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दादी के नक्शेकदम पर पोता, देवरहा बाबा की धरती से शुरू करेंगे चुनावी यात्रा
लखनऊ/देवरिया: उत्तर प्रदेश की राजनीति में करीब तीन दशक से हाशिए पर चल कांग्रेस पार्टी को अब उपाध्यक्ष राहुल गांधी से उम्मीदें हैं। राहुल 6 सितंबर को देवरिया से पूर्वांचल की नब्ज टटोलते हुए पार्टी की नैया को पार लगाने का प्रयास करेंगे।
इंदिरा ने भी देवराहा बाबा की धरती से किया था आगाज
राहुल गांधी अपनी दादी और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लकीर पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत कांग्रेस की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए राहुल गांधी 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उलटफेर करने के लिए नई व्यूह रचना के साथ देवराहा बाबा की धरती से महायात्रा का आगाज कर रहे हैं। गर्दिश के दिनों में इंदिरा गांधी ने भी देवराहा बाबा से आशीर्वाद मांगा था। देवराहा बाबा के सुझाव पर ही उन्होंने पार्टी का चुनाव चिन्ह 'हाथ का पंजा' बनाया था।
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इंदिरा ने लिया था देवराहा बाबा से आशीर्वाद
इंदिरा गांधी ने 1979 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव में उतरने के पहले देवराहा बाबा का दर्शन कर चुनाव जीतने का आशीर्वाद मांगा था। उस चुनाव में कांग्रेस को भारी सफलता मिली थी। देवराहा बाबा नदी में मचान पर बैठा करते थे और वहीं से अपने भक्तों को पैर से आशीर्वाद दिया करते थे। इंदिरा गांधी को दिए पैर से आशीर्वाद की उस वक्त खूब चर्चा हुई थी।
'27 साल यूपी बेहाल' रहा बेअसर
अब राहुल गांधी उसी इतिहास को दोहराने की कोशिश में देवराहा बाबा की भूमि से अपने अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। संभवत ये यूपी में कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दिमाग की ही उपज है। कांग्रेस ने '27 साल यूपी बेहाल' नाम से यात्राओं की शुरुआत की है। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर, सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित, वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, संजय सिंह आदि हिस्सा ले रहे हैं।
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नहीं चला राजबब्बर और शीला दीक्षित का जादू
हालांकि '27 साल यूपी बेहाल' यात्रा को वो सफलता नहीं मिली है जिसकी पार्टी ने उम्मीद की थी। यात्रा को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने रवाना किया था। उम्मीद थी कि लोग यात्रा से जुडेंगे लेकिन ऐसा हो नहीं सका। राजबब्बर का ग्लैमर और दिल्ली में शीला दीक्षित के किए काम भी जनता को कांग्रेस से जोड़ नहीं सकी।
पीके का प्लान-2
राजनीतिक जानकारों के अनुसार कांग्रेस की यात्रा अभी तक विफल साबित रही है। राहुल की यात्रा का कार्यक्रम मौजूदा यात्रा के पहले ही बना लिया गया था। ये संभवत: प्रशांत किशोर (पीके) का प्लान-2 है। संभवतः ये तय किया गया हो कि यदि पहली यात्रा को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिलती है तो प्लान-2 पर काम हो।
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इतिहास दोहराने जा रहे राहुल
राहुल का देवरिया से यात्रा शुरू करना एक बार फिर चर्चा में है। पुराने लोग इसे दिवंगत इंदिरा गांधी के देवराहा बाबा से मिलने और आशीर्वाद लेने से जोडकर देख रहे हैं। अब देवराहा बाबा जीवित नहीं हैं लेकिन उनकी भूमि से कांग्रेस की यादें जुड़ी हैं। ये अभी भविष्य के गर्भ में है कि राहुल की यात्रा कांग्रेस को कितनी सफलता दिलाएगी ।