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सुप्रीम कोर्ट से राजा भैया को बड़ा झटका, DSP जिया उल हक़ मर्डर केस में CBI करेगी भूमिका की जांच

Raja Bhaiya News: यूपी के प्रतापगढ़ में मारे गए डीएसपी जिया उल हक़ की हत्या मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की भूमिका की जांच सीबीआई करेगी।

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Published on: 26 Sep 2023 3:50 PM GMT (Updated on: 26 Sep 2023 5:14 PM GMT)
Raja Bhaiya, DSP Zia Ul Haq
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Raja Bhaiya (Social Media)

Raja Bhaiya News : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में मारे गए डीएसपी जिया उल हक़ की हत्या (DSP Zia Ul Haq Murder Case) मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (CBI Investigation Raja Bhaiya) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। इस मामले में राजा भैया की भूमिका की जांच सीबीआई करेगी। बता दें, डीएसपी जिया उल हक़ का मर्डर 2013 में नृशंस तरीके से किया गया था।

दरअसल, डीएसपी उल हक़ की पत्नी की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने इसी मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार (26 सितंबर) को पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को रद्द कर दिया। बता दें, हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी। ट्रायल कोर्ट ने कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) और उनके चार साथियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए जांच जारी रखने का आदेश जारी किया था।

जिया उल हक़ की पत्नी ने राजा भैया की भूमिका पर उठाए सवाल

शीर्ष अदालत के सामने अपनी याचिका में डीएसपी की पत्नी ने आरोप लगाया था कि, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राजा भैया की भूमिका की ओर इशारा करने वाले महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की है। उन्होंने सवाल उठाया था कि पुलिस टीम ने उनके पति को कैसे अकेले छोड़ दिया? साथ ही, इतनी भीड़ में किसी अन्य पुलिसकर्मी को कोई चोट नहीं आई, जबकि उनके पति की जान चली गई।

दो सदस्यीय पीठ ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) की दो सदस्यीय पीठ ने कहा, 'हमारे विचार में हाई कोर्ट ने पुनः जांच और आगे की जांच के बीच एक अति तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया है। हाई कोर्ट ने माना कि स्पेशल सीबीआई कोर्ट का 8 जुलाई 2014 का आदेश पुनः जांच के समान है।'

CBI की चार्जशीट पर भी उठे सवाल

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, 'याचिकाकर्ता के पति (जिया उल हक़) रेत खनन सहित अन्य दंगों के मामलों की जांच संभाल रहे थे। इसमें राजा भैया और उनके सहयोगियों की भी भूमिका थी। ये लोग उनके पति को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने CBI की उस चार्जशीट पर भी सवाल उठाए, जिसमें उनके पति की हत्या के पीछे मारे गए प्रधान नन्हें यादव (Pradhan Nanhe Yadav) के परिवार का नाम लिया गया था।'

कौन थे DSP जिया-उल-हक?

जिया उल हक यूपी के देवरिया जिले के गांव नूनखार टोला जुआफर के रहने वाले थे। उनकी गिनती बेहद मिलनसार पुलिस अफसरों में होती थी। जिया-उल-हक की 2012 में बतौर सीओ कुंडा में तैनाती हुई थी। कहा जाता है कुंडा तैनाती के बाद से ही जिया उल हक पर कई तरह के दबाव आने लगे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिया उल हक के परिजनों ने बताया था कि कुंडा में तैनाती के बाद से ही राजा भैया की ओर से कई मामलों में उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।

जिया-उल-हक की क्यों कर दी गई हत्या?

धीरे-धीरे बवाल बढ़ता गया। इस बीच कुंडा के कोतवाल सर्वेश मिश्र टीम के साथ नन्हें सिंह यादव के घर की तरफ बढ़ने लगे। मगर, वो हिम्मत न जुटा सके। लेकिन, तत्कालीन सीओ जिया-उल-हक गांव में पीछे के रास्ते से प्रधान के घर की तरफ बढ़े। इस बीच ग्रामीणों की ओर से की जा रही फायरिंग से डरकर सीओ की सुरक्षा में लगे गनर इमरान और ASI कुंडा विनय कुमार सिंह खेत की तरफ भाग गए। सीओ जिया-उल-हक के गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। इसी दौरान गोलीबारी में नन्हें यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी मौत हो गई। इसके बाद सीओ जिया-उल-हक की निर्मम हत्या कर दी गई।

पड़ी मिली थी जियाउल हक की लाश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रात 11 बजे भारी पुलिस बल बलीपुर गांव पहुंचा। पुलिस ने सीओ की तलाश शुरू की। गहन तलाशी के बाद जियाउल हक का शव प्रधान के घर के पीछे खड़ंजे पर पड़ा मिला। इस हत्याकांड का आरोप तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजा भैया, उनके करीबी गुलशन यादव सहित अन्य पर लगा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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