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रेलवे यार्ड चोरी केस: सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने ऐसे पकड़ा, इनको नहीं था पता

आरपीएफ ग्वालियर ने ग्राम तुरानी थाना झाँसी रोड के पास रहने वाले मलखान सिंह को सिंथौली के पास पटरी चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

Newstrack
Published on: 14 July 2020 5:53 AM GMT
रेलवे यार्ड चोरी केस: सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने ऐसे पकड़ा, इनको नहीं था पता
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झाँसी। झाँसी रेल मंडल के ग्वालियर सेक्शन के सिंथौली रेलवे स्टेशन यार्ड से रेल पटरी चोरी प्रकरण के मामले में तूल पकड़ लिया है। क्योंकि यार्ड से रेलवे पटरी चोरी के मामले को सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सीपीडब्ल्यूआई) ने पकड़ा है जबकि ऑन ड्यूटी सेक्शन इंजीनियर को चोरी के मामले में पता तक नहीं है। इस मामले को रेलवे अफसरों के संज्ञान में लाया गया है। यार्ड से चोरी गई रेलवे पटरी की रेलवे अफसरों ने जांच शुरु कर दी है। उधर, रेलवे पटरी चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए पौंइसमैन को निलंबित कर दिया है जबकि झाँसी रोड पुलिस ने पौइंसमैन के पास से मिले एमपी दारोगा कार्ड की जांच शुरु कर दी है।

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आरपीएफ ने दिया बयान

मालूम हो कि आरपीएफ ग्वालियर ने ग्राम तुरानी थाना झाँसी रोड के पास रहने वाले मलखान सिंह को सिंथौली के पास पटरी चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके पहले मुरैना निवासी रघुवीर धाकड़, सागर निवासी जगदीश सिंह, शैलेन्द्र त्यागी, मनीष व दिनेश राठौड़ को गिरफ्तार किया गया था। इन्हीं आरोपियों ने बताया था कि मलखान सिंह सिंथौली के पास प्वाइंटमैन के रुप में पदस्थ है।

मलखान ने मुरैना के व्यापारी दिनेश राठौर से पटरी कटवाने का सौदा किया था। 6 जून को मुरैना के व्यापारी के लड़के सिथौली पर पटरी काटने में जुटे हुए थे। तीन टन माल गाड़ियों में लोड करके भेजा जा चुका था। आरपीएफ का कहना है कि मलखान सिंह वर्तमान में अवकाश पर है। आरपीएफ का कहना है कि मलखान सिंह एमपी पुलिस का दारोगा बनकर यार्ड से रेल पटरी चोरी करवाता था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए मलखान सिंह को निलंबित कर दिया है।

सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने पकड़ी थी चोरी

बताते हैं कि एक से 20 जून तक ऑनलाइन प्रशिक्षण चल रहा था। इसमें सेक्शन इंजीनियर समेत कई लोग शामिल थे। बताते हैं कि 6 जून को सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सीपीडब्ल्यूआई) डी के जैन ने सिंथौली रेलवे यार्ड का निरीक्षण किया, तभी गैंगमैन ने अफसर को बताया कि यार्ड से कई टन रेलवे पटरी चोरी गई हैं। इस मामले को डी के जैन ने अपने अधीनस्थ अफसरों को पूरी जानकारी दी। बताया गया कि सेक्शन इंजीनियर ने घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है। क्योंकि सेक्शन इंजीनियर, पौइंसमैन के पक्ष में ब्यान दे रहा था। इस मामले में सेक्शन इंजीनियर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है।

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एमपी दारोगा कार्ड में मलखान पर मुकदमा, जांच शुरु

रेल सुरक्षा बल ने पौइंसमैन के पास से एमपी दारोगा कार्ड बरामद किया था। इस कार्ड की जानकारी झाँसी रोड पुलिस को दी गई। झाँसी रोड पुलिस ने एमपी दारोगा कार्ड के मामले में मलखान सिंह के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। झाँसी रोड पुलिस ने उक्त कार्ड की जांच शुरु कर दी हैं। बताया जा रहा है कि इस कार्ड का पौइंसमैन ने काफी दुरुपयोग किया है। कार्ड की आड़ में रेलवे कर्मचारियों समेत कई लोगों को धमकियां भी दी गई हैं जिससे लोग पौइंसमैन से भय रखते हैं।

सूत्रों का कहना है कि झाँसी रोड पुलिस ने मंडल के रेलवे अफसरों से भी संपर्क स्थापित किया है। पौइंसमैन के पास से मध्य प्रदेश पुलिस के उपनिरीक्षक का फर्जी आई कार्ड भी मिली थी। इसमें खाकी वर्दी में मलखान सिंह का फोटो लगा था। इसके अलावा सिथौली एवं संदलपुर स्टेशन प्रबंधक की सील भी इसके पास मिली थी। उधर, आरपीएफ का कहना है कि सूत्रों से पता चला है कि पौइंसमैन के पास क्रेटा समेत तीन चार पहिया गाड़ी है। यह गाड़ी कहां से आई है। इसकी जांच रेलवे से शुरु हो गई हैं।

पौइंसमैन के फोन की कॉल डिटेल क्यों नहीं निकाली

सूत्रों का कहना है कि पौइंसमैन काफी दिनों से रेल पटरी चोरी के मामले में संलिप्त पाया गया है। इस पौइंसमैन ने रेल पटरी चोरी के कई लोगों को फोन करके सूचना भी दी गई हैं मगर आरपीएफ ने उक्त पौइंसमैन के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकालनने का प्रयास नहीं किया है। इसकी जानकारी रेल सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त को दी गई है। उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया है।

रिपोर्टर- बी के कुशवाहा, झांसी

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