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रेलवे नए रूट पर लॉन्च करेगा विकल्प, ट्रेन में मिलेगी Confirmed Ticket

Admin
Published on: 27 April 2016 10:31 AM GMT
रेलवे नए रूट पर लॉन्च करेगा विकल्प, ट्रेन में मिलेगी Confirmed Ticket
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लखनऊ: रेलवे ने नए रूट्स पर विकल्प या अल्टरनेट ट्रेन एकोमोडेशन स्कीम (एटीएएस) लागू करने का फैसला किया है। यह सुविधा बीते साल नवम्बर में दिल्ली-लखनऊ और दिल्ली-जम्मू सेक्शन पर लागू की गई थी। इसकी कामयाबी को देखते हुए रेलवे ने अब इसे दिल्ली- हावड़ा, दिल्ली मुंबई, दिल्ली-बंगलुरु और दिल्ली-सिकंदराबाद रूट्स पर लागू करने का मन बना चुका है। इन नए रूट्स पर इस सुविधा के शुरू होने की डेट्स रेलवे जल्दी ही एनाउंस करेगा। इस बारे में रेलवे बोर्ड ने एक सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। इन रूट्स पर विकल्प या एटीएएस के लागू होने का फायदा यूपी के पैसेंजर्स को भी मिलेगा, क्योंकि इन रूट्स की ट्रेनें यूपी के कई हिस्सों से होकर गुजरती हैं।

क्या है ‘अल्टरनेट ट्रेन एकमोडेशन’ या ‘विकल्प’

नए सिस्टम के अनुसार जिन पैसेंजर्स का टिकट कन्फर्म नहीं है, उन्हें रेलवे इस स्कीम के तहत उसी रूट की दूसरी ट्रेन में जर्नी करने की सुविधा देगा। इसमें वेटिंग टिकट ही मान्य होगा। साथ ही टिकट कैंसिल कराने और रिफंड की सुविधा रहेगी। चार्ट बनते समय टिकट वेटिंग में है तो उसी रूट पर दूसरी ट्रेन में जर्नी के लिए जगह होने पर टिकट जारी किया जा सकेगा। पैसेंजर से इसकी सहमति रिजर्वेशन टिकट बुक कराते समय ही ली जाएगी। अभी तक पैसेंजर जब ट्रेन में ऑनलाइन बुकिंग कराता था तो वेटलिस्टेड टिकट होने की सूरत में सीट अवेलेबिलिटी की कोई गारंटी नहीं होती है। ऑनलाइन बुक कराया टिकट वेटिंग के कंफर्म न होने की पर अपने आप कैंसिल हो जाता है, लेकिन अब यह टिकट कैंसिल नहीं होगा, बल्कि पैसेंजर को बुकिंग कराते समय ही अल्टरनेटिव ट्रेन चुनने की सुविधा मिलेगी।

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रिजर्वेशन काउंटर और वेबसाइट दोनों पर मिलेगी सुविधा

विकल्प ट्रेन की सुविधा टिकट रिजर्वेशन काउंटर और आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर दी जाएगी। टिकट बुक करते समय कन्फर्म टिकट का विकल्प बताया जाएगा, जिसे चुनकर पैसेंजर कंफर्म टिकट ले सकेगा।

चार्ट बनने के बाद भी टिकट की टेंशन नहीं

अब तक ट्रेन के किसी भी प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के तीन घंटे पहले या शाम 4 बजे तक इमरजेंसी कोटा जारी कर रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाता है, लेकिन अब एक नवंबर से अनिवार्य रूप से ट्रेन के आने के चार घंटे पूर्व इसे बनाना होगा। इसके बाद जो खाली सीटें बचेंगी, वह ट्रेन की रवानगी से पहले अंतिम समय तक टिकट लेने आने वाले पैसेंजर को मिलेगी। इससे पैसेंजर्स को बड़ा फायदा पहुंचेगा और काफी हद तक दलालों से छुटकारा मिलेगा।

सेम रूट पर चलेंगी अल्टरनेट ट्रेन

इस सिस्टम में रेलवे जहां से पैसेंजर की ट्रेन शुरू होती है वहीं से विकल्प ट्रेनें शुरू करेगा। उदाहरण के लिए अगर लखनऊ से चलने वाली लखनऊ मेल में टिकट बुक कराया गया है और उसमें टिकट वेटलिस्टेड है तो पैसेंजर को विकल्प सुविधा के तहत लखनऊ मेल के विकल्प ट्रेन में ही कनफर्म्ड रिजर्वेशन मिलेगा। यह ट्रेन भी उसी रूट पर चलेगी, जिस रूट पर लखनऊ मेल चलती है। इसके अलावा वाराणसी, गोरखपुर, मुंबई, दिल्ली, अमृतसर जैसे शहरों के बीच चलने वाली ट्रेनों की भी विकल्प ट्रेनें चलाई जाएंगी।

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जानिए क्या है 'अल्टरनेट ट्रेन एकमोडेशन सिस्टम' या 'विकल्प' के नियम

- बुकिंग के समय अगर टिकट वेटलिस्टेड है तो पैसेंजर को एक अल्टरनेटिव ट्रेन चुनने का ऑप्शन मिलेगा।

- यह सुविधा सभी तरह की ट्रेनों के पैसेंजर्स को मिलेगी।

- जर्नी के लिए किसी भी तरह का कंशेसन लेने वाले पैसेंजर्स को यह सुविधा मिलेगी।

- ‘विकल्प’ सुविधा के लिए आप्शन देने वाले पैसेंजर्स का टिकट बुकिंग के समय वेटलिस्टेड रहता और चार्ट बनने के बाद भी वेटलिस्टेड रहता है तभी उन्हें वैकल्पिक ट्रेन में सीट एलॉट की जाएगी।

- एक ही पीएनआर पर कई सीट्स बुक कराई गयी हैं और उनमें से कुछ सीटें कन्फर्म हो जाती हैं, तो इस टिकट पर वैकल्पिक ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं मिलेगा।

- ‘विकल्प’ सुविधा के ऑप्शन देने वाले पैसेंजर को चार्ट तैयार होने के बाद अपना पीएनआर स्टेटस देखना होगा।

- पैसेंजर से इसके लिए कोई एक्स्ट्रा पैसे नहीं लिए जाएंगे और न ही किराए में अंतर के पैसे वापस किए जाएंगे।

- यह ‘विकल्प’ सुविधा रेलवे के उन कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी, जिनके पास ड्यूटी पास है और उसका टिकट वेटलिस्टेड है।

- एक ही पीएनआर पर बुक किए गए सभी टिकट वेटलिस्टेड होने पर सभी को वैकल्पिक ट्रेन में रिजर्वेशन दिया जाएगा।

- अगर ‘विकल्प’ सुविधा लेने वाला पैसेंजर दूसरी ट्रेन में रिजर्वेशन पाने के बाद टिकट कैंसिल करता है तो उसके टिकट को कनफर्म्ड टिकट के अनुसार ही कैंसिल किया जाएगा।

- एक बार ‘विकल्प’ की सुविधा के तहत वैकल्पिक ट्रेन में रिजर्वेशन मिलने के बाद उस पीएनआर में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

- पैसेंजर को विकल्प के तहत सीट मिलने के बाद भी अगर वह जर्नी नहीं करता हिया तो उसे रिफंड के लिए नियम के अनुसार अप्लाई करना होगा।

- विकल्प के लिए रिजर्वेशन सिस्टम में व्यवस्था होगी कि जिस ट्रेन में रिजर्वेशन दिया जा रहा है वह कम से कम आधे घंटे बाद होगी और मूल ट्रेन से अधिक से अधिक छह घंटे बाद जाएगी।

- विकल्प के तहत जिस ट्रेन में रिजर्वेशन सुविधा दी जाएगी वह मूल ट्रेन के समकक्ष ही होगी।

- विकल्प की सुविधा के तहत दूसरी ट्रेन में रिजर्वेशन पाने वाले पैसेंजर्स का नाम पहली ट्रेन की वेटलिस्ट से भी हटा दिया जाएगा।

- विकल्प की सुविधा के तहत रिजर्वेशन दिए जाने के बाद पैसेंजर्स को बतौर वेटलिस्टेड पैसेंजर पहले वाली ट्रेन में जर्नी करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

- विकल्प ट्रेन में रिजर्वेशन से सम्बन्धित सूचना कॉल सेंटर, पीआरएस इन्क्वॉयरी, आईवीएआरएस और वेब इन्क्वारी के तहत भी उपलब्ध रहेगी।

- विकल्प के तहत रिजर्वेशन पाने वाले पैसेंजर्स की लिस्ट अलग से निकाली जाएगी और उसे स्टेशन पर ओरिजिनल ट्रेन के कनफर्म्ड और वेटलिस्ट रिजर्वेशन चार्ट के साथ ही लगाया जाएगा।

- पैसेंजर्स को विकल्प के तहत नया टिकट नहीं लेना होगा वे पुराने टिकट पर ही जर्नी कर सकेंगे।

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