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योगी जी! कई दर्जन घरों मे घुसा बरसात का पानी, पेट की भूख मिटाने का गहरा हुआ संकट
अमेठी: सरकार विकास के जितने भी दावे कर ले किन्तु उसके द्वारा किए गए सारे दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं। नाले और तालाब की साफ-सफाई का दावा करने वाली नगर निगम, नगर पालिका और ग्राम पंचायतों के दावे एक ही बारिश में बह गए। इसका प्रमाण अमेठी में देखने को मिल रहा है।
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हल्की सी बरसात ने जिले की अव्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। यहाँ के एक गांव के दर्जन भर घरों मे बरसात का पानी घुसा है, लगभग आधे दर्जन घर जमीदोज हुये हैं। लोग तिरपाल तानकर जीवन बसर करने को लोग मजबूर हैं, लेकिन इनकी मदद करने के लिए कोई भी प्रशासनिक अमला नही पहुंचा।
गोपालदासपुर मजरे चकदोहरी ग्रामसभा मानामदनपुर का मामला
आपको बता दें कि अमेठी जनपद की मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के गोपालदासपुर मजरे चकदोहरी ग्राम सभा मानामदनपुर स्थित है। जहां महीनों से बरसात का कहर इस कदर जारी है की पानी की चपेट मे पूरा गांव आ चुका है। यह बाढ़ जैसे हालात किसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण नहीं अपितु बारिश का पानी गाँव से बाहर न निकल पाने की वजह से उत्पन्न हुआ है।
जिसकी शासन-प्रशासन द्वारा कोई उचित बंदोबस्त नहीं किया गया है। लोगों के घरो के अंदर बरसात का पानी घुस चुका है। गाँव के रास्तों और घरों के बाहर 2-3 फिट तक पानी भर गया है। कुछ लोग तो बारिश बन्द होने के बाद घर में घुसा पानी उलच कर निकालते हैं और अपना काम शुरू करते हैं। वहीं, पर मनोज कुमार,सूर्य नाथ, राम लाल आदि जैसे लोगों के मकान धराशायी हो गये है।
गांव के लोग ऊंचे स्थान पर तिरपाल तानकर जीवन यापन करने को मजबूर हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है की पानी की इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी अमेठी को दूरभाष पर अवगत करा दिया गया है फिर भी शासन प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई मदद नही मिल रही हैं। यही नहीं यहाँ का स्थानीय प्रशासन व राजनीतिक दलों के लोगों ने भी जाना उचित नहीं समझा।
4-5 घर पूरी तरह हो गये हैं ज़मीदोज़
वही गांव वालों का कहना है कि पूरे गाँव के 40 से 45 घरों में पानी घुस गया है। जिसके चलते 4-5 घर पूरी तरह ज़मीदोज़ हो गये हैं। इसकी सूचना एसडीएम मुसाफिरखाना को दी गई है लेकिन अभी तक किसी ने हमारी सुध नहीं ली। हमें और कुछ नहीं चाहिए हमें चाहिए तो सिर्फ़ इतना कि गाँव से पानी निकालने की व्यवस्था कर दिया जाय । जिससे हम लोगों का जो बाकी बचा घर है वह सही सलामत रहे।
सरकार का तंत्र बंद किये हुए आंख
इस गांव को देखकर हम कह सकते हैं कि सरकार और उसका तंत्र पूरी तरह बेनकाब हो गया है। सब के सब आंख बंद किये हुए हैं। जब कि यहां मानव से लेकर जानवरों की हालत गंभीर है। आलम यह है कि गांव के लगभग दर्जन भर घरों में पानी भर गया है और वहां रखा सारा सामान भीग गया है।
ग्रामीणों के घरों में रखा घरेलू सामान और अनाज भी पानी से तरबतर हो गया जिसके बाद अब ग्रामीणों के सामने पेट की भूख मिटाने का संकट भी गहरा सकता है। यही नहीं यह पानी खत्म हो जाने के बावजूद ग्रामीणों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं लेंगी क्योंकि इसके बाद इलाके में महामारी का खतरा लगातार बना हुआ है।