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Raebareli News: पिता देश के लिए शहीद, बेटी सेना में नौकरी के लिए लगा रही अर्ज़ी

Raebareli News: नीलिमा कुमारी यादव ने बताया कि रिलेशन सर्टिफिकेट अधिकारी नहीं बना रहे थे जिसकी वजह से मुझे नौकरी नहीं मिल पा रही थी।

Narendra Singh
Published on: 14 Dec 2022 2:34 AM GMT
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बेटी सेना में नौकरी के लिए लगा रही अर्ज़ी

Raebareli News: वतन पर जान न्यौछावर करने वाले शहीद जवान सुरेंद्र बहादुर ने कभी सपने में नही सोचा होगा कि उनकी मौत के बाद उनकी बेटी को नौकरी के लिए दर दर भटकना पड़ेगा। 21 साल पहले शहीद हुए जवान सुरेंद्र बहादुर की बेटी नीलम कुमारी यादव नौकरी के लिए अधिकारियों की चौखट पर सर पटक रही है, पर उसे दुत्कार के अलावा कुछ हासिल नही हो रहा है।

ऊंचाहार तहसील के पूरे निधान खरौली गांव के रहने वाले सुरेंद्र बहादुर सेना में जवान थे। आतंकियों की गोलियों से 1 नवंबर 2001 को कश्मीर में शहीद हो गए तो उनकी पत्नी पर दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा। उस वक़्त नीलम यादव मात्र नौ महीने की थी, जबकि उसकी बड़ी बहन तीन साल की थी और बड़ा भाई पांच साल का था। शहीद की विधवा ने अपने तीनों बच्चों को पढ़ाया लिखाया और बड़ी बेटी की शादी की।

नीलम कुमारी यादव जब बड़ी हुई तो उसने पिता की जगह नौकरी पाने के लिए हाथ पैर मारना शुरू कर दिया। शहीद की बेटी नीलम कुमारी यादव अधिकारियों के चक्कर काटती रही लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली।

नहीं बन पा रहा रिलेशन सर्टिफिकेट

नीलिमा कुमारी यादव ने बताया कि रिलेशन सर्टिफिकेट अधिकारी नहीं बना रहे थे जिसकी वजह से मुझे नौकरी नहीं मिल पा रही थी। मैं बार-बार जिले के सैनिक कल्याण बोर्ड ऑफिस आती थी लेकिन मेरा रिलेशन सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा था फिर मुझे पता चला कि बैसवारा में रिटायर्ड सूबेदार पवन सिंह है जो सेना के जवानों के परिजनों की सहायता करते हैं और युवाओं को सेना में भर्ती कराने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देते हैं। मैं उनसे मिली तो उन्होंने मेरी बहुत मदद की। उसने बताया कि सरकार की तरफ से 2001 में जो कुछ पैसे मिले थे वह सब खत्म हो गए। जैसे तैसे बड़ी बहन की शादी हो पाई है लेकिन मुझे अभी तक सरकार की तरफ से सरकारी नौकरी नहीं मिली है और इसीलिए मैं अधिकारियों के चक्कर काट रही हूं।

सूबेदार रिटायर्ड पवन सिंह ने बताया कि नीलम कुमारी यादव का रिलेशन सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा था, जिसे मैंने बनवा दिया है। नीलम कुमारी के पिता शहीद सुरेंद्र सिंह राजपूताना राइफल में थे और कश्मीर में शहीद हुए थे। सरकारी नौकरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को सैनिक कल्याण बोर्ड द्वारा एक पत्र लिखा लिखा गया है अब उम्मीद है कि प्रदेश सरकार जल्द ही शहीद परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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