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विपक्षी एकता के नए परिदृश्य, राहुल बनेंगे महागठबंधन धुरी !
पांच राज्यों में हुए चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता के बाद राजनीतिक गलियारों में महागठबंधन को लेकर चर्चा तेज हो गयी है। भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए भाजपा विरोधी मोर्चा महागठबंधन की शक्ल में तैयार हो रहा है। महागठबंधन में नेता को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पायी है।
नईदिल्ली: पांच राज्यों में हुए चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता के बाद राजनीतिक गलियारों में महागठबंधन को लेकर चर्चा तेज हो गयी है। भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए भाजपा विरोधी मोर्चा महागठबंधन की शक्ल में तैयार हो रहा है। महागठबंधन में नेता को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पायी है। महागठबंधन के साथी के तौर पर उत्तर से लेकर दक्षिण तक भाजपा विरोधी दल एक मंच पर आ रहे हैै। बिहार में RJD बंगाल में TMC तमिलनाडु में DMK और उत्तर प्रदेश में SP-BSP दिल्ली में आप जैसेे दल भाजपा विरोधी मोर्चा तैयार करने में जोर लगाए हुए हैं।
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कांग्रेस पार्टी को पांच राज्यों में मिली बडी कामयाबी के बाद महागठबंधन के कुछ साथी राहुल गांधी के पक्ष में खुल कर अपनी राय देने लगे है ।
कई महीनोंं से गठबंधन को लेकर काम कर रहे जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने राहुल गांधी के समर्थन में सबसे पहले खुलकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी अपोजिशन की सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं।
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मध्य प्रदेश में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया है। इसके पहले मायावती ने भी कभी राहुल गांधी के नेतृत्व को खुलकर नहीं स्वीकारा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाया था और अजीत जोगी की पार्टी से गठबंधन कर लिया था।
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तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने महागठबंधन के चेहरे के सवाल पर कहा, ’चेहरा तो जनता है। अगर हम चेहरे पर जाएंगे, तो जनता को भूल जाएंगे। जनता जो चेहरा तय करेगी, वही चेहरा रहेगा।’ दिनेश त्रिवेदी ने यह भी कहा कि किसी को भी चुनाव जीतने के बाद घमंड नहीं करना चाहिए।उनका इशारा ठीक कांग्रेस की ओर है।
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महागठबंधन के चेहरे को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि’इस पर अभी व्यापक चर्चा की जरूरत है। चर्चा में जो बातें निकलकर आएंगी, तो देखा जाएगा। विपक्ष को 2019 में भाजपा मुक्त भारत बनाने के लिए काम करना होगा।
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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज झा ने कहा, 'जब हम चेहरे की बात करते हैं, तो हम अपने लोकतंत्र को छोटा करते हैंं। RJD का रुख है कि सामूहिकता के आधार पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए। किसी व्यक्ति के इर्द-गिर्द राजनीति नहीं होनी चाहिए।'
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विधानसभा चुनावों में मिली अपार सफलता के बाद महागठबंधन की राजनीति भी राहुल गांधी के इर्द गिर्द ही घूमेंगी। पार्टी के भीतर जहां राहुल गांधी का प्रभाव बढ़ गया, वहीं साथी दलों में राहुल के प्रति स्वीकार्यता स्पष्ट देखी जा सकती है।