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UPSC Result 2024: गुमटी में कांपी किताब बेचने वाले का बेटा बना IAS, जिले का बढ़ाया मान
UPSC Result 2023: शिवम सिंह के पिता रामनरेश सिंह विकास भवन के बाहर लगभग 20 सालों से छोटी सी गुमटी में स्टेशनरी की दुकान लगाते हैं। शिवम सिंह अपनी कामयाबी का श्रेय मां-बाप को देते हुए कहते हैं कि...
Raebareli News: रायबरेली जिले के रहने वाले शिवम सिंह ने एक बार फिर जिले का नाम रोशन किया है। कहते हैं, मेहनत अगर दिल से की जाए तो कोई भी कार्य छोटा नहीं होता है। संघर्षों के साए में पल बढ़कर माता-पिता से दूर रहकर कामयाबी की बुलंदी को तय करने वाले शिवम सिंह ने एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा में 877 वीं रैंक लाकर जनपद का मान बढ़ाया है। आज संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया हैं। जिसमें यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में शामिल हुए उम्मीदवार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
UPSC परीक्षा में हासिल की 877 वीं रैंक
इस साल जहां यूपीएससी फाइनल रिजल्ट में लखनऊ जनपद के आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप किया, तो वहीं एसडीएम खजनी जो मूलतः रायबरेली के रहने वाले हैं, शिवम सिंह ने 877 में रैंक लाए हैं। दूसरे नंबर पर अनिमेष प्रधान रहे हैं। जबकि तीसरे स्थान पर अन्नय्या रेड्डी ने परचम लहराया है। मृदुभाषी शिवम सिंह रायबरेली जनपद के मिल एरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्रगति पुरम के रहने वाले हैं। मेहनत कश रामनरेश सिंह के छोटे सुपुत्र है। रायबरेली के शिवम सिंह पर यह पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठती है कि जिसमें जुनून है उसे हर हुनर मिल ही जाता है। गौरतलब है कि शिवम सिंह अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते पहली बार सूबे की पीसीएस परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल की थी। अब सिविल सर्विसेज परीक्षा में आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिखाया है। अब देखना है कि रैंक के आधार पर कौन सा कैडर मिलता है।
एसडीएम के पद पर कार्यरत है शिवम सिंह
शिवम सिंह वर्तमान में खजनी तहसील के उप जिला अधिकारी के पद पर ईमानदारी के साथ अपनी सेवा दे रहे हैं। शिवम सिंह ने बताया कि उनके जीवन का लक्ष्य यहीं से पूरा हो गया है। अब सिर्फ जनता के लिए समर्पित रहेंगे। क्योंकि गरीबी अपने माता-पिता की उन्होंने देखी है और अपने इस पद का मांन बढ़ाए रखने के लिए मेहनत से दायित्वों का निर्वहन करेंगे। वैसे शिवम सिंह के पिता रामनरेश सिंह विकास भवन के बाहर लगभग 20 सालों से छोटी सी गुमटी में स्टेशनरी की दुकान लगाते हैं। शिवम सिंह अपनी कामयाबी का श्रेय मां-बाप को देते हुए कहते हैं कि उनकी ही बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं और सही मायने में बधाई के पात्र मेरे माता-पिता ही है। 12 वीं के बाद लखनऊ के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक पढ़ाई पूरी की। फिर धनबाद के आईटीआई से एमटेक करने का अवसर मिला। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में चयन और वर्तमान में सिविल सर्विसेज परीक्षा के अंतिम परिणाम में जो रैंक आया है। वह माता-पिता के आशीर्वाद से ही आया है।