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Raebareli News: मासूम बच्ची को एम्स रायबरेली में नहीं मिला उपचार, दमतोड़ने के बाद शुरू हुआ बवाल

Raebareli News: एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अपनी मासूम बच्ची के शव को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पहुंचे हुए हैं जहां पर एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं।

Narendra Singh
Published on: 21 Oct 2024 3:57 PM IST
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Raebareli News: उत्तर प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार गरीबों को लेकर अपने मातहत अधिकारियों को निर्देश देने में कोई कोताही नहीं बरत रही है। खासकर अगर स्वास्थ्य विभाग की बात की जाए उत्तर प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक गरीबों के हित के लिए करोड़ों रुपए दवा और इलाज के लिए निर्गत कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते गरीब जनता को बगैर पैसे के इलाज न होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में सामने आया है।

ताजा मामला रायबरेली जिले ऊंचाहार थाना क्षेत्र के जलालपुर मजरे इटोरा बुजुर्ग का है। जहां 2 दिन पहले एक मासूम बच्ची को इलाज के लिए रायबरेली के जिला अस्पताल में उसके परिजनों द्वारा भर्ती कराया गया। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए रायबरेली जिला अस्पताल प्रशासन ने मासूम बच्ची को एम्स रायबरेली के लिए रेफर कर दिया। जहां पर बच्ची को एम्स प्रशासन द्वारा इलाज के लिए इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया गया, इस दौरान बच्ची की मौत हो गई।

बच्ची के परिजनों के मुताबिक जिला अस्पताल रायबरेली से रेफर करने के बाद जब हम लोग इलाज के लिए बच्ची को एम्स लेकर गए तो वहां पर इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर ने बच्ची के इलाज के दाखिले को लेकर मना कर दिया। हम लोग एम्स प्रशासन के सामने बच्ची के इलाज के लिए रोते और गिड़गिड़ाते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। हमारे पास न पैसा है, न कोई ऊंची पहुंच, जिससे हम अपनी बच्ची का इलाज करा पाते। अंत में हम लोग एम्स के बाहर गेट के सामने बैठकर बच्ची के इलाज के लिए एम्स में भर्ती करने को लेकर इंतजार करते रहे और आज दोपहर 1:00 बजे बच्ची की मौत हो गई। उसके बाद हम लोग एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अपनी मासूम बच्ची के शव को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पहुंचे हुए हैं जहां पर एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं।

Shalini singh

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