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रायबरेली: जिला अस्पताल में बदहाल है इलाज व्यवस्था, डॉक्टर करते हैं मनमानी
रायबरेली : केन्द्र और प्रदेश की सरकारें आम जनमानस के लिए दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लाख दावे कर लें, लेकिन स्वास्थ्य महकमे में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।
ताजा मामला रायबरेली के जिला अस्पताल का है। जहां रविवार को एक मरीज को ऑपरेशन थिएटर से बगैर ऑपरेशन किए ही निकाल दिया गया। उसके इलाज से सम्बन्धित कागजात और पर्चे भी फाड़ दिए गए। कहीं न कहीं मामला सरकारी अस्पतालों में होने वाले मुफ्त और कम खर्च के ऑपरेशनों में डॉक्टरों द्वारा अवैध रूप से ज्यादा धन उगाही का ही सामने आता है।
डॉक्टर ने ऑपरेशन से किया मना
जनता के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए सरकार विश्व बैंक से कर्ज लेकर बेहतर इलाज देने के दावे भले ही हो रहे हो, लेकिन इसमें भी जिम्मेदार भ्रष्टाचार का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है। रायबरेली के हरचंदपुर थाना क्षेत्र पारा के रहने वाले अरविंद का बीती 9 सितंबर को रोड एक्सीडेंट हो गया। मरीज का भाई अखिलेश कुमार पाल ने बताया कि परिजनों ने उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टर ने मरीज के ऑपरेशन की बात कही और उससे अवैध धन की मांग की। परिजनों ने डॉक्टर द्वारा मांगी गयी रकम का कुछ रुपया जमा किया। जिसके बाद डॉक्टर ने रविवार को छुट्टी के दिन ऑपरेशन करने का फैसला किया और मरीज को ऑपरेशन थियेटर पंहुचा दिया। लेकिन डॉक्टर को पूरी रकम न मिलने पर मरीज की बेड हेड टिकट (बीएचटी) फाड़ दी और ऑपरेशन करने से मना कर दिया।
परिजन मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के चलते कैमरे पर कुछ नहीं बोले लेकिन फटी हुई बीएचटी डॉक्टर की संवेदनहीनता और अवैध धन उगाही की पूरी कहानी खुद ब खुद बयां कर रही है।
वही जिला अस्पताल के डॉक्टर द्वारा बी एस टी फाड़ने के मामले में जिला अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी जांच का झुनझुना का राग अलाप रहा है वही आरोपी डॉक्टर बीएचटी फाड़ने के मामले को छोटा बता कर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे है।