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Lok Sabha 2024: केवल राशन से नहीं बदलेगा जनता का भविष्य, प्रियंका गांधी ने किया करारा वार
Lok Sabha 2024: प्रियंका गांधी ने कहा कि पांच किलो राशन से जनता का भविष्य नहीं बनने वाला है। राशन मिल रहा है ये बहुत अच्छी बात है। लेकिन सरकार को राशन के साथ ही रोजगार भी देना चाहिए।
Lok Sabha 2024: भीषण गर्मी के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार रायबरेली से उम्मीदवार राहुल गांधी के लिए जमकर प्रचार-प्रसार कर रही हैं। जनसभा के दौरान प्रियंका ने जमकर भाजपा सरकार पर जुबानी तीर छोड़े। गुरूवार को एक सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा कह रही है कि वह परिवार के शहीदों के नाम पर वोट मांग रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने परिवार पर क्यों न गर्व करूँ, क्यों मैं चुप रहूँ। कांग्रेस मेनिफेस्टो को लेकर भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी को उसे ठीक से पढ़ना चाहिए।
स्मृति ईरानी के बयान कांग्रेस मुद्दों पर नहीं लड़ रही पर जवाब देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि यह तो उल्टी बात है। हम तो महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ही लड़ रहे हैं। कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह के बेटे को टिकट दिये जाने को लेकर प्रियंका ने कहा कि भाजपा के लिए महिला सम्मान चुनावी जुमला है। महिला पहलवान जब मेडल लेकर आती हैं तो पीएम मोदी उनके साथ चाय पीते हैं। अब जब महिलाएं धरना दे रही हैं तो वो आरोपी को अपनी पार्टी का प्रत्याशी बना रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि पांच किलो राशन से जनता का भविष्य नहीं बनने वाला है। राशन मिल रहा है ये बहुत अच्छी बात है। लेकिन सरकार को राशन के साथ ही रोजगार भी देना चाहिए। जब हर युवा के पास रोजगार होगा तो खुद ही आत्मनिर्भर हो जाएगा। पांच किलो राशन से भविष्य कभी नहीं बदलने वाला है। भाजपा सरकार जनता को सिर्फ राशन देने तक ही सीमित कर रहा है। उसकी नीति ठीक नहीं है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि रायबरेली में राजनीतिक जागरुकता की परंपरा रही है। यहां के किसानों ने 103 साल पहले आंदोलन किया था जिसमें पंडित जवाहर लाल नेहरू भी शामिल हुए थे और किसानों के साथ गिरफ्तार भी हुए थे। उन्होंने कहा कि रायबरेली की जनता ने कई बड़े नेताओं को भी दंडित किया है। इंदिरा गांधी को भी हरा दिया। लेकिन फिर भी इंदिरा गांधी ने हमेशा जनता का आदर किया और उनकी बातों को सुना। आज की सरकार उद्योगपतियों का कर्ज तो माफ कर देती है लेकिन किसानों की बात तक नहीं सुनती है।