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जेल में मचा तांडव: सरकार पर उठ रहे सवाल, अवैध वसूली को लेकर हुआ उपद्रव
जिला जेल आज एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है । गत 20 अप्रैल को उपद्रव व बावेला का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि अवैध वसूली की शिकायत को लेकर आज पूर्वान्ह कैदियों के दो गुटों में संघर्ष हो गया ।
बलिया: जिला जेल में आज पूर्वान्ह अवैध वसूली को लेकर उपद्रव होने की सूचना है । सूचना मिलने के बाद जेल पहुँचे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने स्थिति नियंत्रित किया । इस मामले में जिला प्रशासन के साथ ही कारागार विभाग के उच्च अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है ।
कैदी के दो गुट आए आमने सामने
जिला जेल आज एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है । गत 20 अप्रैल को उपद्रव व बावेला का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि अवैध वसूली की शिकायत को लेकर आज पूर्वान्ह कैदियों के दो गुटों में संघर्ष हो गया । बताते हैं कि विवाद तीन कैदियों को तन्हाई में भेजने को लेकर शुरू हुआ । इसको लेकर कैदी के दो गुटों में विभक्त होकर दोनों आमने सामने आ गए । एक गुट ने तन्हाई में भेजे जाने के निर्णय की जमकर मुखालफत किया तथा कहा कि यदि कोई कैदी जेल प्रशासन की अवैध मांग की पूर्ति नही कर पाता है तो उसे तन्हाई में भेजना उचित नही है ।
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कैदियों ने लगाया आरोप
दूसरी तरफ कैदियों का दूसरा गुट जेल प्रशासन के समर्थन में आगे आ गया । इस गुट ने तन्हाई में भेजने के निर्णय को सही ठहराया । इसी को लेकर दोनों गुटों में वाद विवाद से मामला शुरू हुआ तथा मारपीट में तब्दील हो गया । इस दौरान पथराव की भी सूचना है । कैदियों का आरोप है कि सुविधा के नाम पर उनका जमकर उत्पीड़न व शोषण किया जा रहा है ।
खासतौर पर जब से नये जेल अधीक्षक आये हैं , ज्यादती काफी बढ़ गई है । घटना की सूचना मिलते ही संयुक्त मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग , पुलिस उपाधीक्षक शहर सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी जेल पहुंचे तथा स्थिति को नियंत्रित किया ।
संयुक्त मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि कैदियों में आपस में मारपीट हुई है । उनके द्वारा कैदियों का बैरक बदलवाया गया है । जेल प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जिला जेल उनके क्षेत्राधिकार में नही आता । नगर मजिस्ट्रेट के न होने के कारण वह जेल गई थी ।
बताते हैं कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के पहुँचते ही जेल प्रशासन ने कैदियों के खतरनाक होने तथा उनके द्वारा उत्पात मचाने का तर्क दिया जाने लगा । जेल प्रशासन ने कुछ कैदियों पर भूख हड़ताल के लिए कैदियों को उकसाने व उपद्रव कराने की भी बात कहा गया । जिला जेल आये दिन उपद्रव व बावेला को लेकर चर्चा में रह रहा है । इसके पीछे मुख्य वजह सुविधा शुल्क को लेकर कैदियों का शोषण व उत्पीड़न को माना जा रहा है । बताते हैं कि जो कैदी जेल प्रशासन की मांग को स्वीकार कर लेते हैं, उनसे कोई काम नही कराया जाता तथा उनको सारी सुविधाएं मुहैया करा दी जाती हैं ।
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कैदियों ने की थी तोड़फोड़
पिछले 20 अप्रैल को भी जिला जेल में जमकर उपद्रव की खबर सामने आई थी । कैदियों ने तोड़फोड़ करते हुए जमकर तांडव किया था । इस घटना में जेलर व चिकित्सक घायल भी हुए थे । प्रशासन ने जेल से दो किलोग्राम गांजा के साथ ही मोबाइल भी बरामद किया था । इसके पूर्व भी कैदी जेल में भूख हड़ताल व हिंसक झड़प आदि कर चुके हैं । इन घटनाओं के लिए जिला प्रशासन के साथ ही जेल विभाग के उच्च अधिकारियों की लीपापोती प्रवृत्ति को जिम्मेदार माना जा रहा है ।
जेल में लगातार घटना होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा घटना की वास्तविक वस्तु स्थिति से शासन को अवगत नही कराया जाता । रिपोर्ट में लीपापोती कर दी जाती है । प्रशासन ने जेल में निरीक्षण के समय खाना बनाने की सामग्री के साथ ही स्टोव पकड़ा , लेकिन इसको लेकर शासन को कोई रिपोर्ट प्रेषित नही किया गया ।
रिपोर्टर - अनूप कुमार हेमकर, बलिया
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