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Raebareli : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गौ सेवा कमेटी की तरफ से पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया गोपाष्टमी का त्यौहार

Raebareli News: गोपाष्टमी का त्यौहार पूरे जनपद में विधि विधान से की गई गायों की पूजा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार इंद्र भगवान नाराज हो गए और पूरे ब्रज मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।

Narendra Singh
Published on: 9 Nov 2024 3:34 PM IST
Raebareli News ( Pic- News Track)
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Raebareli News ( Pic- News Track)

Raebareli News: रायबरेली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गौ सेवा कमेटी की तरफ से पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया गोपाष्टमी का त्यौहार पूरे जनपद में विधि विधान से की गई गायों की पूजा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार इंद्र भगवान नाराज हो गए और पूरे ब्रज मूसलाधार बारिश शुरू हो गई बारिश इतनी विकराल थी कि पूरे ब्रज में त्राहि त्राहि मच गई लोगों के घर-बार डूबने लगे तब जाकर लोगों ने भगवान की श्री कृष्ण से मदद की गुहार लगाई तब भगवान श्री कृष्ण ने बृजवासियों को बारिश से बचने के लिए अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया।

जिसके नीचे पूरे ब्रज के निवासियों के साथ-साथ गोवंशो ने भी शरण ली 7 दिन लगातार वर्षा करने के बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की अष्टमी को इंद्र ने हार मान ली जिसके बाद बृजवासियों को बारिश से राहत मिली, तब से लेकर आज तक गोपाष्टमी का त्यौहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, गाय की पूजा करने के साथ ही गोपाष्टमी के अवसर पर सभी ने गो रक्षा का संकल्प लिया। धर्मेंद्र बहादुर सिंह

जिला संयोजक गो सेवा रक्षा समितिआशुतोष तिवारी ने कहा आज हमने गोपाष्टमी में गाय की पूजा की है। इस दिन भगवान कृष्ण ने गाय की पूजा की थी। आशुतोष तिवारी ने बताया कि एक दिन भगवान कृष्ण ने गाय चराने की जिद की। मां यशोदा ने कहा कि आपको नंद बाबा से पूछना पड़ेगा। नंद बाबा ने कहा कि हम कोई शुभ मुहूर्त देखते हैं। नंद बाबा प्रश्न लेकर शांडिल्य ऋषि के पास गए तो शांडिल्य ऋषि ने कहा अष्टमी तिथि को शुभ मुहूर्त है नहीं तो अगले साल तक कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। भगवान कृष्ण ने गाय जी की पूजा की और गाय को चराने ले गए। तभी से गोपाष्टमी मनाए जाने लगी।एक कथा और है कि एक बार भगवान इंद्र के नाराज हो जाने पर गोकुल में भारी बारिश हो रही थी।

इसके कारण पूरा गोकुल गांव डूबने लगा। भगवान कृष्ण ने इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए उन्होंने उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया था। इंद्र ने भगवान कृष्ण से क्षमा मांगी। सुरभि गाय ने भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान करवाया था। भगवान का नाम गोविंद और गोपाल पड़ा।आज गोपाष्टमी में गाय की पूजा की गयी। सबसे पहले हमने भगवान विष्णु और गणेश जी का आह्वान किया। धूपबत्ती, जल आदि से पूजन किया। गाय को गुड़, केला खिलाया। गोवंश की सेवा और सुरक्षा का संकल्प लिया। गाय की सेवा से सफलता निश्चित मिलती है।जिला संयोजक गौ सेवा धर्मेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि गोपाष्टमी के दिन संकल्प लिया है। जितनी भी गाय हैं सृष्टि में उनको काटने से बचाएंगे। गाय रोड पर न मरने पाए न कटने पाए।जीवन भर गए दूध, दही देकर हम पर कृपा करती है और हमारा पालन पोषण करती है। बुजुर्ग होने पर गाय को छोड़े नहीं। सभी जाति धर्म के लोगों से कहना है कि गाय की सेवा और सुरक्षा में आगे आए।



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Shalini Rai

Shalini Rai

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