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UP Transfer Case: पीडब्लूडी और स्वास्थ्य विभाग ने कराई सरकार की किरकिरी

UP Transfer Case: ब्रजेश पाठक ने अपने विभाग में तबादलों पर खुद ही सवाल उठाए तो जितिन प्रसाद के विभाग में तबादलों में अनियमितताएं सामने आईं। दोनों विभागों के मंत्री बीजेपी के मूल कैडर के नहीं हैं। सीएम योगी ने दिखाए सख्त तेवर।

Raj Kumar Singh
Written By Raj Kumar Singh
Published on: 19 July 2022 4:46 PM IST
PWD and Health Department made the government grit
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ब्रजेश पाठक-जितिन प्रसाद: Photo - Social Media

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UP Transfer Case: आमतौर से ऐसा कम ही होता है जब रुटीन तबादलों को लेकर सरकार असहज हो जाए। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के दूसरे कार्यकाल के पहले ही तबादला सत्र में प्रदेश के सबसे बड़े विभागों में शुमार लोक निर्माण (Uttar Pradesh Public Works Department) और स्वास्थ्य विभाग (Uttar Pradesh Health Department) में तबादलों को लेकर जो खींचतान हुई उसका शोर सीएम तक पहुंच गया है, और सरकार की किरकिरी हो रही है।

सबसे पहले तो उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने ही विभाग में हुए तबादलों को लेकर आपत्ति की। उन्होंने विभागीय प्रमुख और अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को पत्र लिखकर जवाब मांगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी स्वास्थ्य महानिदेशक से जवाब मांग लिया। ब्रजेश पाठक के रुख से एक बात तो साफ है कि वे अपने विभाग के आला अधिकारियों की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। स्वास्थ्य में हुए तबादलों में बतौर विभागीय मंत्री ब्रजेश पाठक को कई अनियमितताएं नजर आ रही हैं।

रुटीन तबादलों में मंत्रियों का दखल आम

आमतौर से रुटीन तबादलों में मंत्रियों का दखल भी होता ही है। तबादले की अर्जियां भी मंत्री को ही दी जाती हैं। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की उम्मीदें भी मंत्री से ही होती है। लेकिन जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग में मामले सामने आ रहे हैं उससे ये जाहिर होता है कि मंत्री ब्रजेश पाठक को किनारे करके अधिकारियों ने मनमर्जी से तबादले कर दिए। हालांकि ब्रजेश पाठक (DCM Brajesh Pathak) पहले भी कोरोना के समय स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर एक पत्र लिख चुके हैं, जिससे सरकार की किरकिरी हुई थी।

स्वास्थ्य से हटकर यदि लोक निर्माण विभाग की बात करें तो यहां मामला कुछ अलग है। लोक निर्माण में तबादलों में बड़े पैमाने पर अनियमितता और भ्रष्टाचार (Corruption) की बातें सामने आईं। इस विभाग के मंत्री कांग्रेस से बीजेपी में आए जितिन प्रसाद हैं। जितिन प्रसाद कांग्रेस की सरकार में भी केंद्र में मंत्री थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: Photo - Social Media

तबादलों में अनियमितताओं की जांच के लिए बनीं दो कमेटियां

इन दोनों ही विभागों में तबादलों में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नौकरशाहों की दो कमेटियां बना दीं। अब असली मामला तो लोक निर्माण विभाग की जांच के बाद खुला। जांच कमेटी ने पाया कि यहां तबादलों में भ्रष्टाचार हुआ है। इसके लिए समिति ने जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को दोषी पाया। राज्य सरकार ने उन्हें हटा दिया और इनके खिलाफ विजिलेंस जांच की संस्तुति केंद्र से कर दी। दरअसल पांडेय केंद्र से प्रतिनियुक्ति पर आए थे। वे पहले भी केंद्र में मंत्री जितिन प्रसाद के साथ काम कर चुके थे।

ब्रजेश पाठक और जितिन प्रसाद दोनों ही मूल रूप से भाजपाई नहीं

अब यहां एक और दिलचस्प बात है कि ब्रजेश पाठक और जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) दोनों ही मूल रूप से भाजपाई नहीं हैं। ब्रजेश पाठक बीएसपी (BSP) और जितिन प्रसाद कांग्रेस (Congress) से बीजेपी में आए हैं। ये अलग बात है कि दोनों को ही योगी सरकार में सबसे बड़ी जिम्मेदारियां दी गईं।

अभी स्वास्थ्य विभाग की जांच कमेटी की रिपोर्ट आनी है। लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने दोनों विभागों पर कार्रवाई की है उससे ये साफ है कि मुख्यमंत्री किसी भी तरह के भ्रष्टाचार और कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे किसी के खिलाफ भी कार्रवाई से नहीं हिचकेंगे, चाहे वो कितना भी बड़ा और पहुंच वाला व्यक्ति ही क्यों न हो।



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