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वाराणसी के रजत सिनर्जी फाउंडेशन ने शुरु किया होप-ए ग्लोबल पाजिटिविटी कैम्पेन

रजत मोहन ने बताया कि बीते 16 दिनों में सभी धर्मों एवं कई सम्प्रदायों के आध्यात्मिक प्रार्थना का वीडियो प्रसारित किया गया।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 7 May 2021 10:15 PM IST
Rajat Synergy Foundation
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सूर्य की तरफ देखता एक शख्स (फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी प्राणघातक लहर के नकारात्मक माहौल के बीच विश्व की आध्यात्मिक राजधानी काशी से सकारात्मकता की नयी पहल शुरु हुयी है। इस मुहिम के तहत वाराणसी के रजत सिनर्जी फाउंडेशन ने सभी धर्मों की 16 प्रार्थनाओं की श्रृंखला को अपने 30 से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अलग अलग भाषाओं में प्रसारित कर पूरी दुनिया के 3.2 करोड़ लोगों में सकारात्मक चेतना जगाई है। रजत सिनर्जी फाउंडेशन ने अपनी इस सकारात्मक सोशल मीडिया मुहिम को होप-ए ग्लोबल पाजिटिविटी कैम्पेन का नाम दिया है।

फाउंडेशन के सचिव और वाराणसी के जाने माने उद्यमी रजत मोहन पाठक ने बताया कि जब संक्रमण अपने चरम पर है और लोग निराशा के भॅवर में फंसकर कमजोर होने लगे है तो ऐसे में सकारात्मकता की जरूरत है। अध्यक्ष श्रीमती भारती पाठक के संयोजन में रजत सिनर्जी फाउंडेशन अपने सामाजिक सरोकार का पालन करते हुए अपने अनूठे और सोशल मीडिया का सफल प्रयोग कर धर्म, सम्प्रदाय, देश की सीमाओं से परे 'सर्वे भवन्तु सुखिना, सर्वे सन्तु निरामया' के मंत्र के तहत ''होप'' आध्यात्मिक कैम्पेन के माध्यम से लोगों के मन से निराशा को दूर कर रहा है।
रजत मोहन पाठक ने बताया कि विगत 16 दिनों में सभी धर्मों एवं कई सम्प्रदायों के आध्यात्मिक प्रार्थना का वीडियो प्रसारित किया गया। जिसका लाभ भारत ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में रहने वाले लोगों ने सकारात्मकता के साथ प्राप्त किया।
गौरतलब है कि बीते साल भी रजत सिनर्जी फाउंडेशन ने लाक डाउन के दौरान पहली बार सोशल मीडिया का सफल प्रयोग करते हुए अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया था। फाउंडेशन ने स्टे होम, स्टे सेफ कैम्पेन के जरिए रोज हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, मैथली, मारवाड़ी, सिन्धी, मलयालम, कन्नड़, गुजराती, तेलगू, बंगाली सहित लगभग 20 भाषों में विशिष्ट जनों के 100 से अधिक संदेश प्रसारित कर लोगों को घरों में रहकर सुरक्षित रहने के लिए निरन्तर प्रेरित किया था। इस मुहिम से भी भारत सहित अन्तर्राष्ट्रय स्तर पर 1.2 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए थे। फाउंडेशन ने बीते साल नियमित रूप से प्रति दिन 10 घरों का सेनेटाइजेशन भी पूरे लाकडाउन के दौरान फाउंडेशन द्वारा कराया गया। जिसका लाभ 450 परिवारों को मिला।


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