Raebareli: गंगा एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए जमीन देने से किसानों का इंकार, प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

Raebareli News: किसानों का कहना था कि, 'वह अल्पजोत किसान हैं। उनकी भूमि का अधिग्रहण हो जाने से उनकी जीविका पर संकट पैदा हो जाएगा। जबकि, पास के गांव पूरे अपटा से जुड़ा हुआ हजारों एकड़ सरकारी भूमि पड़ी हुई है।'

Narendra Singh
Published on: 2 Jan 2024 4:40 PM GMT
Raebareli News
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किसानों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन (Social Media)

Raebareli News: ऊंचाहार गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) के किनारे सरकार द्वारा प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor) बनाने की योजना के आरंभ से पहले ही बवाल शुरू हो गया है। क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांव के सैकड़ों किसानों ने कॉरिडोर के लिए जमीन न देने की घोषणा करते हुए एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।

ज्ञात हो कि निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के पास जिले के लालगंज और ऊंचाहार के पास औद्योगिक कॉरिडोर बनना है। इस कॉरिडोर के लिए सरकार ने हाल ही में घोषणा की है। जिसके साथ, भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) का अधिपत्र जारी किया है। इसके बाद किसानों का विरोध शुरू हो गया है।

किसानों ने जमकर काटा बवाल

इलाके लोगों ने मंगलवार (02 जनवरी) को क्षेत्र के गांव पूरे बाबा का पुरवा, पूरे मुराइन, पूरे खिलमतियन, पूरे भागी, पूरे बखिया सहित करीब आधा दर्जन गांवों के किसान तहसील पहुंचे। यहां किसानों ने भूमि अधिग्रहण के विरोध में नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा काटा।

...तो खड़ा हो जाएगा जीविका पर संकट

किसानों का कहना था कि, 'वह अल्पजोत किसान हैं। उनकी भूमि का अधिग्रहण हो जाने से उनकी जीविका पर संकट पैदा हो जाएगा। जबकि, पास के गांव पूरे अपटा से जुड़ा हुआ हजारों एकड़ सरकारी भूमि पड़ी हुई है। यहां कॉरिडोर बनाया जा सकता है। इसलिए उनकी भूमिका आज ग्रहण न किया जाए।'

एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

किसानों ने अधिग्रहण के विरुद्ध एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है। इस प्रदर्शन में प्रमुख रूप से राम नरेश , देश राज , श्याम लाल , फूल चंद्र, महेश कुमार मौर्य , रवि शंकर , हसबुन निशा , शिव नायक पांडेय , हेमराज , जमुना लाल , राम फल आदि सैकड़ों किसान मौजूद थे ।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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