TRENDING TAGS :
Raebareli News: नहीं मिल रही डायलिसिस की दवा.., मरीजों ने DM से लगायी गुहार
Raebareli News: पीड़ित ने दवा लेने के लिए जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के ऑफिस पहुंचकर गुहार लगाई। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने रेडियोलोजी डॉक्टर अल्ताफ हुसैन को फोन करके दवा दिलाने की बात कही।
Raebareli News: जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की दबंगई के चलते मरीजों को डायलिसिस नहीं मिल पा रही है। पीड़ित ने दवा लेने के लिए जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के ऑफिस पहुंचकर गुहार लगाई। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने रेडियोलोजी डॉक्टर अल्ताफ हुसैन को फोन करके दवा दिलाने की बात कही। डीएम के कहने के बाद जब मरीज डॉक्टर के पास पहुंचा तो डॉक्टर अल्ताफ हुसैन ने सीएमएस प्रदीप अग्रवाल से बात करके दवा दिलाने की बात कही। डायलिसिस मरीज ने बताया कि डायलिसिस की दवा नहीं मिल पा रही है। जिसके बाद हम जिलाधिकारी के पास गए तो उन्होंने फोन करके कहा कि अस्पताल में दवा मिल जाएगी। मरीज साबिर खान ने बताया कि हमारी डायलिसिस हो रही है। मगर दवा नहीं मिल पा रही है।
इसके बाद हमने जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। वहीं एक दर्जन से अधिक मरीजों के तीमारदारों ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर शिकायती पत्र डीएम को सौंपा। उन्होंने बताया कि उनके मरीजों को अस्पताल से न तो कोई सुविधा मिल रही है। न ही किसी तरह की कोई दवाई मिल रही है। जिस दिन का डियू रहता है उसे दिन समय से न पहुंचने पर यहां पर तैनात अस्पताल स्टाफ द्वारा पैसे की मांग की जाती है। तब जाकर डायलिसिस होती है। वहीं जिस दिन कोई मरीज अस्पताल के डायलिसिस में नहीं आता है। उसे दिन भी उसका डायलिसिस चढ़ा कर शासन से पैसा प्राप्त कर लिया जाता है। ऐसे कई गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता कलावती, अमरनाथ, कपिल, रवि कुमार, महेश, जागेंद्र, दिलीप गुप्ता सहित अन्य लोगों ने जिला अधिकारी को मामले का शिकायती पत्र दिया है और जांच कर डायलिसिस विभाग के डॉक्टर व स्टाफ तथा अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
तीमारदारों ने कहा कि यहां पर बिना किसी डिग्री के स्टाफ को ही डॉक्टर बनाकर बैठा दिया गया है। वहीं मैनेजर द्वारा लगातार आने वाले मरीजों से पैसों की वसूली की जाती है। पहले भी जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ तीमारदारों ने इस मामले को संबंधित विभागीय अधिकारियों से शिकायत की थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तीमारदारों का आरोप है कि जब से हाल ही में यह मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रदीप अग्रवाल अस्पताल के अधीक्षक बने हैं। तब से यहां पर बाहर से दवाई लगातार लिखी जा रही है। अंदर से मिलने वाली दवाएं व अन्य सुविधाएं नहीं मिल पा रहे है। वहीं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रदीप अग्रवाल से बात की गई तो दूसरे डॉक्टर,प्रदीप अग्रवाल उन्होंने बताया कि वह मौके पर नहीं है जब आएंगे तभी बता पाएंगे।