TRENDING TAGS :
Jhansi News: रेलवे कर्मचारियों का आरोप, अधीनस्थ अफसर करते हैं प्रताड़ित
Jhansi News: सीनियर डीसीएम द्वितीय ने मंडल नियंत्रण कक्ष में जाकर मात्र वाणिज्य विभाग के स्टॉफ की ड्यूटी चेक किया। इसकी जानकारी अफसरों को हुई तो उनके चेहरे मुर्झो गए।
Jhansi News: ड्यूटी पर सही समय पर न आने पर रेलवे अफसरों व दबंग कर्मियों की पोल खुलने लगी है। इसी का परिणाम यह हो गया कि अधीनस्थ अफसर की ईमानदार अफसर सीनियर डीसीएम द्वितीय की फजीहत करने पर उतारु हो गए हैं। यही नहीं, बुधवार को रेलवे संगठन व मात्र वाणिज्य विभाग के चुनिंदा कर्मियों ने सीनियर डीसीएम द्वितीय पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इन कर्मियों ने लिखित रुप से जीएम व डीआरएम को पत्र भेजा है। उधर, सीनियर डीसीएम द्वितीय ने मंडल नियंत्रण कक्ष में जाकर मात्र वाणिज्य विभाग के स्टॉफ की ड्यूटी को ही चेक किया है। इसकी जानकारी अफसरों को हुई तो उनके चेहरे मुर्झो गए।
मुख्य कार्यालय अधीक्षक समेत दो लोग हुए निलंबित
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रथम शशिकांत त्रिपाठी तीन दिन की छुट्टी पर गए थे। इनका चार्ज वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक द्वितीय देवानंद यादव देख रहे थे। सीनियर अफसर का चार्ज मिलते ही सीनियर डीसीएम द्वितीय ने वाणिज्य विभाग के स्टॉफ की ड्यूटियों को चेक करना शुरु कर दिया। पहले दिन ड्यूटी से नदारद रहने वाले मुख्य कैटरिंग इंस्पेक्टर संजय जायसवाल को निलंबित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने वाणिज्य विभाग के स्टॉफ के कार्यालय अधीक्षक से वाणिज्य विभाग के स्टॉफ की ड्यूटी लिस्ट मांगी तो उन्होंने देने से मना कर दिया था। इस पर मुख्य कार्यालय अधीक्षक राजेश वर्मा समेत दो को निलंबित कर दिया था। इसकी भनक लगते ही ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों की नींद हराम हो गई। इसकी शिकायत उन्होंने रेलवे संगठन के नेताओं से कहना शुरु कर दी।
नेताओं ने अपने अफसरों से फोन पर वार्तालाप की। उधर, गुरुवार की सुबह मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में जैसे ही स्टॉफ का आना शुरु हो गया तो मात्र वाणिज्य विभाग के स्टॉफ में कानाफूसीं होना शुरु हो गई। चुनिंदा लोग अफसरों की आड़ लेकर सीनियर डीसीएम द्वितीय का विरोध करने पर उतर आए। वहीं, सीनियर डीसीएम द्वितीय ने कंट्रोल में जाकर वाणिज्य विभाग के स्टॉफ की ड्यूटी को चेक किया। वहां के स्टॉफ से वार्तालाप की। कार्यों के बारे में जानकारी ली।
साहब, सीनियर डीसीएम द्वितीय पर करें उचित कार्रवाई
वाणिज्य विभाग के करीब 50 रेलकर्मचारियों ने हस्ताक्षर पत्र मंडल रेल प्रबंधक को दिया है। इस पत्र में रेलकर्मचारियों का कहना है कि वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक द्वितीय देवानंद यादव द्वारा स्टाफ से पैसे मांग कर स्टॉफ को ही मिठाई खिलाई जा रही है एवं अपने चेम्बर में समस्त वाणिज्य स्टॉफ को दो घंटे में बुलाकर चाय पिलाई जा रही है तथा उसी समय तुरंत ही समस्त स्टॉफ के साथ दुर्व्यहार किया जा रहा है। बार-बार सस्पेंड करने की धमकी दी जाती है एवं यह कहकर कि आप सभी पैसे लेकर काम करते हैं। इस प्रकार के वाक्य बोलकर मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है।
स्टॉफ को निलंबित करके यह खबर कर्मचारियों के नाम समाचार-पत्रों में प्रकाशित करवाकर सामाजिक छवि को धूमिल किया जा रहा है। बिना कार्य एवं कारण के बार-बार चेम्बर में बुलाकर घंटों बिठाया जाता है जिससे कि समय से कार्य नहीं हो पा रहा है जिस कारण सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है तथा महिला स्टॉफ के साथ गलत भाषा का उपयोग किया जा रहा है। महिला स्टॉफ को आफिस समय 18 बजे के बाद अपने साथ ले जाने के लिए बोला जाता है एवं कारण पूछे जाने पर नहीं बताया जाता है कि एवं बोला जाता है कि आपका भंडारा कराया जाएगा। इस तरह अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया जा रहा है जिसमें महिला कर्मचारी असहज महसूस कर रही है। समस्त स्टाफ में भय का माहौल व्याप्त है। शिकायती पत्र के माध्यम से एेसे अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ऐसी नौबत क्यों आई
रेलवे सूत्रों का कहना है कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में ड्यूटी पर आने वाले स्टॉफ को अगर सालों से किया जाता तो यह स्थिति नहीं बन सकती हैं। यह पहला अफसर आया है जिसने मात्र अपने वाणिज्य विभाग के स्टॉफ की ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों को चेक करना शुरु किया। इसी तरह अन्य विभाग के अफसर अपने स्टॉफ की ड्यूटी चेक करते है तो ड्यूटी से नदारद रहने वाले कर्मचारियों का पता चल जाता, मगर अफसर ही सही समय नहीं आएंगे तो कौन चेक करेगा। सूत्र बताते हैं कि कोई साढ़े नौ बजे तो कोई 11 बजे ड्यूटी पर आ रहा हैं। गुरुवार को मात्र वाणिज्य विभाग के स्टॉफ के लोग ही सही समय पर आए हैं।
सीनियर डीसीएम द्वितीय को क्यों नहीं मिले पूरे अधिकार?
सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रथम को अधिकार होते हैं। ठीक उसी तरह से सीनियर डीसीएम द्वितीय को भी अधिकार मिलते हैं?। हालांकि, अगर दोनों अफसरों में सहमति हो जाए तो समन्वय के साथ काम होता हैं। इसके पहले भी इसी तरह का झगड़ा सामने आ चुका था मगर गोपनीय रहा?। सूत्र बताते हैं कि आपसी मतभेद के चलते इस तरह की स्थिति बन गई है।