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Raebareli News: कंधों पर जिम्मेदारी, उम्र बस कुछ साल, घायल भाई को ठेले पर लाद अस्पताल पहुंचा छोटा भाई, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
Raebareli News: विक्की ने बताया कि उसके भाई कबाड़ बीन रहा था। तब उसको चोट लग गई थी। पीछे-पीछे वह भी कबाड़ बिनते हुए आ रहा था। उसने बताया कि उसके भाई को खेलते हुए चोट लगी थी। चोट लगने के बाद वह अपने भाई को ठेले पर लेकर अस्पताल चला गया। एंबुलेंस को फोन इसलिए नहीं कर पाया कि उसके पास मोबाइल नहीं था।
Raebareli News: सोशल मीडिया पर एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक बच्चा अपने घायल भाई को ठेलिया पर लेकर के सीएचसी जा रहा है। बताया जा रहा है कि उसे एंबुलेंस नहीं मिली तो वह अपनी ठेलिया पर ही अपने घायल भाई को लेकर के सीएचसी चला आया। न्यूज़ट्रैक की टीम ने जब उस बच्चों से बात की तो पता चला कि ये बच्चा घुमंतु परिवार से हैं और यहां कबाड़ बीनने का काम करते हैं। उनके पास कोई मोबाइल नहीं है उनका बड़ा भाई दीवार से गिरकर घायल हुआ तो वह उसे ठेलिया पर ही लादकर करके सीएचसी लेकर चले आए।
सोशल मीडिया पर वायरल ठेलिया से घायल भाई को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे विक्की के परिवार की हालत बहुत ही दयनीय है। परिवार के पास ठीक से रहने की जगह तक नही है। उनके बगल में परिवार के अन्य सदस्य भी रहते हैं। इनका परिवार बाहर से यहां आकर अस्थाई रूप से बसा है और कबाड़ बीनने का काम करता है। मौके पर जाकर जब सही स्थिति का जायजा लिया गया तो पता चला कि परिवार के पास एंबुलेंस बुलाने के लिए एक मोबाइल फोन तक नहीं था। यहां तक की आसपास रहने वाले लोगों के पास भी फोन नहीं था। जानकारी व साधनों की कमी के कारण घायल बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को सूचना नहीं दी जा सकी। इसके बाद घायल कृष्णा की चाची व उसका छोटा भाई विक्की उसे कबाड़ बीनने वाले ठेले से ही लादकर ऊँचाहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने घायल कृषणा की मरहम पट्टी करके उसे डिस्चार्ज कर दिया।
विक्की ने बताया कि उसके भाई कबाड़ बीन रहा था। तब उसको चोट लग गई थी। पीछे-पीछे वह भी कबाड़ बिनते हुए आ रहा था। उसने बताया कि उसके भाई को खेलते हुए चोट लगी थी। चोट लगने के बाद वह अपने भाई को ठेले पर लेकर अस्पताल चला गया। एंबुलेंस को फोन इसलिए नहीं कर पाया कि उसके पास मोबाइल नहीं था। जिसके पास मोबाइल था वह भी कहीं चला गया था। बाकी आस पड़ोस में रहने वाले लोगों के पास भी मोबाइल नहीं था। भाई को इलाज के लिए वह अस्पताल ले गया।
घायल बच्चे की चाची तुलसी ने बताया कि हम सभी यहां कबाड़ बीनने काम करते हैं। बच्चे कबाड़ बिन रहे थे तो वहीं चोट लग गई थी। हमारे पास कोई मोबाइल फोन नहीं था। एंबुलेंस को हम भुला नहीं पाए। इसलिए ठेले से ही लेकर चले गए थे। जिस बच्चे के पास मोबाइल था वह यहां नहीं था। उसके बाद हम घायल बच्चे को अस्पताल ले गए हैं। वहां पर डॉक्टर ने टांका लगाया। मरहम पट्टी की और उसके बाद इलाज करके उसे छुट्टी दे दी गई। अस्पताल में हमसे किसी प्रकार का पैसा नहीं लिया गया। वही जानकारी यह भी मिली है कि कबाड़ बीनने का काम करने वाले बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं।