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Raebareli News: सिविल जज परीक्षा में शिवम यादव ने लहराया परचम, परिणाम आते ही खुशी से झूम उठे
Raebareli News: शिवम यादव की मेहनत और लगन ने उन्हें यूपीपीएससी पीसीएस जे परीक्षा में उत्तर प्रदेश में 127वें रैंक तक पहुंचाया, जिससे उन्होंने अपने परिवार और जनपद का नाम रोशन किया।
Raebareli News: रायबरेली के शिवम यादव ने सिविल जज बनकर अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया है। शिवम यादव लालगंज तहसील के गुर्दी कोरिहरा गांव के निवासी है। लेकिन वे अब रायबरेली शहर के चक भीखमपुर में रह रहे है।
शिवम ने मेहनत के साथ-साथ उच्च शिक्षा का सफर तय किया। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा शहर के एसजेएस पब्लिक स्कूल से प्राप्त की और फिर क्लैट परीक्षा को पास किया। उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय लखनऊ से ग्रेजुएशन पूरी की और फिर दिल्ली में तैयारी शुरू की। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें यूपीपीएससी पीसीएस जे परीक्षा में उत्तर प्रदेश में 127वें रैंक तक पहुंचाया, जिससे उन्होंने अपने परिवार और जनपद का नाम रोशन किया।
शिवम ने बताया कि उनके पिता प्रेम शंकर यादव अधिवक्ता हैं और उन्हीं से उन्हें प्रेरणा मिली है। वे अपने परिवार के साथ एक प्रतिष्ठित मानवाधिकार वकील हैं। उनकी माता जी का निधन होने के बाद भी परिवार ने उन्हें हमेशा सहारा दिया और उनकी मेहनत में कमी नहीं आने दी। उन्होंने कहा कि उनके भाई और चाचा ने उन्हें हमेशा समर्थन दिया और उनके सपनों की पूर्ति के लिए उन्हें किसी भी प्रकार की कमी महसूस नहीं होने दी।
पिता के सपनों को पूरा किया
शिवम ने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए विभिन्न नौकरियों की पेशेवर ऑफर्स को बावजूद नकारात्मक दिशा में कदम नहीं रखा और उन्होंने अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित किया। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाया। शिवम के पिता शंकर यादव के बेटे की जैसे ही यह खबर अधिवक्ताओं को मिली तो अधिवक्ताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सभी ने शिवम को फेसबुक पर और फोन करके परिवार को बधाई संदेश देना शुरू कर दिया है।
शिवम यादव सबसे छोटे भाई है जिनका पीसीएस जे में सिलेक्शन हुआ है। उनके बड़े भाई दीपेंद्र उर्फ लकी इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं और उनके दूसरे भाई गौरव यादव शिक्षक भी है और शिक्षक नेता के नाम से शिक्षण कार्य कर रहे है। शिवम के चयन होने पर गौरव यादव शिक्षक नेता ने सभी शिक्षकों को मुंह मीठा कराया और कहा कि यह हमारे माता-पिता का आशीर्वाद रहा है जो इतने संघर्ष करते हुए इस मुकाम पर हम लोग पहुंचे है।