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राजा भैया के पिता और प्रशासन मोहर्रम के दिन पूजन व भण्डारा पर आमने-सामने

Shivakant Shukla
Published on: 19 Sept 2018 3:17 PM IST
राजा भैया के पिता और प्रशासन मोहर्रम के दिन पूजन व भण्डारा पर आमने-सामने
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लखनऊ: प्रतापगढ़ जनपद के दक्षिणांचल स्थित कुंडा विधानसभा एक बार पुनः चर्चा में हैं। पर इस बार कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजाभइया नही बल्कि उनके पिता भदरी नरेश कुंवर उदय प्रताप सिंह के मोहर्रम के दिन हनुमान मंदिर पर भण्डारे एवं पूजन को लेकर। बहरहाल जिला प्रशासन एवं राजाभइया के पिता आमने-सामने हैं। अब देखना है क्या होता है?

पूजा पाठ का संविधान में है मौलिक अधिकारः कुंवर उदय प्रताप सिंह

कुंडा विधानसभा से विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजभइया के पिता भदरी स्टेट के नरेश कुंवर उदय प्रताप सिंह ने न्यूज ट्रैक से बातचीत में कहा कि यदि सरकार धर्म विरोधी कार्य करेगी तो उसका नुकसान उसे ही होगा। फिर संविधान में पूजा-पाठ करने को मौलिक अधिकार बताया गया है। प्रशासन अपने मन की करना चाहता है। यह गलत है।

शेखपुर आशिक गांव के हनुमानमंदिर पर मोहर्रम के दिन पूजा-भण्डार पर बैन

लखनऊ-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के कुंडा तहसील की बाबूगंज बाजार के आगे शेखपुर आशिक गांव में हनुमान मंदिर है। इस मंदिर पर राजाभइया के पिता कुंवर उदय प्रताप सिंह प्रतिवर्ष मोहर्रम के दिन पूजा एवं भण्डारा करते हैं। इसी ही दिन मोहर्रम का जुलूस भी निकलता है। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजाभइया के पिता के पूजा एवं भण्डारा पर रोक लगा दिया है। इस बावत कुंडा के सीओ राधेश्याम ने कहा कि प्रशासन एकदम अडिग है। रोक लगी रहेगी।

डीएम-एसपी ने कुंडा पहुंच मातहतों से ली पूरे मामले की जानकारी धारा 144 लागू

राजाभइया के पिता कुंवर उदय प्रताप सिंह के मोहर्रम के दिन शेखपुर आशिक गांव में हनुमान मंदिर पर पूजा एवं भण्डारा को लेकर बढ़ते मामले को देखते हुए जिला अधिकारी प्रतापगढ़ एवं पुलिस अधीक्षक कुंडा पहुंचे। दोनो सक्षम अधिकारियों ने उपजिलाधिकारी,सीओ कोतवाल व अन्य मातहतों के साथ बैठक कर पूरी जानकारी ली और धारा 144 लागू करा दिया है।

कुंडा तहसील के सभी व्यापारियों ने सोमवार को अपनी-अपनी दुकानें की थी बंद

कुंडा तहसील के लखनऊ-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कुंडा बाजार की सभी व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानों को पूर्ण बंद कर ऱखा था। इससे पूरी बाजारा में सन्नाटा पसरा था। जब प्रशासन को पता चला तो अधिकारी बाजार पहुंचे। लेकिन किसी व्यापारी ने नहीं बताया कि दुकानें क्यों बंद है। एक ज्ञापन बिना दस्तखत के एसडीएम को मिला था जिसमें लिखा गया था कि शेखपुर आशिक हनुमान मंदिर पर भण्डारा को लेकर दुकानें बंद की गयी हैं।

जिला प्रशासन राजाभइया के पिता को इसके पहले कर चुका है हाउस अरेस्ट

प्रतापगढ़ जनपद का जिला प्रशासन शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम के दिन हनुमान मंदिर पर पूजा एवं भण्डारा को लेकर सर्तकता बरतते हुए पिछले वर्ष कुंवर उदय प्रताप सिंह को उनके भदरी कोठी पर हाउस अरेस्ट कर चुका है। इसके लिए काफी संख्या में पुलिस अधिकारियों को लगाया जाता है। कुंडा में मोहर्रम के दिन पुलिस ही पुलिस दिखायी देती है।

पिछले वर्ष राजाभइया के पिता ने मोहर्रम के दूसरे दिन किया था भण्डारा

जिला प्रशासन के द्वारा भदरी कोठी में पिछले वर्ष हाउस मोहर्रम के दिन हाउस अरेस्ट होने के बावत राजाभइया के पिता कुंवर उदय प्रताप सिंह दूसरे दिन हनुमान मंदिर पहुंचे और समर्थकों के साथ पूजा पाठ कर भण्डारा किया था। अब इस बार देखना है कि क्या होता है।

विश्वहिन्दूपरिषद के बुलावे पर हनुमानमंदिर पर पहुंचते हैं कुंवर उदय सिंह

कुंडा तहसील के शेखपुर आशिक गांव के हनुमानमंदिर पर मोहर्रम के दिन होने वाले पूजा एवं भण्डारे का आयोजन विश्व हिन्दू परिषद आयोजित करता है। कुंडा विश्वहिन्दूपरिषद की तरफ से इस कार्यक्रम में भदरी नरेश को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया जाता है। कुंवर उदय सिंह कार्य़क्रम में पूरा समय देते हैं।

स्वतंत्र, स्वछंद जीवन जीते है कुंवर उदय प्रताप सिंह, राजाभइया रहते हैं मौन

कुंडा विधानसभा के भदरी स्टेट प्रमुख कुंवर उदय प्रताप सिंह एकदम अनोखी जीवन शैली जीते हैं। वह कभी ट्रैनों में यात्रियों को नाश्ता-पानी बंटवाते हैं तो कभी गरीबों की मदद में लग जाते हैं। उनकी सभी तरीके अनोखे होते हैं। लेकिन उनके किसी भी मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह पूरी तरह मौन साधे रहते हैं। हालाकि राजाभइया को जानकारिया सभी रहती है।

बेंती कोठी में राजाभइया तो भदरी कोठी में रहते हैं कुंवर उदय प्रताप सिंह

कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजाभइया अपनी मां, पत्नी और बच्चों के साथ बेंती कोठी रहते हैं। राजाभइया का जनता दरबार भी बेंती में ही लगता है। इसी के साथ ही उनेक पिता और कुंवर उदय प्रताप सिंह भदरी कोठी में रहते हैं। भदरी नरेश भी आम जनमनस से कभी-कभी रू-ब-रू होते हैं। हालाकि राजाभइया के पिता पहले बेती कोठी में रहते थे। भदरी कोठी उनके चाचा एवं हिमांचल प्रदेश के कभी राज्यपाल रहे राजा बजरंग बहादुर सिंह की है।



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