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Raebareli: बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया, सारे नियम कानून हवा में उड़ाते अधिकारी
Raebareli News: अधिकारियों की सेवा और चढ़ावा प्रक्रिया में सारे नियम कानून को अधिकारी लोग हवा में उड़ा देते हैं।
Raebareli News: बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। समायोजन माने जहां पर ज्यादा शिक्षक हैं वहां से हटकर जहां शिक्षक नही हैं या कम शिक्षक हैं वहां भेजना। शहर के नजदीक या रोड के किनारे वाले स्कूलों में जुगाड़, खर्चा, पानी करके अधिकारी से सेटिंग करके नियम तोड़ शिक्षकों की नियुक्ति और ट्रांसफर पर उत्तर प्रदेश सरकार सख्त है।
समायोजन प्रक्रिया में कक्षा 1 से 5 प्राइमरी स्कूल में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम है और 150 बच्चों पर हेडमास्टर की व्यवस्था है। कक्षा 6 से 8 जूनियर हाई स्कूल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम है और 100 बच्चों पर हेड मास्टर की व्यवस्था है। शिक्षा का अधिकार कानून में विद्यालयों को चलाने के लिए छात्रों और शिक्षकों का अनुपात निर्धारित है। लेकिन अधिकारियों की सेवा और चढ़ावा प्रक्रिया में सारे नियम कानून को अधिकारी लोग हवा में उड़ा देते हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग की समायोजन प्रक्रिया गतिमान है जिसमें सरकारी स्कूलों में 30 जून की छात्र संख्या का आधार लिया गया है। कम बच्चों के सापेक्ष अधिक शिक्षकों को स्कूल से हटाया जायेगा और अधिक बच्चे हों और शिक्षक कम हो तो वहा शिक्षक भेजे जाएंगे।
बीईओ पर बीएसए का वरदहस्त
उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के समायोजन आदेश और प्रक्रिया में नींव को कैसे हिलाना है और दीवार में छेद कैसे करना है इस विषय पर जिले के अधिकारियों को महारत हासिल हैं। ताजा मामला एक ऐसे ब्लॉक का है जहां के बीईओ पर बीएसए का वरदहस्त प्राप्त है। काला सफेद कुछ भी करो बस समय से नजराना चढ़ाते रहो।
राही ब्लॉक के एक स्कूल में छात्र संख्या 131 है, लेकिन बीईओ साहब छात्र संख्या 151 बताकर ज्यादा शिक्षकों को हटाने से बच रहे हैं। दूसरा मामला भी राही ब्लॉक का है, जहां साल 2014 ज्वाइनिंग वाले शिक्षक को सीनियर और वर्ष 2012 ज्वाइनिंग वाले शिक्षक को जूनियर बताया गया है और सीनियर शिक्षिका समायोजन कर विद्यालय से हटाने की योजना बना चुके हैं।
शिवेंद्र प्रताप सिंह की बीएसए की कार्यशैली हमेशा चर्चा में
बेसिक शिक्षा विभाग में बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह अपनी ऊपर लेवल तक सेटिंग गेटिंग के लिए मशहूर हैं। इसके पूर्व भी फतेहपुर जनपद में लगभग 7 साल तक जमे रहे। अपनी ऊंची पहुंच का फायदा उठाकर जिले को अपने हिसाब से अपने नियम कानून से चलाने के लिए बीएसए की कार्यशैली हमेशा चर्चा में रहती है।