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Raebareli News: रायबरेली जिला अस्पताल के डॉक्टर को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर ठगी का प्रयास
Raebareli News: जिला अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ बीपी सरोज ने बताया कि आज सुबह नौ बजे मेरे मोबाइल नंबर पर 9663 720 365 नंबर से कॉल आया और कहा कि आपकी आईडी से 6767 41 63 35 नंबर का सिम एक्टिवेट है। जिस पर गलत एक्टिविटी हो रही है।
Raebareli News: रायबरेली जिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डीपी सरोज को जालसाजों ने सोमवार को डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने का प्रयास किया। खुद को पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर जालसाजों ने झांसा दिया कि उनके खिलाफ क्राइम ब्रांच में केस दर्ज है। वह दो लाख रुपये दे दें तो जांच दबा दी जाएगी। साइबर सेल थाना प्रभारी बिंध्य विनय यादव के प्रयास से डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट ठगी का शिकार होने से बच गए। रायबरेली में डिजिटल अरेस्ट से ठगी के प्रयास का यह पहला मामला है। जालसाजों की ओर से अधिवक्ताओं, डॉक्टरों के अलावा अधिकारियों को डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने के मामलों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है।
दरअसल, लखनऊ जिले के वृंदावन कॉलोनी नियर पीजीआई कॉलोनी निवासी डा. डीपी सरोज जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनात हैं। सोमवार को वह ओटी कक्ष में थे। इसी दौरान सुबह नौ बजे उनके मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि 29 जुलाई को तुम्हारी आईडी से दिल्ली से सिम खरीदा गया है। सिम से अश्लील फोटो व मेल किए गए हैं। क्राइम ब्रांच में तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज है। मामला दबाना चाहते हो तो दो लाख रुपये तत्काल बताए गए खाता संख्या में भेजो। इस पर डॉक्टर डीपी सरोज सतर्क हो गए और उनकी सूझबूझ ने साइबर ठगों की दाल नहीं गल पाई। डॉक्टर ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम में की।
जिला अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ बीपी सरोज ने बताया कि आज सुबह नौ बजे मेरे मोबाइल नंबर पर 9663 720 365 नंबर से कॉल आया और कहा कि आपकी आईडी से 6767 41 63 35 नंबर का सिम एक्टिवेट है। जिस पर गलत एक्टिविटी हो रही है। फिर मुझे वीडियो कॉल करके अकेले रूम में जाने को बोला। मैंने उनसे कहा कि मैं अभी ऑपरेशन में व्यस्त हूं, फिर दो बजे के बाद 81061 32 589 पर वीडियो कॉल करने के बोला मुझे डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई।
ऑर्थोपेडिक सर्जन बीपी सरोज ने कहा चूंकि इस तरीके का साइबर क्राइम का मामला आजकल चल रहा है तो मैं समझ गया कि यह कोई साइबर ठग ही है जो मेरे साथ साइबर ठगी करना चाहता है, मैंने उसको कह दिया कि मैं आपको बाद में कॉल करता हूं, अभी मैं व्यस्त हूं और उसके बाद अभी तक उसका कॉल नहीं आया। उन्होंने घटना की जानकारी साइबर क्राइम इंस्पेक्टर को दे कर कार्रवाई करने की मांग की है। साइबर क्राइम इंस्पेक्टर विंध्य विनय ने बताया कि डॉक्टर का प्रार्थना पत्र मिला है जिस पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।