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Rail Roko Andolan: किसानों का 3 दर्जन जगह ट्रैक पर कब्जा, ट्रेन सेवाएं हुई बाधित

संयुक्त किसान मोर्चा के रेल रोको आंदोलन का असर दिखना शुरू हो गया है। किसानों के रेलवे लाइनों पर प्रदर्शन करने से करीब 3 दर्जन जगहों पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुई हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 18 Oct 2021 8:06 AM GMT (Updated on: 18 Oct 2021 3:18 PM GMT)
Rail Roko Andolan
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रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करती पुलिस। 

Rail Roko Andolan Today Live: संयुक्त किसान मोर्चा के रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan Today Live) का असर दिखना शुरू हो गया है। किसानों के रेलवे लाइनों पर प्रदर्शन करने से करीब 3 दर्जन जगहों पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुई हैं। आंदोलन का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिक असर है जहां मोदीनगर और मुजफ्फरनगर में ट्रेनों को रोके जाने की खबर है। रेल रोको आंदोलन के तहत सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर में किसान आंदोलन के तहत ट्रेनों को रोकेंगे। किसानों का दावा है कि आंदोलन पूरी तरह से हिंसा मुक्त रहेगा और किसानों को किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ न करने को कहा गया है। किसानों यह आंदोलन लखीमपुर कांड के विरोध में है। जिसमें केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग प्रमुखता से है।

मेरठ संवाददाता सुशील कुमार के मुताबिक,लखीमपुर खीरी कांड और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आज मेरठ में ट्रेनों का आवागमन ठप कर दिया। मेरठ में किसानों ने रेल की पटरियों में ही धरना दिया। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पूरे देश में किसान रेल रोको अभियान में लगे हैं। मेरठ में रेल रोको अभियान सुबह 10 बजे से शुरू हुआ। पुलिस द्वारा किसानों को समझाने का प्रयास भी किया गया । लेकिन किसान रेलवे ट्रैक पर ही दरी बिछाकर धरना दे रहे हैं।


सकौती में भाकियू नेता संजय दौरालिया, कंकरखेड़ा फ्लाईओवर के नीचे पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी गजेंद्र सिंह व परतापुर में विजयपाल घोपला के नेतृत्व में भाकियू का धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। सभी स्थानों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात है। भाकियू पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन दोपहर चार बजे तक बताया है। वहीं, किसानों के प्रदर्शन के कारण मेरठ से गुजरने वाली लगभग 8 ट्रेनें प्रभावित रही, जिससे ट्रेन में सफर करने वाले हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। ट्रेनों के इंतजार में स्टेशनों पर बैठे यात्रियों को ट्रेनों के न आने पर अपने गंतव्य तक जाने के लिए रोडवेज बसों का सहारा लेना पड़ा है।

मेरठ में किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते पुलिस सतर्क रही। हालांकि बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात होने के बाद भी किसानों द्वारा सकोती रेलवे स्टेशन, कैंट रेलवे स्टेशन और परतापुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक के बीच में बैठ कर प्रदर्शन कर कई ट्रेनों को रोका गया। रेलवे अफसरों के अनुसार कंकरखेड़ा फ्लाईओवर के नीचे, सकौती रेलवे स्टेशन और परतापुर रेलवे स्टेशन पर किसानों ने ट्रैक कब्जा रखा है। किसानों के आंदोलन के चलते फरीदाबाद से वाया दिल्ली ,मेरठ आने वाली उत्कल एक्सप्रेस, फ्रंटियर एक्सप्रेस फरीदाबाद स्टेशन पर खड़ी हैं। यही नही, दिल्ली-सहारनपुर रेलवे रूट की आने वाली सभी ट्रेन पीछे ही रोक दी गई हैं।

मिर्जापुर से Brijendra Dubey: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर संपूर्ण भारत में रेल रोको आंदोलन के दौरान सोमवार को भारतीय किसान यूनियन जिला इकाई मिर्जापुर (Mirzapur Me Rail Roko Andolan) ने दस सूत्रीय मांगपत्र उपजिलाधिकारी को सौंपा। जिसमें भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि और किसान विरोधी तीनों अध्यादेश तुरंत वापस लेने, लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा कर हत्या करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने, लखीमपुर खीरी के घटना के दोषी गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी को तत्काल बर्खास्त करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों फल और सब्जी पर लागू करते हुए कानून बनाने, समर्थन मूल्य से कम पर फसल की खरीदी तो अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाए, डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को किसानों के हित में लागू किया जाए, बढ़े हुए बिजली बिल को वापस करते हुए देश में एक समान विद्युत बिल निर्धारित किया जाए व किसानों के सिंचाई हेतु निजी बोरिंग को बिजली बिल निशुल्क किया जाए, 26 जनवरी 2021 को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान गिरफ्तार निर्दोष किसानों व उनके ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए और उनके ऊपर लगे फर्जी मुकदमे वापस लिये जाएं, दिल्ली के आंदोलन में शहीद किसानों के परिवार को एक करोड़ मुआवजा दिया जाए।

इसके अलावा कहा गया कि पेट्रोल और डीजल के मूल्य में भारी वृद्धि की भारतीय किसान यूनियन घोर निंदा करती है। किसानों को कृषि के लिए डीजल पर सब्सिडी दी जाए, 60 वर्ष से ऊपर के किसानों को ₹10000 मासिक पेंशन दी जाए।

इस कार्यक्रम में जनपद मिर्जापुर के किसान रेल रोको आंदोलन (Kisan Rail Rail Roko Andolan) के लिए तिरंगा वीर बाबा नारायणपुर से जब रेल रोकने के लिए पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़ा तो भारी प्रशासन के बीच किसानों को रोकने का प्रयास किया। लेकिन किसान नहीं माने और आगे बढ़ते हुए नारायणपुर की राह पर चलने लगे, उपजिलाधिकारी रोशनी यादव के नेतृत्व में भारी फोर्स के साथ तिराहे पर रोक दिया गया। जहां पहले से ही भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामराज सिंह पटेल धरने पर बैठे थे, प्रशासन से काफी वार्ता के बाद प्रशासन नहीं माना और किसान रोड पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी सभा शुरू कर दी।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह, मंडल अध्यक्ष प्रह्लाद सिंह, जिला महासचिव वीरेंद्र सिंह, तहसील अध्यक्ष धर्मेंद्र, सिंह रेलवे संघर्ष समिति अध्यक्ष अनिल सिंह ,जिला उपाध्यक्ष अवधेश सिंह ,विश्वनाथ सिंह, रतनलाल चौरसिया, महेंद्र प्रसाद ,अरविंद कुमार सिंह, गोरखनाथ ,महिला मोर्चा अध्यक्ष सावित्री देवी ,हीरावती, कृष्णावती, लालमणि, मल्लो देवी, प्रधान संघ के अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ,राम सिंह लक्ष्मण सिंह ,मोहम्मद अलाउद्दीन, रमेश चौरसिया ,विजय सिंह, मन्नू रामदास ,पिंटू ,कैलाश यादव, परशुराम , श्याम धनी, राजनाथ, व भारी संख्या में किसान मौजूद रहे।

रायबरेली से नरेंद्र सिंह ने खबर दी है कि किसान आंदोलन को लेकर उतर प्रदेश में जहाँ किसानों में आक्रोश है वही आज-संयुक्त किसान मोर्चा के रेल रोको आंदोलन पर रायबरेली में सख्त पहरा बैठाया दिया गया है। यहां किसान नेताओं के घर पर रविवार रात से ही भारी पुलिस बल तैनात है। किसान नेताओं को उनके घर में ही नज़रबंद कर दिया गया है।

किसान नेताओं का कहना है कि प्रशासन उनके ऊपर पहरा बैठाकर आंदोलन को विफल करना चाहता है। नेताओं ने कहा कि प्रशासन जितना भी चाहे अत्याचार कर ले लेकिन आंदोलन फेल नहीं होगा। उधर रविवार रात से ही रेलवे स्टेशन पर पुलिस का कड़ा पहरा है। रेलवे स्टेशन के हर प्लेटफार्म को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सीओ सिटी महिपाल पाठक की अगुवाई में सिविल पुलिस और जीआरपी के जवान सुबह से ही रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में तैनात हैं। सीओ सिटी महिपाल पाठक का कहना है कि किसी को भी अराजकता करने की इजाज़त नहीं है। रेलवे स्टेशन पर भारी पुलिस बल तैनात है। यहां सभी ट्रेनों का बिना किसी अवरोध के आवागमन हो रहा है।

उन्होंने कहा सुबह से अब तक तीन से चार ट्रेनें सुगमतापूर्वक यहां से पास हो चुकी हैं। और यहां पर कोई दिक्कत नहीं है ना ही कोई किसान यहां पर आंदोलन कर रहा है अगर ऐसा कोई आएगा तो उससे निपटने के लिए पुलिस फोर्स मौजूद है। किसान नेता लाला चौधरी ने कहा कि किसानों के ऊपर हो रहे जुल्म का हम लोग मुंह तोड़ जवाब देंगे चाहे जितना पहरा बैठा दें आने वाले चुनाव में हम किसान विरोधी सरकार को 2022 में उखाड़ कर फेंक देंगे। हम किसानों पर पुलिस का पहरा लगाने से हमारा आंदोलन कम नहीं पड़ेगा जस जस पुलिस हम पर जुल्म करेगी तब तक हमारा आंदोलन और भी तेज होगा।

आगरा में जीआरपी और आरपीएफ अलर्ट हैं। किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते चौकसी बढ़ा दी गई है। रेलवे लाइन और स्टेशनों पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने किया रेलवे ट्रैक का लगातार निरीक्षण करने को कहा है। जीआरपी भी अलर्ट है। आगरा में स्टेशनों पर चेकिंग अभियान चलाया गया है।

आगरा से संवाददाता राहुल सिंह की रिपोर्ट

भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रेलवे लाइन पर कब्जा कर लिया है। भाकियू के जिला अध्यक्ष कपिल खाटीयांन के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा रेलवे लाइन पर कब्जा किया गया है। शामली एसडीएम संदीप कुमार व सीओ सिटी फोर्स लेकर मौके पर जमा किसानों को समझाने में जुटे हैं। रेलवे लाइन पर जीआरपी व आरपीएफ फोर्स तैनात कर दी गई है।

शामली से पंकज कुमार की रिपोर्ट

शामली में रेल रोको अभियान हुआ फेल

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान के बाद आज जहां रेल रोको अभियान किसान संगठनों का था। तो वहीं जनपद के रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ जीआरपी पुलिस प्रशासन व स्थानीय शासन प्रशासन ने रेलवे स्टेशन शामली को छावनी बनाकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान को फेल करने के साथ-साथ किसी भी किसान संगठन नेताओं व कार्यकर्ताओं को रेलवे ट्रैक तक नहीं पहुंचने दिया। किसानों ने भागकर रेल रोकनी चाही लेकिन पुलिस ने दौड़ाकर किसानों को पकड़ लिया, वहीं दिल्ली से सहारनपुर जाने वाली ट्रेन शामली रेलवे स्टेशन से अपने समय पर सहारनपुर के लिए रवाना हो गए ।

किसान कृषि बिल को लेकर चल रहे धरने के बाद किसान इकट्ठा होकर रेलवे ट्रैक शामली पहुंचने के प्रयास में थे लेकिन रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने स्थानीय शासन प्रशासन के सहयोग से रेलवे स्टेशन को छावनी बना दिया और किसी भी तरीके से किसान संगठन के नेताओं व कार्यकर्ताओं को रेलवे ट्रैक तक पहुंचने तक नहीं दिया। किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित मलिक भागकर रेल के सामने जाकर उसको रोकना चाहते थे लेकिन शामली पुलिस ने दौड़ाकर किसानों को पकड़ा और वापस रेलवे ट्रैक से दूर ले जाकर खड़ा कर दिया।

दिल्ली से सहारनपुर जाने वाली ट्रेन शामली अपने निर्धारित समय पर पहुंची और फिर आगे की सवारियां लेकर सहारनपुर के लिए अपने निर्धारित समय पर रवाना हो गई। जबकि दूर खड़े किसान संगठन के नेता देखते रह गए वहीं उक्त मामले में रेलवे यातायात अधिकारी का कहना है कि 11:00 बजे हमारे यहां से एक ट्रेन सहारनपुर जाने वाली थी जो अपने समय से चली गई है और यही ट्रेन अब 3:00 बजे शामली पहुंचेगी !

किसान यूनियन के नेता का कहना है कि कृषि बिल को लेकर जहां किसान संगठनों का 11 महीनों से धरना चल रहा है, उसी के बाद आज रेल रोको अभियान था। जिसमें शासन-प्रशासन ने रेलवे स्टेशन को छावनी बना दिया था। और हम लोगों को ट्रैक तक पहुंचने नहीं दिया। लेकिन हमने रेल रोको अभियान का एक संदेश उच्च अधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भिजवाने की कोशिश की है।

उन्होंने बताया कि बीजेपी सरकार किसान और जवान को लड़ाना चाहती है लेकिन हमारा आंदोलन शांति पूर्वक रहेगा और जब तक लखीमपुर खीरी के आरोपी मंत्री को बर्खास्त नहीं किया जाएगा। तब तक लगातार चलता रहेगा किसान और जवान जवान धरना प्रदर्शन के दौरान आमने-सामने होते हैं, तो वहीं शाम को एक साथ बैठकर खाना भी खाते हैं। जबकि उन्होंने 26 जनवरी को हुए दिल्ली में बवाल के मामले में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि वे सब लोग बीजेपी के नेता थे।

फतेहपुर से रामचंद्र सैनी की रिपोर्ट

किसानों के रेल रोको आंदोलन का फ़तेहपुर में भी दिखा असर

फ़तेहपुर जिले में रेल चक्का जाम के एलान को देखते हुए जिले के रेलवे स्टेशन पर भारी पुलिस बल व आरपीएफ किसानों के आंदोलन को रोकने को तैनात किया गया था। इसके बावजूद भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राज कुमार गौतम के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसान जिले के मलवां थाना क्षेत्र के कुरस्तीकला रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक पर जा बैठे। यहां कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही नंदन कानन एक्सप्रेस को रोककर अपना विरोध प्रदर्शन किया। जिसको लेकर पुलिस से किसानों की झड़प भी हुई। बाद में एसडीएम सदर प्रमोद झा व सीओ सिटी संजय सिंह अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुचे और आंदोलनकारी किसानों को ट्रेन के सामने से हटाते हुए ट्रेन को रवाना किया। इस बीच ट्रेन करीब आधे घंटे रुकी रही। यात्री इस दौरान किसी अनहोनी की आशंका से सहमे दिखे।

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राज कुमार गौतम ने कहा कि लखीमपुर घटना के बाद सरकार ने जो वादा किया उससे मुकर रही है। केंद्र सरकार ने इतनी बड़ी घटना के बाद भी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त नहीं किया है। हम किसान केन्द्र सरकार के तीन काला कानून को वापस लेने व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हैं। हम लोगों ने ट्रेन रोककर अपना विरोध दर्ज कराया है। सरकार चाहे जितना पुलिस लगा ले हम किसी से डरने वाले नहीं हैं।

Deepak Kumar

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