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NTPC Pariyojana Unchahar: कोयले का संकट गहराया, दूसरी यूनिट भी ठप, चार दिन पहले बंद हुई थी एक यूनिट

NTPC Pariyojana Unchahar: NTPC परियोजना ऊंचाहार में कोयले का संकट बढ़ रहा है। कोयले की कमी से एक और यूनिट को बंद कर दिया गया है। चार दिन पहले छह नंबर यूनिट को बंद किया गया था।

Narendra Singh
Report Narendra SinghPublished By Shreya
Published on: 11 Oct 2021 7:07 PM IST
NTPC Pariyojana Unchahar: कोयले का संकट गहराया, दूसरी यूनिट भी ठप, चार दिन पहले बंद हुई थी एक यूनिट
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एनटीपीसी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

NTPC Pariyojana Unchahar: पूरे देश मे बिजली संकट गहराता जा रहा है। एनटीपीसी परियोजना ऊंचाहार (NTPC Unchahar) में कोयले का संकट (Koyle Ka Sankat) बढ़ रहा है। कोयले की कमी (Koyle Ki Kami) से एक और यूनिट को बंद कर दिया गया है। चार दिन पहले छह नंबर यूनिट को बंद किया गया था। अब तक दो यूनिटें बंद हो चुकी हैं। कोयला संकट (Koyla Sankat) का यही हाल रहा तो बाकी यूनिटों पर असर पड़ सकता है। यूनिटें पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन (Power Generation) नहीं कर पा रही हैं। हालांकि प्रबंधन दो नंबर यूनिट को मरम्मत के लिए बंद करने का दावा कर रहा है।

एनटीपीसी परियोजना (NTPC Pariyojana) ऊंचाहार में पांच यूनिटें 210 मेगावाट, जबकि छह नंबर यूनिट 500 मेगावाट बिजली उत्पादन (Bijli Utpadan) करती है। पिछले माह से मांग के सापेक्ष कोयले की आपूर्ति (Koyle Ki Apurti) नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से गुरुवार को परियोजना की सबसे ज्यादा 500 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली यूनिट नंबर छह को बंद कर दिया गया था। परियोजना की 210 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाली यूनिट नंबर शनिवार की रात 12 बजे बंद कर दी गई। कोयले की आपूर्ति न होने से परियोजना की सभी यूनिटों के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। यदि ऐसा होता है तो आपूर्ति वाले राज्यों में बिजली का संकट और गहरा जाएगा।

NTPC से इन राज्यों को होती है बिजली सप्लाई

एनटीपीसी परियोजना ऊंचाहार से उत्तर प्रदेश के अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली व उत्तराखंड को बिजली सप्लाई (Electricity Supply) की जा रही है। दो यूनिटें बंद होने से एनटीपीसी ऊंचाहार से 1550 मेगावाट बिजली उत्पादन के बजाय 840 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है।

(फोटो- सोशल मीडिया)

एक दिन में 25 हजार टन कोयले की जरूरत

एनटीपीसी परियोजना ऊंचाहार की सभी यूनिटों को एक साथ चलाने के लिए 24 घंटे में करीब 25 हजार टन कोयले की जरूरत (Koyle Ki Jarurat) पड़ती है। विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए परियोजना में एक माह के लिए आठ लाख टन कोयला स्टाक (Koyle Ka Stock) में रखा जाता है, लेकिन इस समय परियोजना में कुछ दिन का स्टाक बचा है। मांग के सापेक्ष कोयले की आपूर्ति न होकर मात्र 10 से 15 हजार टन ही आपूर्ति हो पा रही है।

एनटीपीसी परियोजना ऊंचाहार में झारखंड से कोयले की आपूर्ति होती है। कोयला सप्लाई में लगी दो कंपनियों से परियोजना का कोयला आपूर्ति का अनुबंध है। बारिश की वजह कोयले की खदानों में पानी भर गया है। बहुत ही कम मात्रा में कोयला निकल पा रहा है। परियोजना अधिकारियों ने कोयला आपूर्ति करने वाली कंपनियों के साथ पत्राचार किया है। लगभग दो हफ्ते में कोयले की आपूर्ति सामान्य होने की बात कही जा रही है।

परियोजना में कोयला लेकर आने वाली मालगाड़ी में 58 वैगन लगे होते हैं। मालगाड़ी के एक वैगन में लगभग 50-60 मीट्रिक टन कोयला भरा होता है। पिछले माह तक प्रतिदिन 5-6 मालगाड़ियां कोयला लेकर आती थीं, जिनसे लगभग 30 हजार टन कोयले की आपूर्ति हो रही थी, लेकिन अब औसतन 10 हजार टन कोयला ही परियोजना पहुंच रहा है।

महाप्रबंधक कमलेश सोनी (फोटो- सोशल मीडिया)

आपूर्ति सामान्य होने का दावा

एनटीपीसी ऊंचाहार के महाप्रबंधक कमलेश सोनी का दावा है कि दो तीन दिनों में आपूर्ति सामान्य हो जाएगी। जल्द ही परियोजना में कोयले की आपूर्ति सुचार रूप से शुरू करने की संभावना है।

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