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रायबरेली: खाकी वर्दी का जोर दिखा कर मजदूरों की आवाज दबाने की हुई कोशिश
बिरला सीमेंट फैक्ट्री पर आज कुछ मजदूर मजदूरी बढ़ाने को लेकर फैक्ट्री गेट पर धरना प्रदर्शन करने लगे, मिलएरिया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और आधा दर्जन के करीब मजदूरों को ले आकर थाने के लाक अप में डाल दिया।
रायबरेली: जिले में पुलिसिया बर्बरता का चेहरा आज एक बार फिर उजागर हुआ है। अपने हक की लड़ाई लड़ रहे मजदूरों को रायबरेली पुलिस ने सलाखों के पीछे डाल दिया।
दरअस्ल यहां की बिरला सीमेंट फैक्ट्री पर आज कुछ मजदूर मजदूरी बढ़ाने को लेकर फैक्ट्री गेट पर धरना प्रदर्शन करने लगे, मिलएरिया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और आधा दर्जन के करीब मजदूरों को ले आकर थाने के लाक अप में डाल दिया। इससे नाराज मजदूरों ने थाने का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ता देख मौके पर पुलिस ने वापस फिर मजदूरों को छोड़ा भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
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बिरला सीमेंट फैक्ट्री में काम रहे थे मजदूर
जानकारी के अनुसार जिले के मिलएरिया थाना क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया में बिरला सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले सैकड़ो मजदूरों ने अपनी मजदूरी बढ़ाये जाने को लेकर लिखित व मौखिक अधिकारियों से गुहार लगाई पर जब उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया तो आज सभी मजदूर संगठित होकर फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए और वेतन वृद्धि की मांग करने लगी।
फैक्ट्री में किसी से पुलिस को सूचना दे दी फिर क्या मौके पर पहुँची पुलिस ने मजदूरों की बात न सुनकर उल्टे उन्हें ही थाने लाकर बंद कर दिया जिससे साथी मजदूर नंराज हो गए और थाने के बाहर घेराव कर विरोध शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
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मजदूरों की माने तो वह लोग ढाई महीने से मजदूरी बढ़ाये जाने की माग कर रहे थे पर जब किसी ने उनकी बातों को नही सुना तो हम लोग धरना देने लगे और पुलिस आई हम लोगो को ही थाने ले आई। इस पूरे मामले में जब फैक्ट्री के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो कोई भी अधिकारी अपना पक्ष रखने के लिए मीडिया कर्मियों से मिलना तक मुनासिफ नही समझा।