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Raebareli में पटाखा बनाते समय बड़ा धमाका, चार बच्चे बुरी तरह झुलसे, हालत गंभीर

Explosion while Making Firecrackers: धमाके के बाद गांव वालों ने 112 पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने सभी झुलसे बच्चों को सीएचसी ले गई, जहां चारों का इलाज जारी है।

Narendra Singh
Published on: 10 Nov 2023 11:48 AM GMT (Updated on: 10 Nov 2023 12:00 PM GMT)
Explosion while Making Firecrackers
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Raebareli News: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के सरेनी ब्लॉक क्षेत्र के मलके गांव में शुक्रवार (10 नवंबर) को पटाखा बनाते समय विस्फोट हो गया। हादसे में चार नाबालिग बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। धमाके के बाद चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और चारों घायल बच्चों को सीएचसी सरेनी में भर्ती कराया। वहां सभी का इलाज चल रहा है।

हादसा रायबरेली जिले के सरेनी कोतवाली क्षेत्र के मलके गांव का है। यहां पटाखा बनाते समय विस्फोट हो गया। हादसे में एक बच्ची समेत चार नाबालिग बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। बताया जा रहा है कि पास के स्कूल में पढ़ने वाले गरीबों के बच्चों को पैसे का लालच देकर चोरी से उन्हें अपने घर बुलाकर पटाखे बनवाया जा रहा था। घटना के बाद सभी घायलों को आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरेनी ले जाया गया। वहां चारों बच्चों की हालत गंभीर देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।


अवैध पटाखों का हो रहा था निर्माण

मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम और तहसील प्रशासन पहुंच चुकी है। पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरह से घर के आंगन में भारी मात्रा में अवैध तरीके से पटाखे बनाए जा रहे थे। इसी दौरान बड़ा धमाका हो गया। विस्फोट में पटाखा बना रहे चार नाबालिग बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। सभी की हालत गंभीर है।

नसरीन बानो के घर में बन रहा था अवैध पटाखा

जानकारी के अनुसार, जिस घर में पटाखे बनाए जा रहे थे उसका नाम नसरीन बानो है। ये गांव के छोटे-छोटे बच्चों को पैसे का ललाच देकर पटाखे बनवाने का काम करती थी। घायल बच्चों में सौरभ (12 वर्ष), गोविंद (14 वर्ष), मनीष (15 वर्ष), शिजा (8 वर्ष) है। इन मासूम बच्चों से पटाखे बनवाए जा रहे थे। विस्फोट के बाद घर के अंदर रखा बारूद और काफी मात्रा में बने पटाखे घर के पीछे नाले में फेंक दिए गए।

पैसे का लालच देकर बनवाए जा रहे थे पटाखे

धमाके ने पटाखों के काले कारोबार का खुलासा कर दिया। फिलहाल फायर विभाग की टीम घटना की जांच-पड़ताल कर रही है। सूत्रों की मानें तो पटाखा बनाने का कोई लाइसेंस नहीं लिया था। रिहायशी इलाके में पटाखे बनाए जा रहे थे। घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा है। घायल बच्चों के परिजनों की मानें तो लोग अपने बच्चों को तो स्कूल पढ़ने के लिए भेजते थे और उन्हें नहीं पता था कि पैसे का लालच देकर उनके बच्चे से पटाखे बनवाये जा रहे थे।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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