Raebareli News: 'वन जेल, वन प्रोडक्ट' के तहत बंदियों ने बनाए दिवाली के आइटम, कीमत बाजार मूल्य से आधी

Raebareli News: बंदियों ने यह सब कुछ खुद अपने हाथ से बनाया है, जिसे जेल के बाहर बनी दुकान में बिकने के लिए रखा गया है। ख़ास बात यह है कि इनकी कीमत बाजार मूल्य से काफ़ी कम है।

Narendra Singh
Published on: 26 Oct 2024 12:11 PM GMT
Under One Jail, One Product, prisoners made Diwali items, price half of market price
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'वन जेल, वन प्रोडक्ट' के तहत बंदियों ने बनाए दिवाली के आइटम, कीमत बाजार मूल्य से आधी: Photo- Newstrack

Raebareli News: दिवाली का त्यौहार धन-धान्य और समृद्धि का प्रतीक है। इस बार दिवाली इस अक्टूबर महीने के आखिरी दिन 31 तारीख को मनाई जाएगी। इस मौके पर हर कोई अपने घर को सजाने के लिए बाज़ार से दिवाली के आइटम खरीदते हैं। लेकिन इस बार अगर आप बाज़ार के लिए निकलते हैं तो रायबरेली जिला जेल के गेट तक ज़रूर जाएं। यहां जनपद रायबरेली के जिला जेल में बंदियों द्वारा बनाए गए खूबसूरत वेल फिनिश्ड लक्ष्मी गणेश के अलावा मिट्टी व गोबर से बने दिए आप अपने घर ले जा सकते हैं।

बंदियों ने अपने हाथ से बनाए दिवाली के दिए

आपको बता दें कि यहां बंदियों ने यह सब कुछ खुद अपने हाथ से बनाया है, जिसे जेल के बाहर बनी दुकान में बिकने के लिए रखा गया है। ख़ास बात यह है कि इनकी कीमत बाजार मूल्य से काफ़ी कम है और क्वालिटी ऐसी कि चाईनीज़ प्रोडक्ट को मात दे दें।


'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट'

जेल अधीक्षक अमन कुमार सिंह के मुताबिक योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' की तर्ज़ पर प्रदेश भर में 'वन जेल वन प्रोडक्ट' का टास्क मिला है। बता दें कि इसीके तहत रायबरेली को माटीकला का प्रोजेक्ट भी मिला । ऐसे में जेल अधीक्षक ने अपने मार्गदर्शन में इसमें चार चाँद लगा दिए ।


जेलर हिमांशु रौतेला के निर्देशन में जेल के भीतर शुद्ध तालाब से लाई हुई मिट्टी और गाय के गोबर से जहां दीपावली के लिए सस्ते दामों पर लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां और दिए उपलब्ध हैं वहीं कई सजावटी सामान भी यहां मिल रहे हैं।


कीमत बाजार मूल्य से लगभग आधी

उधर माटीकला बोर्ड के साथ मिलकर अमन कुमार रायबरेली जेल के माटीकला प्रोडक्टस को पूरी दुनिया तक पहुँचाने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी इसे लाने का प्रयास कर रहे हैं। उधर सस्ते और ज़्यादा सुन्दर चाय के कुल्हड़ यहाँ चाय ठेलों पर जाना शुरू हो गए हैं जिनकी कीमत बाजार मूल्य से लगभग आधी है।

Shashi kant gautam

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