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Jhansi News: झांसी रेल मंडल के चुनिंदा रेल अफसर भ्रष्टाचार के कारण रडार पर

Jhansi News: केंद्र सरकार ने रेलवे में आधुनिकीकरण के लिए फंड की भरपूर बरसात कर रखी है। रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, लाइन कैपेसिटी बढ़ाने, ट्रेनों की गति बढ़ाने, स्टेशनों का रिडेवलपमेंट, विभिन्न प्रकार के उपकरणों का आधुनिकरण करने इत्यादि के लिए जोर लगा रही है।

B.K Kushwaha
Published on: 19 Feb 2023 8:01 PM IST
Jhansi Railway Station
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Jhansi Railway Station (Photo: Social Media)

Jhansi News: केंद्र सरकार ने रेलवे में आधुनिकीकरण के लिए फंड की भरपूर बरसात कर रखी है। शत-प्रतिशत रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, लाइन कैपेसिटी बढ़ाने, ट्रेनों की गति बढ़ाने, स्टेशनों का रिडेवलपमेंट, विभिन्न प्रकार के उपकरणों का आधुनिकरण करने इत्यादि के लिए मोदी सरकार भरपूर जोर लगा रही है। कैपिटल इंवेस्टमेंट के नाम पर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। रेलवे के ऐसे बदलते स्वरुप ने धीरे-धीरे रेलवे के हर विभाग में मठाधीश पैदा कर दिए हैं। मोदी सरकार रेलवे के अफसरों और कर्मचारियों की कार्यशैली में बदलाव के पूरे प्रयास कर रही है। विभाग में लापरवाही और भ्रष्टाचार को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर रही हैं। लेकिन अब झाँसी रेल मंडल के चुनिंदा अफसर रडार पर है। ऐसे अफसरों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही हैं। यह अफसर मंडल से या तो स्थानांतरित हो जाएंगे या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेने के लिए मजबूर होगें।

निरीक्षण करने आई टीम पर उठने लगे सवाल ?

4 फरवरी 2023 को उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय से एक टीम वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन झाँसी में निरीक्षण करने आई थी। इस टीम ने झाँसी क्रू लॉबी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तमाम कमियां मिली, मगर टीम की नजर रेलवे अफसरों के कार्यालय में लगे रेलवे गार्ड व प्वाइंट्सों पर क्यों नहीं गई है। यहां पर चार दर्जन से अधिक रेल कर्मंचारी ड्यूटी कर रहे हैं। यह लोग सालों से वहां पर लगे हुए हैं। केवल रनिंग कर्मचारियों पर ही टीम ने फोकस दिया है। कहीं न कहीं निरीक्षण करने वाली टीम पर भी सवाल उठने लगा है।

मुख्यालय में बैठे एक अफसर को झाँसी लाना है ?

रेलवे सूत्रों का कहना है कि एक रेलवे अफसर को झाँसी रेल मंडल से मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया था। इस अफसर की नजर झाँसी में लगी हुई है। मुख्यालय में बैठे अफसर और झाँसी रेल मंडल में बैठे सीनियर अफसर के इशारे पर झाँसी मंडल की गतिविधियों को देखा जा रहा है। इसमें सीनियर अफसर अपने ही जूनियर अफसर को नीचे दिखाना चाहते हैं। यही नहीं जातिवाद भी काफी हावी हो चुका हैं। जातिवाद को लेकर रेलवे अफसरों में विवाद भी हो चुका है। लेकिन मामले को गोपनीय तरीके से शांत करवाया गया था।

इंजीनियरिंग, सिंगनल व टीआरडी विभाग पर क्यों नहीं नजर

यहां पर पदस्थ सीनियर अफसर की नजर इंजीनियरिंग, सिंगनल और टीआरडी विभाग पर क्यों नहीं जा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि इन विभागों में पदस्थ अफसरों द्वारा सीनियर अफसर को पूरी तरह से सपोर्ट किया जा रहा हैं। सीनियर अफसर जो चाह रहा है, उसकी मदद पूरी की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि एक रेलवे अफसर की जब से झाँसी मंडल में पोस्टिंग हुई है, तब से वह अपने आवास के निर्माण कार्य में लगा हुआ है। इस समय उस आवास की लागत साढ़े तीन करोड़ के करीब बताई जा रही हैं। इस पर भी क्या सीबीआई की नजर है?

यहां के भ्रष्ट के अफसर कब हटेंगे

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव काम करने की क्षमता होने के अपने संदेश के बारे में बहुत स्पष्ट है। रेलवे ने कार्मिक और प्रशिक्षण सेवा नियमों के नियम 56 (जे) का आह्वान किया है, जो कहता है कि सरकारी कर्मचारी को कम से कम तीन महीने का नोटिस या समान अवधि के लिए भुगतान करने के बाद सेवानिवृत्त या बर्खास्त किया जा सकता है। यह कदम काम नहीं करने वालों को बाहर निकालने के केंद्र के प्रयासों का हिस्सा है। अश्विनी वैष्णव ने जुलाई 2021 में रेल मंत्री के रुप में कार्यभार संभालने के बाद अधिकारियों को बार-बार चेतावनी दी है कि अगर वे प्रदर्शन नहीं करते हैं तो वीआरएस लेकर घर बैठें। झाँसी रेल मंडल में चार अफसरों की शिकायत रेलवे बोर्ड से भी की जा चुकी है।

अक्षम अफसरों व कर्मचारियों को वीआरएस का विकल्प

मौलिक नियमों और सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 में समयपूर्ण सेवानिवृत्त से संबंधित प्रावधानों के तहत उपयुक्त प्राधिकारी को एफआर 56(जे), एफआर 56 (एल) या नियम 48 (1) के तहत सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने का पूर्ण अधिकार है। यदि जनहित में ऐसा करना आवश्यक हो तो (बी) सीसीएस (पेंशन) नियमावली, 1972 जैसा भी मामला हो।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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