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Raebareli News: सुरक्षित की गई तालाब की जमीन, एसडीएम ने लगवाया बोर्ड
Raebareli News: एसडीएम सदर प्रफुल्ल कुमार शर्मा ने एक मुकदमे में करोड़ों रुपए की सुरक्षित जमीन को तालाब में दर्ज करने का फैसला सुनाया है।
Raebareli News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भू माफिया के खिलाफ अभियान जारी है। उन्होंने सभी तहसीलों को साफ-साफ कह दिया कि जो भी तालाब की जमीन है उनको सुरक्षित रखा जाए। इसी क्रम में रायबरेली में करोड़ों की तालाब की जमीन को खाली कर दिया गया है। वहीं कुछ दिन पहले इसी जमीन को लेकर एक बड़ा फैसला डीएम हर्षिता माथुर के निर्देश पर लिया गया था। अब रायबरेली के डिडौली में करोड़ों कीमत की तालाब की भूमि को लोगों ने अपने नाम करा दिया था। जो एसडीएम सदर व आईएस प्रफुल्ल कुमार शर्मा ने प्रविष्टियों को खारिज कर जमीन को तालाब की श्रेणी में दर्ज कराया। इस भूमि पर प्लाटिंग चल रही थी।
एसडीएम ने सुनाया फैसला
एसडीएम सदर प्रफुल्ल कुमार शर्मा ने एक मुकदमे में करोड़ों रुपए की सुरक्षित जमीन को तालाब में दर्ज करने का फैसला सुनाया है। डिडौली में तालाब की सुरक्षित जमीन को लोगों ने अपने नाम दर्ज करा कर प्लाटिंग शुरू कर दी थी। एसडीएम ने प्रविष्टियां निश्चित करते हुए भूमि को तालाब की श्रेणी में दर्ज करने का आदेश दिया था। तहसीलदार ने अनुपालन कराते हुए निर्देश दिया था। सहायक शासकीय अधिवक्ता संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र के डिडौली में पुराने गाटा संख्या 497 में रकबा 0.629 हेक्टेयर पर तालाब दर्ज था। चकबंदी के दौरान तालाब के गाटा संख्या 497 को बदलकर 556 कर दिया गया था।
लगाया गया बोर्ड
वर्तमान में तालाब की सूची जमीन गढ़ी खास निवासी कृष्णावती वहां बाबागंज जायस निवासी, सुमंत राज प्रगतपुरम निवासी, राजेश कुमार कांटा निवासी इंदिरा नगर, लखन सिंह इंदिरा नगर निवासी, धर्मेंद्र यादव के नाम संक्रमणीय के तौर पर दर्ज किया। तहसीलदार ने 1 अगस्त 2024 को रिपोर्ट में तलब कि भूमि को कूट रचित तरीके से की प्रविष्टियां निरस्त कराने की संस्तुति कर दी गई। मुकदमे में सुनवाई करते हुए एसडीएम सदर प्रफुल कुमार शर्मा ने मुकदमे की प्रक्रिया पूरी होने के आधार पर वाद भूमि को पूर्व की भांति 1359 फसली खतौनी के अनुरूप तालाब की श्रेणी में दर्ज करने का आदेश दिया। तहसीलदार को आदेश का अनुपालन करते हुए करते हुए जमीन पर बैरिकेडिंग को हटाकर तालाब की जमीन को सुरक्षित कर दिया गया है। लेखपाल सत्यवान द्वारा वहां पर पहुंचकर सरकारी बोर्ड को भी लगा दिया गया है कि यह संपत्ति सरकार की है।