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Raebareli News: जमानत पर रिहा हुए शैलेंद्र सिंह, बोले-मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा, पीएम मोदी और सीएम योगी से मिलने की तमन्ना

Raebareli News: शैलेंद्र सिंह ने बताया कि आठ सालों में मैंने काफी कुछ खो दिया, अब घर जा रहा हूं देखता हूं क्या बचा है और क्या संभालना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी से मिलने की तमन्ना है।

Narendra Singh
Published on: 16 Dec 2023 6:55 PM IST
Shailendra Singh released on bail, said - I have full faith in the court, wish to meet PM Modi and CM Yogi
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जमानत पर रिहा हुए शैलेंद्र सिंह, बोले-मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा, पीएम मोदी और सीएम योगी से मिलने की तमन्ना: Photo- Newstrack

Raebareli News: नबी अहमद हत्याकांड में रायबरेली जेल में बंद शैलेंद्र सिंह को शनिवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। जमानत पर रिहा होने के बाद शैलेंद्र सिंह काफी खुश नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा था और मुझे उम्मीद थी कि मुझे जमानत मिलेगी और मेरे साथ न्याय होगा। शैलेंद्र सिंह ने बताया कि आठ सालों में मैंने काफी कुछ खो दिया, अब घर जा रहा हूं देखता हूं क्या बचा है और क्या संभालना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी से मिलने की तमन्ना है।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब माननीय मुख्यमंत्री जी ने मेरी मदद की थी जब वे गोरखपुर के सांसद थे। उन्होंने योगी आदित्यनाथ से अपनी निकटता जाहिर करते हुए कहा कि हम लोग एक साथ बैठते थे और उनका दायां घुटना मेरे बाएं घुटने से जुड़ा रहता था।

उसके बाद भी मुझे जेल भेज दिया गया-

शैलेंद्र सिंह ने 2015 में हुए नबी अहमद हत्याकांड में खुद को निर्दोष माना है। उनका कहना है कि हमला मुझ पर हुआ है उसके बाद भी मुझे जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे फिर भी न्यायालय पर भरोसा है। मुझे उम्मीद है कि मेरे साथ न्याय होगा।

क्या था मामला-

इलाहाबाद कचहरी में सीजेएम कोर्ट के सामने 2015 में 11 मार्च को अधिवक्ता नबी अहमद के ऊपर दारोगा शैलेंद्र सिंह ने फायर झोंक दिया था। गोली लगने के कारण वकील की मौत हो गई थी। नबी अहमद के पिता शाहिद सिद्दीकी ने दारोगा शैलेंद्र सिंह और राशिद सिद्दीकी पर कर्नलगंज थाने में हत्या का केस दर्ज कराया था। इस वारदात के बाद दारोगा शैलेंद्र को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इलाहाबाद की कचहरी में वकीलों का भारी विरोध होने के कारण हाईकोर्ट के विशेष आदेश पर केस जून 2015 में रायबरेली कचहरी स्थानांतरित कर दिया था।

Shashi kant gautam

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