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Jhansi News: अवैध वेंडर्स के कब्जे में वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी रेलवे जंक्शन
Jhansi News: झाँसी की रानी से नाम प्रसिद्ध वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी रेलवे जंक्शन पर इन दिनों पैंसेंजर्स की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।
Jhansi News Today: झाँसी की रानी से नाम प्रसिद्ध वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी रेलवे जंक्शन पर इन दिनों पैंसेंजर्स की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। दीपावली व छठ पूजा खत्म होते ही ट्रेनों में पैसेंजर्स की भीड़ काफी बढ़ गई। इसे देखते हुए इन दिनों रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में अवैध वेंडर पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। इतना ही नहीं जंक्शन के सभी प्लेटफार्मों पर आरपीएफ और जीआरपी के शह पर अवैध वेंडर्सों ने अपना कब्जा जमा लिया है। अवैध पूड़ी सब्जी से लेकर अवैध पानी की बोतलें और अन्य अवैध खाद्य पदार्थ स्टेशन पर जमकर बिक रहा है।
जनता खाना के नाम पर खेल
दरअसल पैसेंजर्स की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से जंक्शन पर 15 रुपए में डिब्बा पैक जनता खाना बेचा जाता है। इस डिब्बे में 175 ग्राम की सात पूड़ी, 150 ग्राम सब्जी और अचार होता है, लेकिन इन दिनों अवैध वेंडर्स रेलवे के इस जनता खाना को कॉपी कर उसे मनमाने रेट पर खुलेआम बेच रहे हैं। इसके अलावा छोला-चावल और सब्जी चावल के अवैध डिब्बे भी खुलेआम बेचे जा रहे हैं। एेसा नहीं है कि रेल प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है, बल्कि इसके एवज में इन अवैध वेंडर्स से जीआरपी व आरपीएफ भी वसूली करती है, हालांकि वहीं डीसीआई की टीम लगातार अपने अभियान के दौरान लगातार इन अवैध वेंडर्स के खिलाफ कार्रवाई भी करती रही है।
बावजूद इसके इन महज पेनाल्टी लेकर छोड़ दिया जाता है जिससे कि इनका कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। इतना ही नहीं यह अवैध वेंडर्स पहले तो अपना सामान किसी प्लास्टिक की बोरियों में भरकर पैसेंजर्स के रखे सामान के पास रख देते हैं जिससे कि हर कोई यह समझे कि यह किसी पैसेंजर का सामान होगा, फिर ट्रेन आने पर इनमें से थोड़ा-थोड़ा सामान निकालकर इसे बेचा जाता है। इस दौरान अगर कोई चेकिंग टीम भी आ गई तो यह वेंडर्स वहां से भाग जाते हैं, जबकि प्लेटफार्म पर बैठे पैसेंजर्स के सामान के साथ रखी बोरियों में इनका सामान बिलकुल सुरक्षित रहता है।
कौन होगा जिम्मेदार
रेलवे प्रशासन की ओर से पैसेंजर्स को दिए जाने वाले जनता खाने से अगर कोई पैसेंजर बीमार होता है तो उसकी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी, लेकिन अवैध रुप से बिकने वाले जनता खाना के खाने से अगर किसी पैसेंजर की जान चली जाती है तो इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन होगा?
अवैध वेंडर्स का धंधा
एेसा नहीं है कि सभी प्लेटफार्मों पर जनता खाना बेचने वाले अवैध वेंडर एक- दो है, आपको जानकार हैरानी होगी कि इन दिनों जंक्शन पर करीब 40-50 की संख्या में अवैध वेंडर्स धंधा कर रहे हैं। यह वेंडर्स कानपुर-वनसाड़ एक्सप्रेस, पनवेल एक्सप्रेस, चंबल एक्सप्रेस, स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस, साबरमती एक्सप्रेस, छपरा मेल, इंटरसिटी एक्सप्रेस, पठानकोट एक्सप्रे, पाताल एक्सप्रेस, झाँसी-बांदा पैसेंजर समेत अन्य ट्रेनों में सक्रिय होते हैं।
अवैध वेंडरों का सरगना
प्रेमनगर थाना क्षेत्र के नगरा में रहने वाला हर प्रसाद और सीपरी बाजार स्थित ग्वालटोली मोहल्ले में रहने वाला शिशुपास वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी रेलवे स्टेशन होकर गुजरने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरों का काला कारोबार चल रहा है। हरप्रसाद का कारोबार बीना से झाँसी, शिशुपाल का कारोबार, झाँसी से उरई, ग्वालियर तक चलता है।
झगड़ा होने पर बंट जाते सदस्य
अवैध कारोबारों के सदस्यों के बीच बिक्री को लेकर झगड़ा हो चुका हैं। झगड़े की पंचायत आरपीएफ खुद करवाती है। दोनों पक्षों में समझौता करवाया जाता है कि चार सदस्य आपके और चार सदस्य आपके होंगे। इसके बाद झगड़ा नहीं होता है। कोई स्लीपर कोच को कोई जनरल कोच में कब्जा कर लेते हैं।
अवैध वेंडर से से होती वसूली
दोनों सरगनाओं के संरक्षण में ट्रेनों में खुलेआम अवैध वेंडरिंग का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। ट्रेनों में अवैध वेंडरों से प्रतिदिन 50 रुपये की दर से अवैध वसूली की जाती है। सूत्रों के अनुसार वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन सो होकर गुजरने वाली ट्रेनों में करीब 120 वेंडर प्रतिदिन अवैध रुप से अपना कारोबार करते हैं। इसके एवज में उन्हें प्रतिदिन सरगना को रकम देना होता है।
अवैध वेंडिंग से खफा लाइसेंसधारी
अवैध वेडिंग से खफा लाइसेंसधारियों ने अपने स्टॉल तक बंद कर दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि कई बार रेल प्रशासन व रेल सुरक्षा बल के अफसरों से शिकायत कर चुके हैं मगर अवैध वेंडरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जिससे वह काफी घाटे में चले गए। इस कारण स्टॉलों को बंद करना पड़ा है। इनमें चार स्टॉल उरई, एक ललितपुर में बंद हो चुके हैं। झाँसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित खानपान का स्टॉल भी बंद होने की कगार पर है। इसके अलावा कई स्टॉल संचालक भी स्टॉल बंद करने का मन बनाया है।
अवैध वेंडरों का हो चुका झगड़ा
रेलवे प्रशासन ने रेलयात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए ट्रेन साइडिंग वैंडिग स्कीम लागू कर दी है। इस स्कीम की जानकारी लगते ही अवैध वेंडर उन पर भी हावी हो गए हैं। आए दिन सामान की बिक्री को लेकर झगड़ा हो चुका है। ललितपुर स्टेशन के पास ही अवैध वैडिंग को लेकर झगड़ा हो चुका हैं। इसमें मारपीट की घटना भी सामने आई थी।
वैध-अवैध में फर्क करना मुश्किल
स्टेशन में वैध- अवैध वेंडर पर फर्क करना यात्रियों के लिए बहुत मुश्किल है। आरपीएफ ने कुछ अवैध वेंडरों को पकड़ा था, जो यूनिफॉर्म में खाद्य सामग्री बेच रहेथे। बताया जाता है कि बाहर की टीम आने से पहले ही अवैध वेंडर गायब हो जाते हैं। ट्रेन आने पर ये वेंडर सबसे पहले पटरी पर रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं फिर यात्रियों को मनमाने रेट पर सामान बेचते हैं।