report Ashutosh SinghPublished By Deepak Raj
Published on: 29 Aug 2021 9:43 PM IST
People buying products for janmasthmi puja
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जन्मआष्टमी को लेकर खरीदारी करते लोग

Varanasi News: महादेव की नगरी में कृष्ण के जन्मोत्सव पर्व की धूम है। कृष्ण जन्माष्टमी पर ओलम्पिक का रंग चढ़ा नजर आ रहा है। बाजार में इस बार कान्हा के अलग-अलग रूप देखने को मिल रहा है। कान्हा, हॉकी, बॉल के अलावा भाला के साथ नजर आ रहे हैं। बांके बिहारी का नया रूप खरीददारों को भी खूब भा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी पर घरों को सजाने की परम्परा है। काशी के बाजारों में भी जन्माष्टमी से सम्बंधित सामानों की बिक्री खूब हो रही है। लेकिन आकर्षण का केंद्र भगवान कृष्ण की मूर्तियां हैं।


कान्हा की मूर्ती


इस बार कान्हा हाथों में बंशी के बजाए भाला और हॉकी नजर आ रहा है। दरअसल बीते दिनों ओलम्पिक में जिस तरह भारत ने खेल के अलग-अलग क्षेत्रों में कामयाबी का झंडा गाढ़ा, उससे बच्चों में खासा क्रेज देखने को मिल रहा है। अर्दली बाजार निवासी स्नेहलता बताती हैं की हर बार हम लोग किसी न किसी थीम पर कृष्ण जन्माष्टमी मानते हैं। इस बार हम ओलम्पिक को ध्यान में रखकर सजावट करेंगे। भगवान से हम यही प्रार्थना करेंगे की ये विजय अभियान आगे भी जारी रहे।

धर्मनगरी काशी में बीएचयू के अलावा इस्कान मंदिर में विशेष सजावट की गई है

पांडेयपुर के रहने वाले अमित सक्सेना भी कान्हा के नए रूप को घर लें जाने के लिए बाजार पहुंचे। उन्होंने कहा की बंशीधारी का नया रूप वाकई अनोखा है। वहीं दुकानदार भी बेहद खुश हैं। ओलम्पिक की वजह इस बार बिक्री में उछाल आया है। धर्मनगरी काशी में बीएचयू के अलावा इस्कान मंदिर में विशेष सजावट की गई है। लोग इस त्यौहार को बड़े उत्साह से मनाते हैं। वहीं इस पर्व का मुख्य आकर्षण मथुरा व वृंदावन में देखने को मिलता है। जहां रात के बारह बजे श्रकृष्ण का जन्म होता है,उससे पहले से ही मंदिरों में भजन-कीर्तन होते रहता है। वहां का मुख्य कार्यक्रम बांके बिहारी मंदिर में होता है। लोगों के भीड़ होने की वजह से और कोरोना को देखते हुए इस बार के कार्यक्रम को छोटा किया जा सकता है।



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Deepak Raj

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